मुंडका : दो सफ़ाई कर्मियों की मौत के ख़िलाफ़ केवाईएस ने किया विरोध प्रदर्शन
क्रांतिकारी युवा संगठन (केवाईएस) ने बुधवार को दिल्ली विश्वविद्यालय के आर्ट्स फैकल्टी पर मुंडका में सीवर साफ करते वक्त हुई दो सफाई कर्मचारियों की मौत के खिलाफ विरोध प्रदर्शन का आयोजन किया। इस विरोध प्रदर्शन में आम छात्रों के अलावा दिल्ली के अलग-अलग संस्थानों के सफाई कर्मचारियों ने भी शिरकत की।
प्रदर्शन के दौरान भारत का झण्डा उठाकर यह विडंबना दिखाई गयी कि आज़ादी के 75 साल बाद भी सफाई कर्मचारी गटर और सीवर में मरने को मजबूर किए जा रहे हैं। केवाईएस मुंडका में सफाई कर्मचारियों की मौत के मामले में दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार की कड़ी निंदा करता है। ज्ञात हो कि इन सफाई कर्मचारियों को सीवर में जाने के लिए मजबूर किया गया था, और सीवर साफ करते वक्त दम घुटने से दोनों की मौत हो गई।
बता दें कि हर साल कई सफाई कर्मचारी सीवर और सेप्टिक टैंक की सफाई करते हुए मौत होती है। यह गैरकानूनी प्रथा आजादी के 75 साल बाद भी मौजूद है। भारत सरकार एक ओर जहाँ चाँद पर जाने के लिए अपनी पीठ थपथपाती है, वहीं दूसरी ओर, देश में मशीनीकरण की कमी के चलते सफाई कर्मचारियों की मौत सीवरों में लगातार मौतें हो रही हैं।
केवाईएस ने अपने बयान में कहा, "सफाई कर्मियों की सुरक्षा की आपराधिक अनदेखी के पीछे समाज में व्यापक रूप से व्याप्त जातिवादी मानसिकता और वर्गीय भेदभाव हैं। बहुसंख्यक सफाई कर्मी दलित समुदाय से आते हैं और बेहद खराब हालातों में काम करने और रहने के लिए मजबूर हैं। इन आर्थिक व सामाजिक अक्षमताओं के चलते ही वे सरकारों की उदासीनता का शिकार होते हैं। इसके साथ ही सभी सरकारी विभागों में सफाई कर्मचारियों की कान्ट्रैक्ट आधारित नियुक्ति उनके लिए और भी मुश्किलें खड़ी करती हैं। कानूनी रोक के बावजूद हाथ से सफाई कराने की अमानवीय प्रथा जारी है और इस तरह की घटनाएं लगातार हो रही हैं। यही नहीं, सफाई के अधिकतर काम के निजीकरण के चलते, मालिक और ठेकेदार कर्मचारियों को रोज यह जोखिमभरा काम करने को मजबूर करते हैं। इस समस्या के लगातार बढ़ने के साथ, सरकारों की उदासीनता यह सुनिश्चित करती है कि ऐसे हादसे होते रहें। इसके अतिरिक्त, श्रम कानूनों के कार्यान्वयन के अभाव में निजी ठेकेदारों को शोषण की छूट मिलती है और इस से पूरे देश के कामगारों का जीवन बदतर स्थिति में बना रहता है। इस घटना से न केवल सफाई कर्मचारियों, बल्कि अनौपचारिक क्षेत्र में कार्यरत सभी कामगारों का मालिकों के हाथों होने वाला अतिशोषण उजागर होता है।"
केवाईएस ने माँग उठाई है कि सफाई कर्मचारियों की मौत के लिए जिम्मेदार सभी लोगों को तुरंत गिरफ्तार किया जाए, और उन्हें हत्या के लिए सख्त से सख्त सज़ा सुनिश्चित की जाए। साथ ही, मृतकों के परिवार को 50 लाख का मुआवजा व परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी सुनिश्चित की जाए। केवाईएस ने यह भी मांग कि है कि निगम परिषदों, निजी कंपनियों और ठेकेदारों द्वारा सफाई कर्मचारियों के शोषण को खत्म किया जाए। साथ ही, कर्मचारियों को स्थायी सरकारी नौकरियां दी जाएं और निजीकरण खत्म किया जाए। सभी सफाई के काम का पूर्णतः मशीनीकरण किया जाए। केवाईएस केंद्र, दिल्ली और अन्य राज्य सरकारों की कड़ी आलोचना करते हुए कहा उनकी नीतियों के कारण आज भी सफाई कर्मचारियों की मौतें हो रही हैं। आने वाले दिनों में केवाईएस इसके खिलाफ एक बड़ा आंदोलन खड़ा करने का ऐलान किया है।
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