प्रधानमंत्री ने चंद्रयान-3 की ‘लैडिंग’ का श्रेय लिया, लेकिन इसरो का सहयोग करने में विफल रहे: कांग्रेस
नयी दिल्ली: कांग्रेस ने बृहस्पतिवार को आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग का श्रेय ले रहे हैं, लेकिन वह भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) और उसके वैज्ञानिकों का सहयोग करने में बुरी तरह विफल रहे हैं।
पार्टी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कुछ खबरों का हवाला दिया जिनमें दावा किया कि अंतरिक्ष विभाग के बजट में कटौती की गई और ‘एचईसी’ (हैवी इंजीनियरिंग कॉरपोरेशन) इंजीनियरों को कई महीने का वेतन नहीं मिला।
वेणुगोपाल ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘चंद्रयान लैंडिंग का उत्साह और गर्व लंबे समय तक हमारे साथ बने रहेगा। इसरो अध्यक्ष डॉक्टर सोमनाथ के नेतृत्व ने वास्तव में इतिहास रचा और हम उन्हें और उनकी टीम को हार्दिक बधाई देते हैं। बहरहाल, प्रधानमंत्री को अपने पाखंड के लिए कुछ जवाब देना चाहिए।’’
The excitement and pride of the #Chandrayaan3 landing will stay with us for a long time. ISRO Chairman Dr. Somanath’s leadership truly created history and we extend our hearty congratulations to him and his team.
However, the PM must answer some for his hypocrisy.
You were… pic.twitter.com/USwpJbtx2l
— K C Venugopal (@kcvenugopalmp) August 24, 2023
उन्होंने प्रधानमंत्री पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘आपको स्क्रीन पर आने और लैंडिंग के बाद श्रेय लेने की जल्दी थी, लेकिन आपकी सरकार वैज्ञानिकों और इसरो का सहयोग करने में इतनी बुरी तरह विफल क्यों रही?’’
कांग्रेस नेता ने सवाल किया, ‘‘चंद्रयान-3 पर काम करने वाले ‘एचईसी’ (हैवी इंजीनियरिंग कॉरपोरेशन) के इंजीनियरों को पिछले 17 महीनों से वेतन क्यों नहीं मिला? आपने इतने महत्वपूर्ण मिशनों के लिए बजट में 32 प्रतिशत की कटौती क्यों की?’’
वेणुगोपाल ने दावा किया, ‘‘ये हमारे देश के हीरो हैं, ये विश्वस्तरीय अंतरिक्ष अनुसंधान कार्यक्रम चलाते हैं, लेकिन आपको इनकी प्रतिभा और मेहनत की कोई कद्र नहीं है। जले पर नमक छिड़कने के लिए आप (प्रधानमंत्री) उस क्षण सुर्खियों में आए जो वैज्ञानिकों की उपलब्धियों का क्षण था।’’
इसरो ने बुधवार को अंतरिक्ष के क्षेत्र में एक नया इतिहास रचते हुए चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर लैंडर ‘विक्रम’ और रोवर ‘प्रज्ञान’ से लैस ‘एलएम’ की सफलतापूर्वक सॉफ्ट लैंडिग कराई। भारतीय समयानुसार शाम करीब छह बजकर चार मिनट पर इसने चांद की सतह को छुआ।
(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)
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