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सीएए-एनआरसी विरोध : संसद कूच कर रहे जामिया के छात्रों को पुलिस ने रोका

सोमवार को संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) का विरोध करते हुए  दिल्ली में जामिया के छात्र सड़कों पर उतरे। इन्हें दिल्ली पुलिस ने ओखला स्थित होली फैमिली अस्पताल के पास रोक लिया है। इस पर छात्रों का गुस्सा भड़क उठा। छात्रों ने जमकर नारेबाज़ी की और पुलिस और छात्रों के बीच जमकर झड़प हुई।  
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दिल्ली में सोमवार को कई छात्र ,महिला और नौजवान सहित कई अन्य समाजिक संगठनों ने मंडी हाउस से  संसद मार्चा का आवाहन किया था। इसके साथ एकजुटता जाहिर करने के लिए जामिया मिल्लिया इस्लामिया के छात्रों और स्थानीय लोगों ने भी जामिया के गेट नंबर सात से संसद मार्च का आवाहन किया था। इस प्रदर्शन में डॉ कफील के परिवार के लोग भी शामिल हुए थे। प्रदर्शनकारीयों ने सीएए, एनआरसी के विरोध के साथ ही इस प्रदर्शन के दौरन गिरफ़्तार किये गए लोगो को भी तत्काल रिहा करने की मांग थी। डॉ कफील के साथ ही असम के अखिल गोगोई समेत दिल्ली के शरजील इमाम को रिहा करने की मांग थी।
 
परन्तु इन लोगों ने संसद की ओर मार्च शुरू ही हुआ था की पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को कुछ दूर चलने पर ही रोक लिया। जिसके बाद शांति से प्रदर्शन कर रहे है प्रदर्शनकारी और पुलिस आमने-सामने हो गए ।
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पुलिस ने कहा कि प्रदर्शनकारियों को संसद की ओर मार्च करने की इजाजत नहीं थी । विश्वविद्यालय के आसपास सुरक्षाकर्मियों की भारी तैनाती की गयी थी।

प्रदर्शनकारियों ने जामिया के गेट नंबर-सात से अपना मार्च शुरू किया । पुलिस ने उनसे अपना मार्च खत्म करने की अपील की।

प्रदर्शनकारी ‘‘कागज नहीं दिखाएंगे’ और ‘जब नहीं डरे हम गोरों से तो क्यों डरे हम औरों से’ जैसे नारे लगा रहे थे ।प्रदर्शन में कई महिलाएं भी थीं । हाथों में कई लोग तिरंगा थामे हुए थे और ‘हल्ला बोल’ के नारे लगा रहे थे । इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने मानव श्रृंखला भी बनायी।

प्रदर्शनकारी जेबा अनहद ने कहा, ‘‘दो महीने से हम प्रदर्शन कर रहे हैं। हमसे बात करने के लिए सरकार की तरफ से कोई नहीं आया, इसलिए हम उनके पास जाना चाहते हैं।’’
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एक महिला प्रदर्शनकरी ने बताया कि पुलिस ने उन लोगो के बाल खींचे हमें लातों से मारा गया हैं।राबिया जिनकी उम्र लगभग 50 वर्ष होगी उन्होंने बतया मर्द पुलिस ने उनके साथ बत्तमीजी की और उन्हें लाठी से पेट में मारा। जबकि पुलिस का कहना है कि वो लोगों को शांतिपूर्वक संसद की तरफ जा रहे थे।
 
पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को रोकने की कोशिश की तो उनकी धक्का-मुक्की हो गयी। कई प्रदर्शनकारी बैरिकेड को पार कर गए।इस दौरन प्रदर्शनकारियो ने यह भी दवा किया की कई लोगो को पुलिस ने हिरासत में भी लिया हैं। जिसके बारे में कोई जानकारी नहीं दी जा रही है।

सीएए के खिलाफ सैकड़ों प्रदर्शनकारियों ने जंतर मंतर की ओर किया कूच

दूसरी तरफ दिल्ली में इसी से जुड़ा एक और मार्च हुआ। जिसमें जामिया के छात्रों को भी भाग लेना था लेकिन वो इसमें शामिल नहीं हो सके। विद्यार्थियों और नागरिक संस्थाओं के सदस्यों समेत सैकड़ों लोग सोमवार को संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक पंजी का विरोध करते हुए मध्य दिल्ली में सड़कों पर उतरे।

विभिन्न आकार और रंगों की तख्तियां तथा बैनर लिए ये लोग पूर्वाह्न 11 बजे मंडी हाउस में एकत्र हुए और जंतर मंतर की ओर कूच शुरू किया। इस दौरान बड़ी संख्या में पुलिस और अर्धसैनिक कर्मी तैनात थे। पुलिस के एक अधिकारी ने कहा, ‘‘प्रदर्शनकारियों के पास मार्च निकालने की अनुमति नहीं है लेकिन जबतक वे शांति बनाये रखते हैं, तबतक हमें कोई दिक्कत नहीं है।’’

हालांकि प्रदर्शनकारियों ने दावा किया कि उनके पास अनुमति है और वे जंतर-मंतर तक मार्च करेंगे।प्रदर्शन में शामिल दस साल की उम्र के बच्चों से लेकर बुजुर्ग व्यक्तियों तक नागरिक संस्थाओं के सदस्य और विश्वविद्यालय के विद्यार्थी सीएए और सरकार के खिलाफ नारे लगा रहे थे।
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उनके हाथों में भगत सिंह और चंद्रशेखर आजाद जैसे स्वतंत्रता सेनानियों, सावित्रीबाई फुले जैसी समाज सुधारकों की तस्वीरें थीं। उन्होंने मांग की कि सरकार यह कानून वापस ले।डॉ. कफील खान की पत्नी और शरजील इमाम के भाई ने भी ‘वेलफेयर पार्टी ऑफ इंडिया’ के तत्वावधान में निकाले गए इस मार्च में हिस्सा लिया। खान को गोरखपुर के बीआरडी अस्पताल त्रासदी में लापरवाही और भ्रष्टाचार के आरोपों से सितंबर में बरी कर दिया गया था। पिछले दिनों उन्हें सीएए को लेकर भड़काऊ भाषण देने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। इमाम को देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किया गया है।

‘वेलफेयर पार्टी ऑफ इंडिया’ के राष्ट्रीय सचिव सिराज तालिब ने कहा, ‘‘ हम सीएए और एनआरसी के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। हमारे पास अनुमति है। मैंने पुलिस से बात की है और हम जंतर-मंतर की ओर मार्च कर रहे हैं।’’

(भाषा के इनपुट के साथ)

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