बेर्टा कासरेस के लिए न्याय की लड़ाई जारी है!
बेर्टा कासरेस के लिए न्याय की माँग करने वाला यह संघर्ष एक ऐसे संघर्ष के प्रतीक के रूप में तब्दील हो चुका है, जो किसी एक मामले में न्याय होने से कहीं अधिक का महत्त्व रखता है। यह नस्लवादी, नवउदारवादी, पूँजीवादी मॉडल के खिलाफ एक अंतर्राष्ट्रीय संघर्ष का हिस्सा है, जो संसाधनों की अपनी लूट को और तेजी से जारी रखने के लिए मूल निवासियों, अफ्रो-वंशज लोगों, किसानों, महिलाओं, एलजीबीटीक्यू लोगों, गरीबों और मजदूर वर्ग के लोगों की हत्या करने से लेकर उन्हें विस्थापित और उनके अपने संसाधनों को उनसे छीनता जा रहा है।
इन अपराधों के दोषी लोग, इस साधन-संपन्न दक्षिणी वैश्विक दुनिया में बहुतायत में हैं और उन्हें शायद ही कभी उनके अपराधों की सजा मिल पाती है। ऐसे उदाहरण बेहद दुर्लभ हैं जहाँ पर भाड़े के हत्यारों, मिलिशिया या अर्धसैनिक बलों के सदस्यों की गिरफ्तारी होती हो, या सरकार में बैठे लोगों, बैंकों और शक्तिशाली स्थानीय कुलीन वर्ग के लोग जो इस पूरी योजना को तैयार करते हैं और इसके लिए धन मुहैय्या कराते हैं, उनपर कभी आँच भी आई हो।
बेर्टा कासरेस
बेर्टा कासरेस की हत्या 2 मार्च, 2016 को उनके घर होंडुरस के ला एस्पेरंज़ा में की गई थी। वे सिविक काउंसिल ऑफ़ पॉपुलर एंड इंडिजेनस आर्गेनाइजेशनस ऑफ़ होंडुरास (COPINH) की सह-संस्थापक और समन्वयक (कोऑर्डिनेटर) थीं, और 2009 में तख्तापलट के बाद से होंडुरास को एक बार फिर से खड़ा करने के लिए चल रहे आन्दोलन की एक महत्वपूर्ण राष्ट्रीय नेता के रूप में उभर कर सामने आई थीं।
पश्चिमी होंडुरास के रियो ब्लैंको क्षेत्र में बेर्टा कासरेस, जहां वे COPINH (द काउंसिल ऑफ़ पॉपुलर एंड इंडिजेनस आर्गेनाइजेशनस ऑफ़ होंडुरास) और रियो ब्लैंको के आमजन ने अगुआ जारचा पनबिजली परियोजना, जिसने स्थानीय पर्यावरण, नदी और क्षेत्र के स्वदेशी लेन्का निवासियों के जीवन के लिए बेहद गंभीर खतरा पैदा कर दिया था, के निर्माण पर रोक लगाने के लिए संघर्ष का बिगुल फूंक रखा था। बेर्टा कासरेस कोपिंह (COPINH) और रिओ ब्लैंको के सदस्यों के साथ एक बैठक में संघर्ष के दौरान मारे गए सामुदायिक सदस्यों को याद करते हुए। फोटो: गोल्डमैन एनवायर्नमेंटल प्राइज
अपनी हत्या से पहले भी कॉसररेस को होंडुरन पुलिस के सदस्यों के अलावा निजी सुरक्षा गार्डों और डेसरोलर एनर्जेटिकोस एस.ए. (डीईएसए-DESA) कंपनी के कर्मचारियों की ओर से धमकियों, आपराधिक कृत्यों और शारीरिक हिंसा का शिकार होना पड़ा था। इसकी मूल वजह, उनके द्वारा गुअलकार्कुए नदी पर बनाए जा रहे पनबिजली परियोजना के खिलाफ सक्रिय भूमिका निभाने के कारण थी, जो नदी स्वदेशी लेंका लोगों के लिए पवित्र मानी जाती है।
