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इंदौर में फ्लाईओवर के लिए 257 हरे-भरे पेड़ों पर अंधाधुंध तरीक़े से चली कुल्हाड़ी

257 वृक्षों पर इतने अंधाधुंध तरीक़े से कुल्हाड़ी चलाई गई है कि इनके स्थान पर केवल ठूंठ रह गए हैं।
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प्रतीकात्मक तस्वीर। साभार : National Herald

देश के सबसे स्वच्छ शहर इंदौर में 57 करोड़ रुपये की लागत से फ्लाईओवर बनाए जाने के लिए एक व्यस्त सड़क के किनारे लगे 1,300 से ज्यादा हरे-भरे पेड़ हटाकर इन्हें दूसरे स्थान पर लगाए जाने की योजना है, लेकिन शुरुआती दौर में इनमें से 257 वृक्षों पर इतने अंधाधुंध तरीके से कुल्हाड़ी चलाई गई है कि इनके स्थान पर केवल ठूंठ रह गए हैं।

हालांकि इस खुलासे के बाद इंदौर विकास प्राधिकरण (आईडीए) ने ठेकेदार कंपनी को कड़ी हिदायत देते हुए कहा है कि 257 पेड़ों के स्थानांतरण के बदले उसे सरकारी खजाने से कोई भुगतान नहीं किया जाएगा। 

आईडीए के अध्यक्ष जयपाल सिंह चावड़ा ने फ्लाईओवर निर्माणस्थल पर पेड़ों की कटाई का शुक्रवार को निरीक्षण किया। इसके बाद उन्होंने संवाददाताओं से कहा, "हमारे ध्यान में आया है कि एक निजी ठेकेदार कंपनी ने पेड़ों के स्थानांतरण में जल्दीबाजी करते हुए 257 वृक्षों को जरूरत से ज्यादा काट दिया है जिससे उनकी ऊंचाई बेहद कम रह गई है।’’ 

चावड़ा ने बताया, "ठेकेदार कंपनी से कहा गया है कि वह कटाई की तय वैज्ञानिक विधि का पालन करते हुए एक बार में केवल 10-10 पेड़ों को उखाड़ कर स्थानांतरित करे।’’ 
     
बहरहाल, रिंग रोड पर बड़ी तादाद में पेड़ों की एकसाथ कटाई से खजराना चौराहे के आस-पास छांव का संकट पैदा हो गया है, जबकि गर्मी के मौसम की अभी शुरुआत ही हुई है। इस व्यस्त चौराहे के मजदूर चौक पर काम की तलाश में कड़ी धूप में खड़े श्रमिकों में शामिल बुजुर्ग महिला रामा बाई ने कहा,"पेड़ कटने से हम मजदूरों को काफी दिक्कत हो रही है क्योंकि हमें काम की तलाश में खजराना चौराहे के आस-पास लगातार भटकना होता है। पहले हम इन पेड़ों की छांव में बैठ जाते थे।"     

आईडीए के एक अधिकारी ने बताया कि राज्य के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने रिंग रोड के खजराना चौराहे पर 57 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले फ्लाई ओवर के निर्माण की नींव नवंबर 2022 में रखी थी और छह लेन वाले इस फ्लाईओवर को 18 महीनों के भीतर बनाने का लक्ष्य तय किया गया है।

(न्यूज़ एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)

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