पीड़ित परिवार का आरोप- अर्नब की वजह से जांच को दबाया गया
मुंबई: रिपब्लिक टीवी द्वारा कथित रूप से बकाया राशि का भुगतान नहीं किए जाने की वजह से 2018 में खुदकुशी करने वाले इंटीरियर डिजाइनर अन्वय नाइक के परिवार के सदस्यों ने बुधवार को दावा किया कि चैनल के प्रधान संपादक अर्नब गोस्वामी ने जांच को दबाने की कोशिश की थी।
पत्रकारों से बातचीत में नाइक की बेटी आज्ञा नाइक और उनकी पत्नी अक्षता नाइक ने दावा किया कि उन्होंने न्याय उपलब्ध कराने के लिए प्रधानमंत्री कार्यालय और रायगढ़ के पुलिस अधीक्षक को प्रार्थना पत्र भेजे थे।
पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि रिपब्लिक टीवी के प्रधान संपादक गोस्वामी को अलीबाग पुलिस ने 53 वर्षीय इंटीरियर डिजाइनर को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में मुंबई से गिरफ्तार कर लिया।
पत्रकारों से बातचीत में आज्ञा और अक्षता ने मामले में किसी भी प्रकार की राजनीति से इनकार किया।
उन्होंने गोस्वामी के खिलाफ कार्रवाई पर पुलिस का आभार व्यक्त किया और निष्पक्ष जांच का अनुरोध किया।
आज्ञा नाइक ने कहा, " हमने अपने पिता को न्याय दिलाने के लिए प्रधानमंत्री कार्यालय और रायगढ़ के पुलिस अधीक्षक समेत कई लोगों को प्रार्थना पत्र भेजे थे।"
उन्होंने आरोप लगाया, "अर्नब गोस्वामी की वजह से जांच को दबाया गया।"
आज्ञा नाइक ने एक सवाल के जवाब में कहा कि वे किसी राजनीतिक नेता को नहीं जानते हैं।
उन्होंने कहा, " हम राजनीति में नहीं आना चाहते हैं। हम किसी राजनीतिक पार्टी या व्यक्ति को नहीं जानते हैं। हम सिर्फ चाहते हैं कि मेरे मृत पिता को न्याय मिले।"
इस बीच, अक्षता नाइक ने कहा कि वह गोस्वामी के खिलाफ कार्रवाई करने पर महाराष्ट्र पुलिस की आभारी हैं।
उन्होंने कहा, " महाराष्ट्र पुलिस इस मामले की जांच करने के लिए अच्छी तरह से सक्षम है। मेरे पति ने सुसाइड नोट में अर्नब गोस्वामी समेत तीन व्यक्तियों का नाम लिखा था, लेकिन तब कोई गिरफ्तारी नहीं की गई थी। उन्होंने आत्महत्या इसलिए की, क्योंकि आरोपियों ने उनकी वाजिब बकाया राशि का भुगतान नहीं किया।"
पुलिस ने कहा था कि ‘कॉन्कॉर्ड डिज़ाइन्स प्राइवेट लिमिटेड’ के मालिक अन्वय नाइक ने ‘सुसाइड नोट’ में लिखा था कि गोस्वामी, ‘आईकास्टएक्स/स्कीमीडिया’ के फिरोज शेख और ‘स्मार्ट वर्क्स’ के नीतीश सारदा द्वारा बकाया पैसों का भुगतान न किए जाने की वजह से वह आत्महत्या कर रहे हैं।
पुलिस ने बताया कि ‘सुसाइड नोट’ के अनुसार, इन तीनों कंपनियों द्वारा नाइक को क्रमश: 83 लाख रुपये, चार करोड़ रुपये और 55 लाख रुपये दिए जाने थे।
इस साल मई में महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने घोषणा की थी कि उन्हें आज्ञा नाइक से शिकायत मिली है जिसके बाद उन्होंने मामले की फिर से जांच के आदेश दिए हैं।
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