कोविड-19: अमेरिका के अस्पतालों में मरीजों की बाढ़ से जूझ रहे हैं डॉक्टर
वाशिंगटन: अमेरिका में कोरोना वायरस के मामले बढ़ने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है और विभिन्न अस्पतालों में डॉक्टर मरीजों की बाढ़ से जूझ रहे हैं और उनके लिए यह फैसला लेना मुश्किल हो रहा है कि किन मरीजों को अस्पताल में भर्ती किया जाए और किन्हें नहीं।
मैरीलैंड के बाल्टीमोर में जॉन्स हॉप्किन्स अस्पताल के आपात विभाग में डॉक्टर डेनियल ब्रेनर कोविड-19 के कई मरीजों का इलाज कर रहे हैं।
मैरीलैंड में अभी तक 24 लोग जान गंवा चुके हैं और करीब 2000 मामले सामने आए हैं।
सैकड़ों मामले सामने आने पर ब्रेनर ने कहा कि यह पहचान करना बहुत मुश्किल हो गया है कि किन्हें अस्पताल में भर्ती किया जाए। उन मरीजों को, जिनमें बीमारी के गंभीर लक्षण देखे गए और उन्हें ऑक्सीजन देने की जरूरत है या उन्हें जो घर पर भी इस बीमारी से उबर सकते हैं। इस वक्त सही फैसला करना बहुत महत्वपूर्ण हो गया है।
ब्रेनर ने पूछा, ‘‘क्या बुजुर्ग लोगों को ज्यादा जरूरत है? या पहले से ही बीमार लोगों को?’’
उन्होंने कहा कि अलग-अलग डॉक्टरों की अलग-अलग राय है और देश में कोई आम सहमति नहीं है कि कौन-सा रुख सही है क्योंकि इस बीमारी का केवल दो महीने से ही अध्ययन किया जा रहा है।
कोरोना वायरस मरीज के लिए सबसे गंभीर बात एक्यूट रेस्पीरेटरी डिस्ट्रेस सिंड्रोम (एआरडीएस) है जिसमें फेफड़ें सिकुड़ जाते हैं और उनमें सूजन आ जाती है तथा शरीर में ऑक्सीजन की कमी हो जाती है।
ब्रेनर ने कहा कि कोविड-19 के मरीजों को वेंटीलेटर पर अन्य माध्यमों से एआरडीएस से पीड़ित होने वाले मरीजों के मुकाबले हवा के अधिक दबाव की आवश्यकता होती है।
न्यूयॉर्क जैसे क्षेत्रों में अस्पतालों में निजी रक्षा उपकरणों की भारी कमी है और डॉक्टर इन चुनौतियों का भी सामना कर रहे हैं।
ब्रेनर ने कहा कि कोरोना वायरस के मामलों के अलावा हमारे पास और भी मरीज हैं जो गंभीर रूप से बीमार हैं। उनकी भी देखभाल करनी है। अगर किसी मरीज को दिल का दौरा आता है और उसे खांसी भी है तो उन्हें कोविड-19 का संदिग्ध समझा जाता है। अगर वे बेहोश हैं तो भी उन्हें संक्रमित माना जाता है।
उन्होंने कहा कि इन सब चुनौतियों के बावजूद चिकित्साकर्मियों का मनोबल ऊंचा है। कुछ कर्मचारी अस्पताल में संक्रमित हुए लेकिन गनीमत है कि कोई भी गंभीर मामला सामने नहीं आया।
अमेरिका में कोरोना वायरस से छह सप्ताह के शिशु की मौत
न्यूयॉर्क: अमेरिका में कोरोना वायरस से छह सप्ताह के शिशु की मौत हो गई है। इस जानलेवा संक्रामक रोग के कारण जान गंवाने वाले लोगों में उसकी उम्र सबसे कम थी। कनेक्टिकट राज्य के गवर्नर ने यह जानकारी दी। गवर्नर नेड लैमंट ने बुधवार को ट्वीट किया कि नवजात को गत सप्ताहांत जब अस्पताल लाया गया था तो उसमें कोई गतिविधि नहीं हो रही थी और उसे फिर बचाया नहीं जा सका। गत रात जांच से पुष्टि हो गई कि वह कोविड-19 से संक्रमित था।
उन्होंने कहा, ‘‘यह बहुत ही दुखदायी घटना है। हमारा मानना है कि यह कोविड-19 के कारण सबसे कम उम्र के बच्चे की मौत का मामला है।’’
