दिल्ली: अग्निपथ योजना के ख़िलाफ़ छात्र-युवा संगठनों का साझा विरोध प्रदर्शन; पूछा 'कहाँ है हमारा रोज़गार?
देशभर में आज यानी 29 जून को संयुक्त रूप से युवा और छात्र संगठनों ने विवादित अग्निपथ योजना के ख़िलाफ़ विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया। इसी कड़ी में देश की राजधानी दिल्ली में युवा और छात्रों ने भी विरोध प्रदर्शन किया। दिल्ली में यह प्रदर्शन देश की संसद के कुछ सौ मीटर दूर जंतर मंतर पर किया गया।
इस विरोध प्रदर्शन में भारत की जनवादी नौजवान सभा(DYFI), स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया(SFI), ऑल इंडिया स्टूडेंट असोशिएशन(AISA), ऑल इंडिया स्टुडेंट फेडरेशन(AISF), ऑल इंडिया डेमोक्रेटिक स्टूडेंट ऑर्गनाइजेशन(AIDSO), ऑल इंडिया डेमोक्रेटिक यूथ ऑर्गनाइजेशन(AIDYO) जैसे तमाम युवा और छात्र संगठनों ने भागीदारी की और सभी ने सरकार से तत्काल अग्निपथ योजना को वापस लेने की मांग की।
छात्र संगठन SFI के राष्ट्रीय महासचिव मयूख विश्वास ने न्यूज़क्लिक से बात करते हुए दावा किया कि आज देशभर के अलग-अलग राज्यों में विरोध प्रदर्शन की कार्यवाहियां हो रही हैं।
मयूख ने बताया हरियाणा में नौजवान हज़ारों की संख्या में पैदल यात्रा पर निकले हुए हैं। जबकि हिमाचल और उतराखंड से भी लगातार विरोध प्रदर्शन की सूचनाएं हैं। इसके अलावा आपदा के बाद भी असम और त्रिपुरा में नौजवान सड़को पर हैं और इसी तरह बंगाल, बिहार, उड़ीसा के साथ ही दक्षिण भारत में आज के प्रदर्शन का व्यापक असर देखने को मिला है।
मयूख ने कहा, "नौजवानों और छात्रों का ये देशव्यापी गुस्सा दिखाता है कि 2014 में नौजवानों ने जो विश्वास मोदी और बीजेपी में दिखाया था अब वो खत्म हो गया है। नौजवानों को इस सरकार से कोई उम्मीद नहीं है इसलिए वो सड़को पर हैं।" मयूख ने नई विवादित सेना भर्ती योजना को लेकर कहा, "ये अग्निपथ नहीं बल्कि विनाशपथ है और इस सरकार ने खुले तौर पर अब युवा और छात्रों के खिलाफ़ युद्ध का एलान कर दिया है लेकिन हम भी डरने वाले नही हैं। हम इस ज़ालिम सरकार से मुकाबला करने के लिए तैयार हैं।"
नौजवान संगठन DYFI के राष्ट्रीय अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद ए.ए. रहीम भी इस प्रदर्शन का हिस्सा थे जिन्हें कुछ दिनों पहले इस योजना का विरोध करने के कारण पुलिस ने उनके अन्य कार्यकर्ताओं के साथ बलपूर्वक हिरासत में भी लिया था। वो एकबार फिर इस अग्निपथ योजना का विरोध करने जंतर-मंतर पहुंचे थे।
उन्होंने कहा, "हमारी स्पष्ट मांग है सरकार पहले इस अग्निपथ को वापस ले और दूसरा युवाओं को स्थाई रोजगार दे।"
रहीम ने कहा, "इसके साथ ही आज देश का युवा सरकार से पूछ रहा है कहां है मेरा रोजगार? क्योंकि इस सरकार ने सत्ता में आने से पहले देश के युवाओं को 2 करोड़ रोज़गार सालाना देने का वादा किया था। मोदी ने चुनाव से पहले देश को 'वन रैंक वन पेंशन' का वादा किया था अब वो 'नो रैंक नो पेंशन' की बात कर रहे हैं। ये धोखा है जिसके खिलाफ़ हम संघर्ष कर रहे हैं।"
रहीम ने इसके साथ देश के विपक्ष से भी अपील की और कहा, "हम चाहते हैं जितने भी गैर बीजेपी शासित लोकतांत्रिक सरकार है वो इस योजना के खिलाफ अपनी विधानसभाओं में प्रस्ताव पास करे।"
इस योजना के बाद से ही देशभर में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए थे। शुरुआत में तो ये आंदोलन काफी तीव्र था कई जगहों पर तो हिंसक घटनाएं भी हुई जिसके बाद पुलिस ने छात्रों, और युवा नेताओं के खिलाफ कार्यवाई शुरू कर दी। इन प्रदर्शनकारियों ने आंदोलन के दौरान हुए मुकदमों को एक साज़िश बताया और उसे वापस लेने को कहा।
