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इंदौर मंदिर हादसे में मृतकों की संख्या बढ़कर 35 हुई

जिलाधिकारी ने बताया कि बावड़ी में गाद बेहद ज़्यादा है और गाद हटाकर लापता व्यक्ति की तलाश की जा रही है।
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फ़ोटो साभार: PTI

इंदौर (मध्यप्रदेश): इंदौर के एक मंदिर में रामनवमी पर बृहस्पतिवार को आयोजित हवन के दौरान पुरातन बावड़ी की छत धंसने से मरने वाले लोगों की संख्या बढ़कर 35 पहुंच गई है। प्रशासन के एक अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।

इंदौर के जिलाधिकारी डॉ. इलैयाराजा टी. ने घटनास्थल पर संवाददाताओं को बताया, ‘‘थलसेना, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) की मदद से चलाया जा रहा हमारा खोज अभियान पूरा होने वाला है और अब तक 35 शवों को बावड़ी से निकाला गया है।’’

इलैयाराजा ने बताया कि प्रशासन को लापता लोगों की जो सूची उनके परिजन से मिली थी, उनमें से एक व्यक्ति को छोड़कर सभी लोगों के शव बावड़ी के बाहर निकाले जा चुके हैं।

जिलाधिकारी ने बताया कि बावड़ी में गाद बेहद ज़्यादा है और गाद हटाकर लापता व्यक्ति की तलाश की जा रही है।

इससे पहले, इंदौर संभाग के आयुक्त (राजस्व) पवन कुमार शर्मा ने बताया कि हादसे में घायल 16 लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जबकि दो अन्य व्यक्तियों को प्राथमिक उपचार के बाद घर भेज दिया गया है।

चश्मदीदों ने बताया कि बृहस्पतिवार रात साढ़े 11 बजे के बाद बावड़ी से शवों को निकालकर पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल भेजे जाने का सिलसिला तेज हुआ।

थलसेना और एनडीआरएफ के संयुक्त दल को एक क्रेन और ट्रॉली की मदद से बावड़ी में नीचे उतारा गया जिसने शवों को बाहर निकाला।

अधिकारियों ने बताया कि मंदिर के संकरी जगह में बने होने के कारण बचाव कार्य में शुरुआत में बाधा आई और मंदिर की एक दीवार तोड़ कर पाइप इसके भीतर डाला गया और बावड़ी का पानी मोटर से खींचकर बाहर निकाला गया।

एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि धार्मिक कार्यक्रम के दौरान मंदिर में पुरातन बावड़ी की छत पर श्रद्धालुओं की काफी भीड़ थी और छत ज़्यादा लोगों का बोझ नहीं सहन कर सकी।

रहवासियों ने बताया कि मंदिर पुरातन बावड़ी पर छत डालकर बनाया गया था।

(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)

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