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‘नहीं देखने आया कोई बड़ा नेता’ : दिल्ली में इलाज करा रहे मणिपुर के BJP MLA की पत्नी का छलका दर्द

मणिपुर में तीन मई से शुरू हुई हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही। हिंसा की तस्वीरें देश और दुनिया के सामने आ रही हैं। मई से दिल्ली में इलाज करवा रहे हिंसा का शिकार हुए BJP MLA के परिवार से हमने बातचीत की।
Manipur BJP MLA

एक करवट से दूसरी करवट बदलते, कुछ बोलने की कोशिश करते और फिर बेबस होकर एकटक सामने निहारने की कोशिश करते, ऐसा लग रहा था कि ये प्रक्रिया लूप में चल रही हो। शरीर पर जख्मों के निशान, प्लास्टिक सर्जरी के बावजूद चेहरा सामान्य नहीं लग रहा था। हमने उनका हालचाल जानने के लिए एक सवाल पूछा जिसके जवाब में उन्होंने कहा ‘I am Fine’ (मैं ठीक हूं) लेकिन उनकी हालात देखकर फिर हमारी हिम्मत नहीं हो पाई कि हम उनसे दूसरा सवाल भी कर पाएं। हम मणिपुर के बीजेपी विधायक वुंगजागिन वाल्टे से मुलाकात करने उनके दिल्ली में किराए के घर पर पहुंचे थे। वाल्टे कुकी समुदाय से आते हैं और एक आदिवासी विधायक हैं।

BJP MLA का दिल्ली में चल रहा है इलाज

बीजेपी विधायक वाल्टे का क़रीब-क़रीब पूरा कुनबा दिल्ली में है, जिस घर में वे रह रहे हैं उसमें क़रीब 13-14 लोग हैं। वाल्टे पर 4 मई को मणिपुर में हमला हुआ था जिसमें उनके ड्राइवर की मौत हो गई थी जबकि उन्हें गंभीर हालत में दिल्ली लाया गया था, फिलहाल वो दिल्ली में ही रह कर अपना इलाज करवा रहे हैं। हमने उनकी पत्नी, देखभाल में लगे परिवार के दूसरे सदस्य और रिश्तेदारों से बातचीत की।

फोन आया "भीड़ ने आपके पिता को मार डाला"

वाल्टे की पत्नी Mawinu Valte ने बहुत कुछ कहा और बहुत कुछ नहीं कह पाईं। आज भी वो उस दिन की एक-एक बात साफ तौर पर बयां कर रही थीं। उन्होंने बताया कि कैसे 3 मई को हिंसा शुरू होते ही लोगों ने उनके पति को मदद के लिए लगातार फोन करने शुरू कर दिए थे। हर तरफ गहमागहमी का माहौल था। वाल्टे परिवार इंफाल में विधायक आवास में रह रहा था। मदद के लिए उन्होंने लोगों को भी यहां पनाह दी। चार मई को सीएम से मीटिंग के लिए निकले वुंगजागिन वाल्टे पर लौटने के दौरान हमला हुआ। उनकी पत्नी बताती हैं कि उस वक़्त उनके साथ उनका ड्राइवर और पीएसओ भी साथ थे। वे बताती हैं कि "करीब डेढ़ (1:45) बजे उन्हें वुंगजागिन वाल्टे ने फोन किया लेकिन वो लोगों की मदद करने में व्यस्त थी इसलिए फोन नहीं उठा पाई" लेकिन फिर कुछ देर बाद उनके छोटे बेटे के पास फोन आया कि "भीड़ ने आपके पिता को मार डाला" लेकिन जब वाल्टे की पत्नी अस्पताल (रिम्स) पहुंची तो डॉक्टरों से पता चला कि पति ज़िंदा हैं। वो बताती हैं, "जैसे ही मैंने अपने पति को उस हालात में देखा मैंने इमरजेंसी रूम में बेतहाशा रोना शुरू कर दिया, कोई मदद के लिए नहीं था, लेकिन डॉक्टर ने हिम्मत दी।"

मुश्किल से बची जान

वाल्टे को एयरलिफ्ट कर दिल्ली लाया गया और यहां उनका इलाज शुरू हुआ। उनके चेहरे के बाएं हिस्से में बहुत से फ्रैक्चर हुए, साथ ही बाई आंख भी गंभीर रूप से प्रभावित हुई। उनकी पत्नी के मुताबिक शरीर का बायां हिस्सा ठीक से काम नहीं कर पा रहा है, लेकिन अब सेहत में सुधार आने पर वे कुछ मुस्कुरा कर कहती हैं "हर दिन उनकी तबीयत में सुधार हो रहा है", लेकिन परिवार के एक रिश्तेदार के मुताबिक "उनकी याददाश्त पर असर पड़ा है।"