मौसम जो AIDYO की नेता हैं उन्होंने कहा, "ये सरकार नौजवानों से डरी हुई है और इसलिए वो पुलिस का इस्तेमाल कर रही है। छात्र युवा नेताओं को जानबूझकर टारगेट किया जा रहा है जिससे आंदोलन कमज़ोर पड़ जाए।"
मौसम ने कमज़ोर दिखते आंदोलन को लेकर कहा, "ये बात गलत है कि आंदोलन कमज़ोर पड़ गया है बल्कि शुरुआत में युवाओं में बहुत गुस्सा था इसलिए कुछ जगह हिंसा हुई। अब इस आंदोलन का स्वरूप बदल गया है और ये लोकतांत्रिक तरीके से हर राज्य में चल रहा है।"
हालांकि एक तरफ जहां देशभर में अग्निपथ का विरोध चल रहा है, इसी बीच सरकार ने इस योजना के तहत भर्ती भी शुरू कर दी है। वायुसेना में 5000 पोस्ट के लिए नोटिफिकेशन निकल गया है और मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक़ 90 हज़ार से अधिक अभ्यर्थियों ने अबतक इसके लिए अप्लाई भी कर दिया है जिसे सरकार समर्थक इस तरह पेश कर रहे हैं कि ये दिखता है कि देश का युवा इस योजना से खुश है।
अभिज्ञान आईसा दिल्ली के नेता ने कहा, "ये कोई बड़ी बात नहीं है की छात्र नौजवान भर्ती के लिए अप्लाई कर रहे हैं। ये दिखता है देश में कितनी बेरोजगारी है कि युवा किसी भी तरह का काम करने के लिए तैयार है। लेकिन सवाल यह कि क्या युवाओं का भविष्य सुरक्षित है?"
महिला छात्र नेता और एआईडीएसओ की नेता श्रेया ने एक गंभीर सवाल उठाते हुए पूछा, "चार साल बाद ये नौजवान क्या करेंगे जिन्हे हथियार चलाने की ट्रेनिग मिली हुई रहेगी। क्या इससे समाज में क्राइम रेट नही बढ़ेगा? आज देश का युवा हताश है हम देख रहे हैं हर रोज़ युवा रोजगार के अभाव में आत्महत्या कर रहा है।"
इसी तरह का प्रदर्शन बिहार में भी किया गया। संयुक्त छात्र-युवा संगठनों ने अग्निपथ भर्ती योजना के खिलाफ विधानसभा से प्रस्ताव पारित करने की मांग को लेकर विधानसभा मार्च किया। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने "तानाशाह का साथ छोड़ो, नीतीश कुमार चुप्पी तोड़ो" के नारे भी लगाए ।
छात्र संगठन AISF के महासचिव विक्की महेश्वरी ने कहा कि सरकार नौजवानों से किया अपना 2 करोड़ नौकरी का वादा पूरा करे। अग्निपथ योजना युवाओं के साथ धोखा है ये एक तरह से यूज एंड थ्रो की पॉलिसी है।
विक्की ने कहा, "सरकार को मनरेगा की तरह ही शहरी नौजवानों के लिए भगत सिंह शहरी रोजगार गारंटी योजना शुरू करनी चाहिए।"
बिहार में ये विधानसभा सभा मार्च पटना के कारगिल चौक से शुरू हुआ और विधानसभा की ओर कूच किया लेकिन पुलिस बल ने सभी प्रदर्शनकारियों को रास्ते में ही रोक लिया। बड़ी संख्या में लेफ़्ट विधायकों सहित नौजवानों को हिरासत में भी लिया गया। इस मार्च का आयोजन आइसा, छात्र राजद, एनएसयूआई, आरवाईए, रोज़गार संयुक्त संघर्ष मोर्चा और सेना जवान भर्ती मोर्चा की ओर से किया गया था।
आइसा के राज्य सचिव सबीर कुमार व अध्यक्ष विकास कुमार, छात्र राजद के बिलाल खान, एनएसयूआई के अली राजा हाशमी और आरवाईए के शिवप्रकाश रंजन ने मार्च का आह्वान करते हुए संयुक्त रूप से जारी किए गए एक बयान में कहा, "अग्निपथ भर्ती योजना को वापस लेने, अग्निपथ आंदोलन के दौरान गिरफ्तार नौजवानों की रिहाई की मांग पर आयोजित इस मार्च में छात्र-युवाओं की व्यापक भागीदारी होगी। नीतीश कुमार की पार्टी ने अग्निपथ का विरोध किया था, लेकिन विधानसभा के अंदर नीतीश कुमार लगातार चुप हैं। उनकी चुप्पी के क्या अर्थ निकाले जाएँ? विधानसभा में पूरा विपक्ष एकजुट है, यदि नीतीश कुमार चाहें तो विधानसभा से अग्निपथ के खिलाफ प्रस्ताव पारित कराना एकदम संभव है लेकिन यही सरकार दूसरी ओर आंदोलनकारियों पर दमन ढाह रही है।"
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