जबसे देसा-DESA का अगुआ जारचा प्रोजेक्ट 2013 शुरू हुआ, तभी से कोपिंह-COPINH, लेंका लोगों के रियो ब्लैंको समुदाय के साथ उनके प्रतिरोध संघर्षों के साथ रहा है। अपने बहादुराना एवं निरंतर संघर्ष के जरिये उन्होंने प्रोजेक्ट के काम को कई वर्षों तक रोके रहने में सफलता प्राप्त की थी, और यहां तक कि चायनीज कम्पनी सिनोहाइड्रो जैसे विदेशी निवेशकों को अपने हाथ खींचने पर मजबूर कर दिया था।
हालाँकि, यह परियोजना होंडुरन सरकार के बेहद महत्त्व का विषय बनी रही। इस परियोजना के कुछ विदेशी निवेशकों में फिनफण्ड, वर्ल्ड बैंक, यूएसएआईडी (USAID), एफएमओ (FMO), सेंट्रल अमेरिकन बैंक फॉर इकोनॉमिक इंटीग्रेशन और अन्य शामिल हैं।
अंदरूनी तौर पर होंडुरास सरकार डीईएसए-DESA और होंडुरन सेना की मिलीभगत कर परियोजना के खिलाफ चल्र रहे प्रतिरोध संघर्ष को असफल करने के लिए पुरजोर कोशिश करते रहे। इस सन्दर्भ में ढेर सारी रिपोर्टें और जाँच सामने आई हैं, जिनमें विशेषज्ञों के अंतर्राष्ट्रीय सलाहकार समूह द्वारा जारी की गई रिपोर्ट (ग्रुपो एसेसोर इंटरनेशिओनल डी पेर्सोनास एक्स्पेरतास, जीएआईपीई-GAIPE) और द इंटरसेप्ट द्वारा जारी की गई हालिया जांच से इस पूरे समन्वित अभियान और संचार के आदान प्रदान के आंतरिक कार्यकलापों का खुलासा हुआ है। इस अभियान ने कोपिंह-COPINH संगठन में किसी तरह घुसपैठ करने, बेर्टा और अन्य सदस्यों के आने-जाने, बातचीत और आदतों का पता लगाने और निगरानी करने, मीडिया को खरीदकर COPINH के खिलाफ अफवाह फैलाने और हिंसक गतिविधियों को अंजाम देने की योजना तक शामिल हैं।
होंडुरास के अटॉर्नी जनरल के पास इस बात के सबूत मौजूद हैं, जिसमें देसा-DESA के निदेशक मंडल और कार्यकारी अधिकारियों के बीच एक ग्रुप चैट का इस्तेमाल किया गया है, जिसे “सेगुरिदाद फाज़-Seguridad PHAZ" कहा जाता है, या गैर-संक्षिप्त अंग्रेजी में इसे "अगुआ जारचा हाइड्रोइलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट सिक्यूरिटी" कहेंगे। इस चैट में इस बात पर चर्चा चल रही है कि कोपिंह-COPINH क्या कर रहा है, प्रतिक्रिया किस प्रकार से दी जाय और सरकार और मीडिया पर किस तरीके से अपना प्रभाव बढ़ाया जाये।
इस बातचीत में उन्होंने इशारों-इशारों में बेर्टा के खिलाफ उठाये गए क़दमों और उनकी हत्या कैसे की जायेगी, इसके बारे में विवरण पर भी बातचीत की। इस चैट में देसा-DESA के अध्यक्ष डेविड कैसिलो, मुख्य वित्तीय अधिकारी डैनियल अटाला मिड़ेंस, देसा-DESA बोर्ड के सदस्य जोस एडुआर्डो अटाला ज़ब्लाह और पेड्रो अटाला ज़ब्लाह, DESA के सामाजिक, पर्यावरण और संचार प्रबंधक सर्जियो रॉड्रिग्ज़, DESA के सुरक्षा प्रमुख जोर्ज अविला और अन्य डीईएसए-DESA कर्मचारी शामिल थे।