गत सप्ताह इलिनोइस के अधिकारियों ने बताया था कि वे एक साल से कम उम्र के बच्चे की मौत की जांच कर रहे हैं जो कोरोना वायरस से संक्रमित पाया गया था।
स्थानीय मीडिया के अनुसार यह बच्चा नौ महीने का था।
तेजी से फैल रहे इस विषाणु से अमेरिका में कम से कम 4,476 लोगों की मौत हो चुकी है। इसे उम्रदराज लोगों के लिए अधिक खतरनाक माना जा रहा है हालांकि अस्पतालों में युवा मरीज भी देखे जा रहे हैं।
कनेक्टिकट की सीमा से लगते न्यूयॉर्क राज्य में कोविड-19 से करीब 2,000 लोग जान गंवा चुके हैं।
न्यूयॉर्क, कनेक्टिकट और न्यू जर्सी के निवासियों को घरों में रहने का आदेश दिया गया है। तीनों राज्य से संक्रमण के 1,00,000 से अधिक मामले सामने आ चुके हैं।
अमेरिका रूस से खरीदेगा वेंटीलेटर, चिकित्सा सामान
वाशिंगटन, (भाषा): अमेरिका कोविड-19 के मरीजों के इलाज के लिए आवश्यक वेंटीलेटर, चिकित्सा आपूर्ति और निजी सुरक्षा के लिए अन्य जरूरी सामान रूस से खरीदने पर राजी हो गया है। एक शीर्ष अधिकारी ने यह जानकारी दी।
यह कदम तब उठाया गया है जब देश इस महामारी के खिलाफ युद्ध लड़ रहा है। व्हाइट हाउस ने आगाह किया है कि इस संक्रामक रोग से अगले पखवाड़े के दौरान दो लाख लोगों की मौत हो सकती है।
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने रूस के अपने समकक्ष व्लादिमीर पुतिन से 30 मार्च को टेलीफोन पर बातचीत की थी जिसके बाद रूस से सामान खरीदने का फैसला किया गया।
इस बीच, चिकित्सा सामान लेकर रूस का एक सैन्य विमान अमेरिका पहुंचा। संयुक्त राष्ट्र में रूस के मिशन के टि्वटर पेज पर बुधवार को पोस्ट तस्वीरों और वीडियो के अनुसार, एंटोनोव-124 न्यूयॉर्क के जेएफके हवाईअड्डे पर उतरा।
विदेश विभाग की प्रवक्ता मोर्गन ओर्टागस ने बुधवार को कहा, ‘‘राष्ट्रपति ट्रम्प और राष्ट्रपति पुतिन के बीच 30 मार्च को फोन पर हुई बातचीत के बाद अमेरिका वेंटीलेटर्स और निजी मेडिकल रक्षा उपकरण समेत आवश्यक चिकित्सा सामग्री रूस से खरीदने पर राजी हो गया जो न्यूयॉर्क शहर में एक अप्रैल को फेमा को सौंप दी गई।’’
उन्होंने कहा कि दोनों देशों ने पूर्व में भी संकट के समय में एक-दूसरे की मानवीय सहायता की है और इसमें कोई शक नहीं है कि वे भविष्य में भी ऐसा ही करेंगे।
ओर्टागस ने कहा, ‘‘जी20 देश पिछले सप्ताह कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में एक साथ मिलकर काम करने पर राजी हुए थे और हम इन देशों तथा अन्य के साथ निकटता से काम कर रहे हैं ताकि यह सुनिश्चित हो कि जरूरतमंद लोगों को आवश्यक चिकित्सा सामान मिले।’’
अमेरिका के अस्पतालों में वेंटीलेटर्स की कमी है। कुछ चिकित्सा उपकरण निर्माता आपूर्ति बढ़ाने पर राजी हो गए लेकिन कोविड-19 के मरीजों को अक्सर वेंटीलेटर की जरूरत होती है । इस बात को लेकर चिंता है कि इन उपकरणों को बहुत जल्दी बनाना संभव नहीं है।
जॉन्स हॉप्किन्स यूनिवर्सिटी के आंकड़ों के अनुसार, 175 से अधिक देशों में संक्रमण के 9,32,605 मामले सामने आए हैं और अभी तक 16,809 लोगों की मौत हो चुकी है।
दुनिया में सबसे अधिक 213,372 मामले अमेरिका में सामने आए हैं और वहां इस बीमारी से 5,000 से अधिक लोग जान गंवा चुके हैं।
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