हिंसाग्रस्त मणिपुर से निकल कर आईं Mawinu Valte कहती हैं कि "ये बहुत ही डरा देने वाला है उस बारे में बात करना, हम जिस हालत में थे उसी में वहां से निकले, हमें कोई वक़्त नहीं मिला।"

हमने उनसे पूछा कि क्या वो वापस जाना चाहती हैं तो उनका जवाब था "हम मणिपुर कैसे जा पाएंगे? आज तक हालात ठीक नहीं हैं।"

अलग एडमिनिस्ट्रेशन की मांग

हमने उनसे पूछा कि क्या वे कुछ कहना चाहती हैं? तो उनका जवाब था "मैं सेंट्रल गवर्नमेंट से गुज़ारिश करना चाहती हूं कि हमारी समस्या को सुलझाया जाए, अगर वो हमें अलग एडमिनिस्ट्रेशन दे देते हैं तो समस्या हल हो जाएगी, अगर ऐसा नहीं होता तो हम कैसे सर्वाइव कर पाएंगे?”

बीजेपी विधायक की पत्नी की मांग को क्या राजनीतिक नज़रिए से हटकर देखने की ज़रूरत है? आख़िर क्या है इस समस्या का हल? वे बहुत ही दबी ज़बान में बताती हैं कि कुछ बीजेपी से जुड़े लोग उनसे मिलने आए लेकिन उन नामों में कोई भी बड़ा नाम हमें नहीं मिला।

वाल्टे सीएम बीरेन सिंह के सलाहकार हैं

गौरतलब है कि वुंगजागिन वाल्टे सीएम बीरेन सिंह के सलाहकार हैं, साथ ही वे फेरज़ावल जिले के थानलोन से तीन बार के विधायक और पूर्व में आदिवासी मामलों के मंत्री रह चुके हैं। 

यहां एक सवाल ये भी है कि बीजेपी नेता होने के बावजूद वुंगजागिन वाल्टे की कुकी पहचान उनके लिए जानलेवा साबित हुई। इस घटना से एक बड़ा सवाल ये भी उठता है कि जब बीजेपी विधायक पर जानलेवा हमला किया गया तो आम लोगों का क्या हाल होगा?  

"बुरी तरह से टॉर्चर किया गया"

हमने वुंगजागिन वाल्टे के घर में मौजूद उनके एक रिश्तेदार M.Pau Mvan Sang से भी बात की, उन्होंने बताया कि "अभी वुंगजागिन वाल्टे की याददाश्त पहले के मुकाबले ठीक है। उन्हें जो याद आ रहा है वो बता रहे हैं, तो उन्होंने बताया कि जब भीड़ ने उनपर हमला किया तो उन्होंने रास्ता भी बदला लेकिन फिर मैतेई का एक ग्रुप 'आरामबाई' आ गया और वे उन्हें पकड़ कर ले गए।" Mvan Sang आरोप लगाते हैं कि "वाल्टे को बहुत ही बुरी तरह से टॉर्चर किया गया और उन्हें बिजली के झटके भी दिए गए।"

"होम टाउन से भगा दिया जाए तो कैसा लगेगा?”

परिवार और रिश्तेदारों को इस बात की तसल्ली है कि वाल्टे की तबीयत धीरे-धीरे ही सही लेकिन सुधर रही है लेकिन घर से दूर इन लोगों के लिए वापस लौटना कितना मुश्किल है, ये हमने जानने की कोशिश की जिस पर Sang कहते हैं, "अपना घर छोड़कर रहना किसी के लिए भी बहुत मुश्किल होता है, हमारे लिए भी वैसा ही है, अगर किसी को उसके ही होम टाउन से भगा दिया जाए तो आप ही सोचिए कैसा लगेगा, और वो भी ऐसी क्रिटिकल कंडीशन में भागना पड़े। हम तो वापस जाना चाहते हैं लेकिन कैसे वापस जा पाएंगे?”

इन सब बातों के अलावा एक सवाल जो इंटरव्यू का हिस्सा नहीं था, हमने जानने की कोशिश की कि क्या भविष्य में पहले की तरह मणिपुर के हालात सामान्य हो पाएंगे? क्या एक बार फिर मैतेई और कुकी पहले की तरह पड़ोसी बनकर रह पाएंगे? तो एक गहरी सांस लेकर Sang जवाब देते हैं "बहुत मुश्किल दिखाई देता है।"

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