अभी तक फाज़-PHAZ सुरक्षा ग्रुप के बाहर से सिर्फ सर्जियो रॉड्रिग्ज़ को ही पेश किया गया था, और दोषी सिद्ध पाया गया। 2 मार्च 2018 को डेविड कैस्टिलो की गिरफ्तारी हुई थी, लेकिन उसके खिलाफ मुकदमे में बार-बार विलम्ब हो रहा है. यदि उसके खिलाफ कानूनी कार्यवाही 2 मार्च, 2020 से पहले शुरू नहीं होती है, तो होंडुरन कानून के तहत उसे रिहा कर दिया जाएगा। होंडुरन न्याय प्रणाली ने इस प्रकार के कोई संकेत नहीं दिए हैं कि वह देसा-DESA के अधिकारियों, बोर्ड मेम्बरान और शक्तिशाली अटाला ज़ब्लाह परिवार के सदस्यों पर चल रही अपनी जांच में कहीं से आगे बढ़ता दिख रहा हो।
एक महीने पहले, सात लोगों को सजा सुनाई गई। यह सजा उन्हें उनके एक साल पहले दोषी पाए जाने के बाद सुनाई गई है, जिसमें यह पाया गया था कि ये लोग हत्या में शामिल थे। कोपिंह-COPINH इसे "भौतिक लेखकों" के रूप में संदर्भित करता है; एक भाड़े के हत्यारे के रूप में जिन्होंने इस घिनौने काम को अंजाम दिया था। इनमें से कुछ होंडुरास के पूर्व मिलिटरी सैनिक और देसा-DESA के पूर्व कर्मचारी हैं। जहाँ एक ओर उनकी सजा और अपराध सिद्धि को न्याय के लिए जारी संघर्ष के रूप में एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में मनाया गया, वहीँ कोपिंह-COPINH, बेर्टा का परिवार एंव अन्य होंडुरन नागरिकों और अंतरराष्ट्रीय संगठनों की लगातार यह मांग है कि शक्तिशाली हितधारकों को भी, जिन्हें एक तरह से पूरी तरह से अभयदान प्राप्त है, उनपर भी मुकदमा चले और उनके अपराधों के लिए दण्डित किया जाये।
न्याय की खातिर चलने वाले इस पूरे संघर्ष के दौरान, कोपिंह-COPINH के सदस्यों और बेर्टा के परिवार वालों को लगातार धमकियाँ मिलती रही हैं, हत्या के कई प्रयास हुए हैं, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मीडिया में बदनाम किया गया है, और यही नहीं, बल्कि मामले की पहली सुनवाई के दौरान अदालती कार्यवाही तक से बाहर रखा गया था। इन सब बेहद विपरीत परिस्थितियों के बावजूद उन्होंने कुछ ख़ास लोगों के अपराधों पर मिलने वाले अभयदान के खिलाफ, राज्य-सत्ता द्वारा तथ्यों को मिटाने और उसके साथ छेड़छाड़ करने की कोशिशों के खिलाफ अपना संघर्ष जारी रखा है, और साथ ही होंडुरास में उपनिवेशवाद-विरोधी, पूंजीवाद-विरोधी और पितृसत्तात्मक-विरोधी प्रतिरोध के निर्माण का कार्य जारी रखा है।
कोपिंह-COPINH और अन्य मित्र संगठनों के सदस्य एक आध्यात्मिक समारोह में भाग लेते हुए। फोटो: COPINH
साभार: पीपुल्स डिस्पैच,
अंग्रेजी में लिखा मूल आलेख आप नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक कर पढ़ सकते हैं।
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