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अब शिवराज सरकार पर उठे सवाल, आख़िर कितनी बार दोहराई जाएगी हाथरस जैसी अमानवीयता?

भोपाल के चर्चित प्‍यारे मियां कांड की पीड़ित एक नाबालिग बच्ची की मौत के बाद पुलिस द्वारा किए अंतिम संस्कार पर एक बार फिर सवाल उठने लगे हैं।
shiv raj singh

उत्तर प्रदेश पुलिस-प्रशासन की हाथरस मामले में खूब किरकिरी हुई थी। वजह बलात्कार की बर्बर घटना के अलावा पीड़िता का आनन-फानन में किया अंतिम संस्कार था। अब यही ट्रेंड मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में भी देखने को मिला है। खबरों के मुताबिक पुलिस नाबालिग पीड़िता के शव को अस्पताल से सीधे श्मशान घाट ले गई और वहां अंतिम संस्कार कर दिया।

मामले को तूल पकड़ता देख सीएम शिवराज सिंह चौहान ने जांच के लिए एसआईटी गठित की है लेकिन विपक्ष लगातार सरकार से सवाल कर रहा है कि आखिर हाथरस जैसी अमानवीयता कितनी बार दोहरायी जाएगी।

क्या है पूरा मामला?

भोपाल में बहुचर्चित प्‍यारे मियां के खिलाफ रेप की शिकायत दर्ज कराने वाली एक नाबालिग ने 20 जनवरी, बुधवार की रात एक सरकारी अस्‍पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया।

मीडिया में आई खबरों के मुताबिक पीड़िता को नींद की गोलियां खाने के बाद भोपाल के एक सरकारी अस्‍पताल हमीदिया में बीते सोमवार यानी 18 जनवरी को भर्ती कराया गया था। ये लड़की सरकारी आश्रय गृह में रह रही थी। अब सवाल ये है कि आखिर आश्रय गृह में उसे नींद की गोलियां कैसे मिलीं।

आपको बता दें कि पिछले साल जुलाई में स्थानीय अखबार चलाने वाले 68 साल के प्यारे मियां के खिलाफ पांच नाबालिग लड़कियों के साथ बलात्कार करने के आरोप में मामला दर्ज किया गया था। अब इनमें से दो लड़कियों के नींद की गोलियां खाने की खबर है।

परिजनों का आरोप, ज़हर देकर मारा है!

इस घटना को लेकर मृतक पीड़िता के परिवार ने पुलिस और प्रशासन पर काफी गंभीर आरोप लगाए। नाबालिग की मौत से लेकर उसके अंतिम संस्कार तक पूरे मामले पर उच्चस्तरीय जांच की मांग की है।

परिजनों ने बच्ची को जहर देने का आरोप बालिका गृह के स्टाफ पर लगाया है। इसके साथ ही उन्होंने इस बात पर भी नाराज़गी जाहिर की है कि उनके लाख कहने पर भी पुलिस ने बेटी का शव उन्हें नहीं सौंपा और अस्पताल से सीधे श्मशान घाट ले जाकर अंतिम संस्कार कर दिया।

मृतक पीड़िता के मां और भाई ने मीडिया से कहा कि हमें घटना के बारे में आधी रात को जानकारी दी गई थी, तब तक अस्पताल में उसका इलाज शुरू हो गया था। मौत के बारे में भी हमें जानकारी दी गई। इसमें शेल्टर होम प्रशासन की पूरी लापरवाही है। बाकी लड़कियों की सुरक्षा को लेकर भी हम चिंतित हैं।

न्यूज़18 से बातचीत करते हुए मृतक बच्ची के पिता ने कहा कि हमने पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों को बेटी का शव घर ले जाने के लिए बार-बार कहा था। लेकिन पुलिस का कहना था कि शव घर पर ले जाने से विवाद की स्थिति पैदा हो सकती है। डॉक्टर और पुलिस प्रशासन का व्यवहार हमारे प्रति ठीक नहीं था।

विपक्ष का सवाल

एमपी की घटना पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि हाथरस जैसी अमानवीयता कितनी बार दोहरायी जाएगी। बीजेपी सरकार महिला सुरक्षा में तो फेल है ही, पीड़िताओं और उनके परिवार से मानवीय व्यवहार करने में असमर्थ भी है।

पूर्व सीएम कमलनाथ ने इस घटना बेहद निंदनीय और शर्मनाक बताते हुए ट्वीट किया, “शिवराज सरकार में भांजियां कहीं भी सुरक्षित नहीं? प्रदेश की राजधानी में यौन शोषण की शिकार मासूम बच्चियां बालिका गृह में भी सुरक्षित नहीं? कितनी अमानवीयता, मृत पीड़िता को उसके घर तक नहीं जाने दिया, उससे अपराधियों जैसा व्यवहार? ”

कमलनाथ ने आगे कहा, “उसके परिवार को अंतिम रीति-रिवाजों से भी वंचित किया गया, यह कैसी निष्ठुर व्यवस्था, कहां है जिम्मेदार, प्रदेश को कितना शर्मशार करेंगे? मामला बेहद गंभीर, मामले की सीबीआई जांच हो, बाकी बालिकाओं को भी पूर्ण सुरक्षा प्रदान की जावे और उनके इलाज की भी समुचित व्यवस्था हो।”

गौरतलब है कि प्यारे मियां यौन शोषण मामले में एक नाबालिग बच्ची की मौत के बाद उन बच्चियों के परिजन बेहद डर गए हैं, जो अभी भी शेल्टर होम में रह रही हैं। परिजनों ने अधिकारियों से पूछा है कि अगर केस 20 साल चलेगा तो क्या बच्चियां तब तक शेल्टर होम में ही रहेंगी। परिजन अब भोपाल प्रशासन से अपनी बच्चियों को ले जाने की मिन्नतें कर रहे हैं।

प्यारे पर आख़िर कार्रवाई क्यों नहीं हुई?

बता दें कि प्यारे मियां का मामला खुलने के बाद एसआईटी ने अपनी जांच में पाया कि प्यारे करीब आठ बरस से नाबालिग लड़कियों का शोषण कर रहा था। जिसमें वो अपने साथियों की मदद से गरीब परिवार की लड़कियों को पैसे का लालच देता था, उनके खर्चे यहां तक की शादी कराने की भी ज़िम्मेदारी लेता था, और बदले में रेप करता था।

विपक्ष ने इस मामले को लेकर पहले भी शिवराज सरकार पर सवाल उठाया था कि आखिर अब तक प्यारे मियां पर कोई कार्रवाई क्यों नहीं हुई। क्या उसे राजनीति से लेकर पुलिस और प्रशासन सबसे संरक्षण प्राप्त था।

इसे पढ़ें: भोपाल: आख़िर सैक्स रैकेट का आरोपी प्यारे मियां अब तक कैसे बचा था!

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