नोएडा : प्राइवेट कोचिंग सेंटर पर ठगी का आरोप, सीटू-डीवाईएफ़आई ने किया प्रदर्शन
मंगलवार 22 मार्च को, सीटू व डीवाईएफ़आई के लोगो ने संयुक्त रूप से अमेरिका स्थित हेनरी हैवलिन की नोएडा शाखा के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। इस संबंध में संस्थान के प्रबंधक अभिषेक को ज्ञापन दिया जिसमें कहा गया है कि संस्थान में ऑनलाइन पढ़ाई के नाम पर बच्चों से फीस तो जमा करवा लेते हैं लेकिन उसके बाद उनकी पढ़ाई का कोर्स बीच में ही बंद कर देते हैं और उन्हें उनकी जमा धनराशि भी वापिस नहीं करते हैं। ज्ञापन में मांग की गई है कि बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करना बंद किया जाए और जिन बच्चों की पढ़ाई बीच में ही बंद कर दी गई है उनकी पूरी फीस जमा धनराशि वापस की जाए।
डीवाईएफआई ने अपने बयान में दावा किया कि संस्थान में अनूप बाबू नाम के एक छात्र से एक कोर्स के लिए पूरी फीस ली थी, लेकिन अचानक उनकी क्लास बंद कर दी गईं। इसके बदले उनको केवल सप्ताहांत (वीकेंड) की कक्षाओं की पेशकश की गई थी। जो अपने आप में एक धोखा था क्योंकि उनसे फीस में कोई कौटौती नहीं की गई थी जबकि उनकी पढाई के घंटे घटा दिए गए थे। इस दौरान अनूप ने पाया कि संस्थान की वेबसाइट पर उनके नाम से संस्थान के पक्ष में फ़र्ज़ी समीक्षा लिखी हुई थी।
अनूप ने इसे घोटाला बताते हुए संस्थान से पैसे लौटाने की मांग की। उन्हें प्रबंधन ने ताना मारा और कहा "हम आपको अदालत में देखेंगे।" 19 मार्च को संस्थान के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराने के बाद छात्र ने डीवाईएफआई दिल्ली इकाई को सूचना दिया था।
मंगलवार को डीवाईएफआई दिल्ली राज्य कोषाध्यक्ष, अनुषा पॉल, मेडिकल यूनिट के कोषाध्यक्ष, स्वाति और सीटू गौतमबुद्धनगर के जिला अध्यक्ष गंगेश्वर शर्मा सहित डीवाईएफआई के सदस्य, छात्र के साथ पहुंचे और कहा कि संस्थान झूठी समीक्षा को हटा दें और तत्काल छात्रों पूर्ण धनवापसी करें।
आपको बता दे मंगलवार को करीब तीन घंटे की बातचीत के बाद स्थानीय पुलिसकर्मियों की मौजूदगी में संस्थान के प्रबंधन ने मानने से इनकार कर दिया और पुलिस केस की धमकी दिया। जिसके बाद प्रदर्शनकारियों ने डीवाईएफआई के झंडे लहराए और संस्थान के खिलाफ नारेबाजी की और इसके परिसर के अंदर प्रदर्शन किया। इसके तुरंत बाद, प्रबंधन ने दोनों मांगों को स्वीकार कर लिया और पूरा फीस रिफंड कर दिया।प्रबंधकों ने सीटू व डीवाईएफआई के नेताओं को अनियमितताओं को दूर करने का आश्वासन दिया और छात्र अनूप की पूरी फीस तुरंत वापस कर दी।
डीवाईएफआई की नेता अनुषा ने बताया कि उन्हें अन्य छात्रों द्वारा संस्थान के खिलाफ भी शिकायतें मिली हैं। उनकी समस्याएं फीस, इंटर्नशिप, प्लेसमेंट आदि के मामलों से संबंधित हैं। इसके साथ ही संस्थान द्वारा गूगल पर फर्जी समीक्षा डालने की बात भी पता चली। उन्होंने बताया की जब कोई छात्र संस्थान के खिलाफ कोई समीक्षा लिखता है उसके बाद संतान अपनी ट्रोल आर्मी द्वारा तुरंत फर्जी और संस्थान के पक्ष के समीक्षा डलवाकर सही समीक्षा को दबाने का प्रयास करता है।
डीवाईएफआई ने अपने बयान में कहा वो इस संस्थान के छात्रों सेअपील करता है कि वो इस तरह के अत्याचारों को न सहे। हम प्रत्येक छात्र को न्याय दिलाने में सक्रिय रूप से मदद करेंगे। युवाओं के सपनों और आकांक्षाओं के साथ खिलवाड़ करने वाले ऐसे घोटालों को विरोध करेंगे। इसके लिए हम धरना-प्रदर्शन और पुलिस में भी केस करेंगे।
सीटू नेता गंगेश्वर ने कहा, "युवाओं के शिक्षा के अधिकारों की रक्षा के संघर्ष में सीटू डीवाईएफआई के साथ खड़ा रहेगा।"
शिक्षा के बड़े पैमाने पर और खुली निजीकरण, शिक्षा को एक मौलिक अधिकारकी जगह खरीदने और बेचने के लिए एक वस्तु के रूप में स्थापित कर दिया है।
देश में बढ़ते बेरोजगारी के मौहौल ने ऐसे निजी संस्थानों के लिए एक उपजाऊ जमीन तैयार की है। क्योंकि युवा रोजगार खोजने के लिए खुद को अपस्किल करने के ऐसे संस्थनो के चंगुल में फँस जाते हैं।
डीवाईएफआई दिल्ली राज्य समिति ने दिल्ली एनसीआर में अधिकारियों से इन निजी संस्थानों की बारीकी से निगरानी करने की मांग की है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि शिक्षा के लिए भुगतान करने वाले छात्रों को धोखा न दिया जाए।
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