सीधी पेशाब कांड : वायरल वीडियो के दशमत को 'नत्था' बनाने की कोशिश?
जुलाई के शुरू में (4 जुलाई के आस-पास) सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ जिसमें दिखाई दिया कि नशे में धुत एक शख्स अपने सामने बैठे शख्स पर पेशाब कर रहा था, तेज़ी से वायरल हुए इस अमानवीय और शर्मसार कर देने वाले वीडियो को जिसने भी देखा विचलित हो उठा।
वीडियो के वायरल करने या फिर होने के पीछे क्या कहानी है वो एक अलग चर्चा है लेकिन जैसे ही सोशल मीडिया पर वीडियो टॉप ट्रेंड करने लगा इससे जुड़ी हर बारीक से बारीक जानकारी तलाश करने की होड़ मच गई। वीडियो में दिखाई दे रहा शख़्स 2010 में रिलीज़ हुई 'पीपली लाइव' फिल्म के नत्था की याद दिलाने लगा।
चुनावी माहौल में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का पीड़ित को भोपाल बुलाकर सम्मान करना, आरोपी के घर पर बुलडोज़र चलना, कांग्रेस का भी बहती राजनीति में कूद पड़ना। मीडिया और सोशल मीडिया का लगातार बयान बदल रहे पीड़ित के पीछे हाथ धो कर पड़ जाना 'पीपली लाइव' की याद दिला रहा है।
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एक बार फिर सोशल मीडिया पर दशमत का बयान वायरल हो रहा है जिसमें वो कह रहा है कि वायरल वीडियो में वह नहीं है। इसके अलावा वह कह रहा है कि ''सब पब्लिक बोल रही थी हम नहीं मान रहे थे कि हमारी वीडियो है, हम थाना में भी बोले हमारा वीडियो नहीं है। हम कलेक्टर साहब से भी बोले कि हमारा वीडियो नहीं है, ये अपने आप हमको फंसाए हैं। हमने वीडियो देखा था तब भी हम कह रहे थे कि हमारा वीडियो नहीं है।''
सीधी पेशाब कांड में बड़ा खुलासा,
— शिवराज ने किसी और के पांव धोने की नौटंकी की, असली पीड़ित लापता हैं क्या ?
शिवराज जी,
इतना बड़ा षड्यन्त्र ❓
मध्यप्रदेश आपको माफ नहीं करेगा। pic.twitter.com/JCvXlUJr7w— MP Congress (@INCMP) July 9, 2023
इस वीडियो को एमपी कांग्रेस ने शेयर करते हुए लिखा कि '' सीधी पेशाब कांड में बड़ा खुलासा'' जबकि कुछ देर बाद ही फैक्ट चेकर मोहम्मद जुबैर ने पीड़ित की पत्नी का एक वीडियो शेयर करते हुए इसे फेक न्यूज़ करार दिया।
Fake News! Wife of Dashmat Rawat, the tribal man who was urinated on by BJPs Pravesh Shukla had identified her husband and his clothes. Video by - @vishnukant_7pic.twitter.com/dntcKnNCys https://t.co/RtQ0TPdCWQ
— Mohammed Zubair (@zoo_bear) July 9, 2023
सीधी के एसपी ने क्या कहा?
असली-नकली की इस गुत्थी पर सीधी के पुलिस अधीक्षक (SP) ने कहा कि '' पुलिस जांच में इस बात की पुष्टि हो चुकी है कि जो व्यक्ति वीडियो में दिख रहा है वो दशमत रावत ही है, और हम इन तमाम वीडियो का खंडन करते हैं।''
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कलेक्टर ने क्या कहा?
वहीं जिला कलेक्टर साकेत मालवीय ने भी कहा कि ''वायरल वीडियो में कतिपय कुछ न्यूज़ चैनलों और अन्य संचार के माध्यमों से ये बताने का प्रयास किया जा रहा है कि जो पीड़ित व्यक्ति है वो दशमत रावत नहीं है ऐसी ख़बर का सीधी पुलिस पहले ही खंडन कर चुकी है। इसलिए ज़िला प्रशासन भी इसको असत्य मानते हुए और तथ्यों से परे मानते हुए खंडन करता है।''
हमने भी दशमत से वीडियो की हकीकत जानने के लिए फोन पर बात करने की कोशिश की लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया। हमने एक लोकल पत्रकार से बात की जो सुबह से ही दशमत के घर के बाहर बैठे हुए थे। उन्होंने हमें बताया कि ''दशमत और उनकी पत्नी को बैंक में खाता खुलवाने के नाम पर पुलिस लेकर गई है।'' ख़बर लिखे जाने तक दशमत और उनकी पत्नी घर लौट कर नहीं आए थे, लोकल पत्रकार ने अंदेशा ज़ाहिर किया कि ये दशमत को मीडिया से दूर रखने की कोशिश हो सकती है।
सीधी जिला महामंत्री विवेक कोल ने इस्तीफा दिया
कुछ ऐसी ही बात का पता हमें बीजेपी के सीधी जिला महामंत्री विवेक कोल से भी पता चली। उन्होंने इस घटना से आहत होकर अपना इस्तीफा दे दिया है। इसके साथ ही उन्होंने सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी कर एमएलए केदारनाथ शुक्ला पर भी गंभीर आरोप लगाए।
