दिल्ली: डिलीवरी कर्मचारी की हत्या, यूनियन ने की 1 करोड़ के मुआवज़े की मांग!
दिल्ली के रंजीत नगर में शनिवार को दो लोगों ने खाना डिलीवर करने गए एक 39 वर्षीय डिलीवरी कर्मचारी की पीट-पीटकर हत्या कर दी थी। ये दिखाता है कि दिल्ली में किस असुरक्षित माहौल में डिलीवरी कर्मचारी काम करने को मजबूर हैं। इस तरह की घटनाएं जिसमें लूटपात और सड़क दुर्घटना आम बात हो गईं थीं लेकिन अब हत्या भी हो रही है। ये बेहद चिंता का विषय है लेकिन इनकी सुरक्षा को लेकर कोई भी सरकार गंभीर नहीं है और इनकी पार्टनर कंपनी जो वास्तव में इनके श्रम की मालिक होती है वो तो किसी भी हादसे की ज़िम्मेदारी लेने से बचती ही है। ऐप वर्कर्स यूनियन, दिल्ली-एनसीआर (ए.डबल्यू.यू.) ने इस हत्याकांड की कड़ी भर्त्सना की है, इसके अलावा परिवार के लिए एक करोड़ के मुआवज़े की मांग भी की है।
डिलीवरी कर्मी और इसी तरह कई अन्य ऑनलाइन माध्यमों से काम करने वाले लोग जिन्हें गिग वर्कर्स के तौर पर जाना जाता है, ये पूरा गिग अर्थतंत्र बन गया है। इसमें ड्राइवर से लेकर खाना और घर का सामान डिलीवरी करने वाले और साथ घरेलू सेवा देने वाले कर्मी भी शामिल हैं।
समाचार रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली के रणजीत नगर इलाके में शनिवार देर रात रोडरेज में डिलीवरी ब्वॉय की पीट-पीट कर हत्या कर दी गई। बता दें कि रास्ता देने को लेकर ये कहासुनी हो गई थी। आरोपियों ने स्कूटी सवार डिलीवरी ब्वॉय को पहले स्कूटी से धक्का दिया और फिर लात-घूंसों से पिटाई कर फरार हो गए। इस मामले की छानबीन करने के दौरान पुलिस ने सीसीटीवी कैमरे के ज़रिए कैब का नंबर लेकर हमला करने वाले दो आरोपियों की पहचान कर ली और उन्हें रविवार दोपहर गिरफ़्तार कर लिया। पुलिस के मुताबिक़ मृतक की शिनाख्त 39 साल के पंकज ठाकुर के रूप में हुई है जो अपनी पत्नी, एक बेटे और बेटी के साथ फरीदपुरी पटेल नगर में रहता था। वह खाने के सामान की डिलीवरी करता था।
यूनियन नेताओ ने कहा कि, "इस घटना ने ऐप कर्मचारियों की ख़तरनाक कार्यस्थिति को फिर से उजागर किया है। ऐप कंपनियां अक्सर बहुत ख़तरनाक परिस्थितियों में और बेहद शोषणकारी दरों पर ऐप कर्मचारियों को काम करने को मजबूर करती हैं। उन्हें कामगारों की सुरक्षा व सामाजिक सुरक्षा की कोई चिंता नहीं होती है। नतीजतन, जब कोई दुर्घटना होती है, तो कंपनियां ऐप कामगारों या उनके परिवारों को मुआवज़ा न देकर अपना पल्ला झाड़ लेती हैं। सरकारों का रवैया भी बेहद निराशाजनक है जिन्होंने ऐप-आधारित कंपनियों में कार्यरत कामगारों के मुद्दों पर उदासीन रवैया अख़्तियार किया हुआ है।”
"ऐप वर्कर्स यूनियन (ए.डबल्यू.यू.) ऐप कामगारों की सुरक्षा के प्रति सरकारों की उदासीनता की निंदा करता है, और मांग करता है कि मृतक डिलीवरी कामगार के परिवार को तत्काल एक करोड़ का मुआवज़ा दिया जाए। इसके अलावा, सरकारों द्वारा ऐप कामगारों की सुरक्षा व सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित करने और उन्हें ऐप कंपनियों के मनमाने नियम और शोषणकारी रवैये से बचाने के लिए तुरंत कदम उठाए जाने की मांग करता है।"
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