जम्मू कश्मीर में सोशल मीडिया के उपयोगकर्ताओं के खिलाफ मामले दर्ज करने की सीपीएम ने आलोचना की
दिल्ली:सीपीएम ने जम्मू कश्मीर में सोशल मीडिया का इस्तेमाल करने वाले कुछ लोगों के खिलाफ प्राथमिकी (एफआईआर) दर्ज किए जाने को लेकर सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि एक तरफ तो वह जम्मू कश्मीर में सामान्य हालात बहाल होने के झूठे दावे करती है और दूसरी तरफ वह इंटरनेट का इस्तेमाल करने पर लोगों के खिलाफ मामले दर्ज कर रही है।
सीपीएम के महासचिव सीताराम येचुरी ने मंगलवार को कहा कि इंटरनेट का इस्तेमाल करना लोगों का अधिकार है, ऐसे में लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करना निंदनीय है।
उल्लेखनीय है कि जम्मू कश्मीर पुलिस ने सोशल मीडिया के इस्तेमाल पर रोक लगाने संबंधी स्थानीय प्रशासन के आदेश का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सोमवार को एफआईआर दर्ज की थी। स्थानीय प्रशासन ने 14 जनवरी को जारी आदेश में सभी सोशल मीडिया साइट के प्रयोग को प्रतिबंधित किया था जिससे इस क्षेत्र में गलत जानकारियां फैलाने में सोशल मीडिया के दुरुपयोग को रोका जा सके।
येचुरी ने ट्वीट कर कहा, ‘‘सरकार ने कुछ चुनिंदा विदेशियों को कश्मीर के दौरे के लिये चुन कर इस क्षेत्र में सामान्य हालात बहाल होने के झूठे दावे किये हैं। वहीं, भारतीय नेताओं को वहां जाने से रोका गया और सोशल मीडिया का इस्तेमाल करने वाले स्थानीय लोगों के खिलाफ आतंकवाद निरोधक कानून के तहत मामले दर्ज किए जा रहे हैं।’’
Govt takes selected foreigners on guided tours of Kashmir, touting normalcy there. But Indian leaders are stopped and the locals charged under terror laws for using social media, when internet is a basic right of all Indian citizens. Shame on the govt and its thinking. pic.twitter.com/X60d2FRzzK
— Sitaram Yechury (@SitaramYechury) February 18, 2020
उन्होंने कहा, ‘‘इंटरनेट का इस्तेमाल करना सभी भारतीय नागरिकों का अधिकार है। सरकार और उसकी सोच शर्मनाक है।’’
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