बालासोर ट्रेन दुर्घटना में मृतक संख्या बढ़कर 291 हुई
कटक: बिहार के एक घायल यात्री की शनिवार को यहां एससीबी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में मृत्यु होने से बालासोर रेल दुर्घटना में मरने वाले लोगों की संख्या 291 हो गई है। यह जानकारी अधिकारियों ने दी।
अस्पताल सूत्रों ने कहा कि यात्री की पहचान बिहार के भागलपुर जिले के रोशनपुर निवासी साहिल मंसूर (32) के रूप में की गई है। सूत्रों ने कहा कि ट्रॉमा केयर के गहन चिकित्सा इकाई (आईसीयू) में उसका इलाज चल रहा था, मरीज गुर्दे से जुड़ी बीमारी से भी पीड़ित था और उसका डायलिसिस भी चल रहा था।
Death toll in Balasore train accident mounts to 291 after passenger from Bihar succumbs to injuries at SCB Medical College Hospital in Cuttack: Officials
— Press Trust of India (@PTI_News) June 17, 2023
एससीबी मेडिकल कॉलेज अस्पताल के अधीक्षक डॉ. सुधांशु शेखर मिश्रा ने कहा कि मरीज की मौत दिल का दौरा पड़ने के कारण हुई। उन्होंने बताया कि मंसूर को आंतरिक और बाहरी दोनों तरह की कई चोटें थीं और गुर्दे की समस्या भी थी।
मिश्रा ने कहा कि एससीबी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती 205 मरीजों में से 46 का अभी इलाज चल रहा है, जिनमें 13 मरीज आईसीयू में हैं। उन्होंने कहा, ‘‘आईसीयू में भर्ती 13 मरीजों में से दो से तीन व्यक्तियों की हालत गंभीर बनी हुई है।’’ उन्होंने कहा कि बाकी मरीजों की हालत स्थिर है।
बिहार के गोपालगंज जिले के पाथरा गांव के रहने वाले 22 वर्षीय प्रवासी श्रमिक प्रकाश राम की शुक्रवार को एससीबी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में मौत हो गई थी।
इससे पहले मंगलवार को बिहार के रहने वाले बिजय पासवान नाम के एक यात्री ने कटक के एससीबी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में दम तोड़ दिया था।
गत दो जून को हुए तीन ट्रेन हादसे में 287 व्यक्तियों की मौके पर ही मौत हो गई थी, जबकि 1,208 अन्य घायल हो गए थे। इस दुर्घटना में तीन ट्रेन-शालीमार-चेन्नई सेंट्रल कोरोमंडल एक्सप्रेस, बेंगलुरु-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस और एक मालगाड़ी शामिल थी।
एक अधिकारी ने कहा कि इस बीच, एम्स भुवनेश्वर में 81 शवों की अभी तक पहचान नहीं हो पायी है। एक अधिकारी ने कहा कि हालांकि 70 से अधिक लोगों ने डीएनए जांच के लिए अपने रक्त के नमूने पहले ही दे दिए हैं, फिर भी सत्यापन के लिए रिपोर्ट का इंतजार है।
एम्स भुवनेश्वर के अधिकारियों ने शनिवार को दिल्ली स्थित केंद्रीय फॉरेंसिक प्रयोगशाला को कम से कम 15 व्यक्तियों के डीएनए सैंपलिंग जांच रिपोर्ट भेजने के लिए पत्र लिखा, क्योंकि उनके परिवार के सदस्य पिछले 15 दिनों से शव लेने के लिए अस्पताल के बाहर बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।
(न्यूज़ एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)
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