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ग्राउंड रिपोर्ट: बंजार विधानसभा क्षेत्र में ‘हफ्तों तक नहीं आता पानी’... डॉक्टर की राह देख रहा अस्पताल

भाजपा और कांग्रेस ने अपने-अपने मेनीफेस्टो जारी कर वादों का पुलिंदा गढ़ दिया है, लेकिन हिमाचल की जनता आज भी पीने के पानी को तरस रही है, जबकि स्वास्थ्य व्यवस्था भी वेंटिलेटर पर पड़ी हुई हैं।
Himachal Pradesh

वादों की फहरिस्त लेकर इन दिनों प्रधानमंत्री से लेकर गृह मंत्री तक हिमाचल की पहाड़ियों में भाजपा के लिए प्रचार कर रहे हैं, हेलीकॉप्टर पर बैठकर पहाड़ियों पर बसे बड़े शहरों के बड़े मैदान में जाते हैं और भाषण देकर वापस चले जाते हैं, लेकिन कभी उन गावों की ओर नहीं देखते, जहां लोग पीने के पानी तक को तरस रहे हैं।

केंद्र सरकार के साथ मिलकर हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री ने अगस्त 2022 तक प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में 100 फीसदी जल उपलब्ध करवाने की योजना बनाई थी, लेकिन आज की तारीख में भी लोग पीने के पानी के लिए तरस रहे हैं। पहाड़ियों पर बहुत ऊपर बसे लोग नीचे की ओर पानी लेने जाने को मजबूर हैं। बहुत से गावों में नल हैं लेकिन उसमें पानी नहीं आता, कनेक्शन के लिए कई किलोमीटर दूर से पाइपे आई हैं, जिनके ख़राब होने पर कई हफ्तों तक फॉल्ट समझ नहीं आता।

पानी की समस्याओं को जानने के लिए हम कुल्लू ज़िले की बंजार विधानसभा सीट पहुंचे, जिससे लगा विधानसभा सिराज कहलाता है, और यहीं से मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर विधायक हैं। इसके बावजूद यहां की क्या स्थिति है?

न्यूज़क्लिक से बातचीत कर बताया ब्लॉक कांग्रेस कमेटी के महासचिव डूर सिंह ठाकुर ने बताया कि बंजार के अंदर शिकारी घाट पंचायत आता है, 1997 में इसे सूखा घोषित किया गया था, उसके बाद से आज तक यहां पानी समस्या चल रही है, शिकारी घाट में पानी की सप्लाई बहुत दूर करीब 15 किलोमीटर दूर नीचे से आती है, इस बीच बहुत सी बस्तियां आती हैं, और किसी भी बस्ती में ठीक से पानी नहीं आता, जबकि आख़िर की तीन से चार बस्तियां तो हमेशा पीने के पानी के लिए तरसती रहती है। उन्होंने बताया कि सरकार जो कह रहे हैं, हर घर नल... खासकर बंजार में नल नहीं है, जहां लगा है वहां पानी नहीं है।

शिकारी घाट के उपप्रधान तरसेम बताते हैं कि हमारी समस्याएं कोई नहीं सुनता, पानी की मुख्य समस्या है, शिकारी घाट में पीने का पानी नहीं है, हमारी कमपलेंट के बाद विधायक जी ने कहा था कि पानी देंगे, फिर उन्होंने पानी दे दिया था, लेकिन फिर वहीं हाल हो गया, और आज पिछले एक महीने से पीने का पानी नहीं है। जो लोग जल विभाग में काम करते हैं, उन्हें फोन करते हैं तो वो भी हमारी बात नहीं सुनते हैं, और कहते हैं कि हमारी कंपलेन कर दो हम यहां से जाने के लिए तैयार हैं। पानी नहीं होने से सबसे ज्यादा समस्याएं घर की महिलाओं को होती हैं, चाहे सुबह शौचालय के लिए जाना हो या फिर दिन में या रात में खाना बनाना हो, घर में पानी नहीं रहता। मोदी जी कहते हैं शौचालय बनाओ, लेकिन जब पानी नहीं होगा तो शौचालय का क्या फायदा।

कई ग्रामीण तो ऐसे थे, जब उनसे समस्याएं के बारे में पूछा तो उन्होंने खूब बताया, दिन-रात होने वाली समस्याएं बताई, कहा शौच के लिए, खाना बनाने के लिए, यहां तक पीने तक के लिए पानी नहीं है... लेकिन जब उनसे कैमरा के सामने बोलने के लिए कहा तब उन्होंने मना कर दिया। और विधायक का नाम लेने से डरने लगे। ख़ैर... आपको बता दें कि यहां भाजपा के सुरेंद्र शौरी विधायक हैं।

सिर्फ पानी ही नहीं सुरेंद्र शौरी के विधानसभा क्षेत्र में अगर किसी को कोई स्वास्थ्य से संबंधित समस्या हो जाए तो 200 किलोमीटर दूर इलाज के लिए कुल्लू जाना पड़ता है। यहां एक अस्पताल है भी तो उद्घाटन की राह देख रहा है, यही के एक स्थानीय निवासी सतीश कुमार राणा बताते हैं कि इस अस्पताल का शिलान्यास पूर्व स्वास्थ्य मंत्री कौर सिंह ठाकुर ने किया था, जो आजतक पूरा नहीं हुआ, वर्तमान विधायक सुरेंद्र शौरी और मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर का विधानसभा क्षेत्रआपस में लगता है, इसके बावजूद अस्पताल पूरा नहीं बना। जबकि जयराम ठाकुर हों या विधायक सुरेंद्र शौरी... इन दोनों के विधानसभा क्षेत्र में कोई बीमार हो जाता है, तो इलाज के लिए 200 किलोमीटर दूर कुल्लू जाना पड़ता है। उन्होंने बताया कि यहां स्वास्थ्य के बुरे हाल हैं। यहां किसी भी तरह की कोई मशीनरी नहीं है, किसी भी तरह का कोई डॉक्टर नहीं है। या दो दिनों के लिए डॉक्टर आता है, और फिर चला जाता है। जब सुरेंद्र शौरी जी विधायक बने थे तब उन्होंने कहा था कि पांच साल के अंदर ये पूरा अस्पताल आपको तैयार मिलेगा लेकिन आज भी इसके हाल जस के तस हैं।

फिलहाल आपको बता दें कि भाजपा ने सीट‍िंग व‍िधायक सुरेंद्र शौरी पर भरोसा जताते हुए उनको एक बार फ‍िर चुनावी दंगल में उतारा है, उधर, कांग्रेस ने भाजपा छोड़कर आए द‍िग्‍गज भाजपा नेता और पूर्व एमएलए खीमी राम को प्रत्‍याशी घोष‍ित क‍िया और आम आदमी पार्टी ने नीरज सैनी को उम्‍मीदवार बनाया है, तीनों दलों के बीच मुकाबला बेहद ही कड़ा माना जा रहा है।

इन हालातों के बावजूद हिमाचल प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी राज नहीं रिवाज़ बदलने का दावा कर रही है।

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