''दशमत से मिलने से रोका जा रहा है''
हमने विवेक कोल से फोन पर बात की और उन्होंने इस बात की पुष्टि की कि उन्होंने बीजेपी के सीधी जिला महामंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है। इसके अलावा उन्होंने हमसे कहा कि ''प्रवेश शुक्ला उनका (बीजेपी एमएलए केरादनाथ शुक्ला) विधायक प्रतिनिधि था उसके बावजूद विधायक जी ने इनकार कर दिया, फिर जब उसका (प्रवेश शुक्ला) घर गिराने की बात आई तो वे उसका बचाव करने लगे, तो वे उसका हर तरह से बचाव कर रहे हैं, जिसके साथ हुआ है वो हमारे ही समाज का व्यक्ति है। ऐसा लगता है कि पार्टी ऐसे लोगों को संरक्षण देती है।'' वे आगे कहते हैं कि ''जब से वो(दशमत) भोपाल से लौटा है तब से हमारी उससे मुलाकात नहीं हो पा रही है। मुझे ख़ासकर इसलिए मिलने से रोका जा रहा है क्योंकि मैं कोल समाज का यहां बड़ा लीडर हूं। समाज के लोगों को उससे मिलने नहीं दिया जा रहा है।'' विवेक कोल का दावा है कि वो अपने समाज के लिए पार्टी से इस्तीफा दे रहे हैं लेकिन इस इस्तीफे का क्या असर होगा ये कहना मुश्किल है।
बीजेपी के सीधी जिला महामंत्री विवेक कोल का इस्तीफा
वीडियो में कौन दिख रहा है, इसपर बहस हो सकती है, लेकिन शर्मसार करने वाली ये घटना हुई है इससे तो कोई इनकार नहीं किया जा सकता। मामले से जुड़े इतने तरह के दावे सामने आ रहे हैं कि तस्वीर साफ होने की बजाए और धुंधली होती जा रही है, जहां एक तरफ वीडियो में दिख रहे शख़्स की पहचान मध्यप्रदेश के सीधी के कुबरी और करौंदी गांव के बीच पड़ने वाले गांव में रहने वाले कोल आदिवासी दशमत के तौर पर हुई है, वहीं दूसरी तरफ कभी हां, कभी ना की तर्ज पर ये भी दावे चल रहे हैं कि वीडियो में दिखाई देने वाला शख़्स दशमत है, दशमत नहीं है।
इससे पहले भी एक शपथ पत्र वायरल हो रहा था जिसमें लिखा था कि ''ये वीडियो झूठा है।'’ पीड़ित के लगातार बयान बदलने पर विवेक कोल (इस्तीफा देने वाले बीजेपी के सीधी जिला महामंत्री) का कहना है कि इसके पीछे बड़ी वजह है दशमत का भोला होना। वे कहते हैं कि ''वह भोला-भाला व्यक्ति है, उसे पीपली लाइव के नत्था की तरह घेर लिया गया है।'' जबकि लोकल पत्रकार का मानना है कि इसकी बड़ी वजह भाषा (बोली) है, वे कहते हैं कि ''यहां बघेली बोली है, हो सकता है बाहर से आने वाले पत्रकारों की बात दशमत को समझ नहीं आ रही हो।''
इधर 3 जुलाई को दशमत रावत द्वारा एक शपथ पत्र पर हस्ताक्षर किया जाता है जिसमे लिखा हुआ है कि उसके साथ ऐसा कुछ नही हुआ और ये सब वीडियो झूठ है।
हालांकि Quint को उस व्यक्ति ने जिसको मारपीट करके वीडियो रिकॉर्ड करने के लिए बाध्य किया गया था उसने बताया कि उस पर भी दबाव बनाया गया pic.twitter.com/3sH3xTYqho— Vishnukant (@vishnukant_7) July 4, 2023
आरोपी पर कार्रवाई
बताया जा रहा है कि वीडियो तीन महीने पुराना है, और इसमें दिखाई दे रहा आरोपी प्रवेश शुक्ला मध्य प्रदेश के सीधी के बीजेपी एमएलए केरादनाथ शुक्ला का क़रीबी है। घटना के सामने आते ही आरोपी प्रवेश शुक्ला को गिरफ़्तार कर क़ानूनी कार्रवाई शुरू कर दी गई। इसके अलावा शुक्ला के घर में बने अवैध हिस्से पर भी बुलडोज़र चला दिया गया।
बुलडोज़र चलाने के विरोध में उतरा 'अखिल भारतीय ब्राह्मण समाज'
आरोपी के घर पर बुलडोज़र चलाने के विरोध में 'अखिल भारतीय ब्राह्मण समाज मध्य प्रदेश' उतर आया और एक प्रेस नोट जारी करते हुए कहा कि ''आरोपी प्रवेश शुक्ला जैसे व्यक्ति की किसी जाति समाज में स्वीकारोक्ति नहीं है। इसके द्वारा किया गया कृत्य घोर निंदनीय तथा अक्षम्य है। परन्तु क्या यह विधि सम्मत है कि करे कोई और भरे कोई। निश्चित ही यह दुखद घटना आरोपी के द्वारा की गई है। समाज इसकी घोर निंदा करता है। परन्तु आरोपी के परिवार की पूरी तरह मदद करने का आश्वासन भी देता है।'’
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मुख्यमंत्री ने धोए दशमत के पैर
वहीं मध्य प्रदेश में बन रहे चुनावी माहौल में वीडियो में दिखाई दे रहे दशमत का आदिवासी कोल होना सियासी गलियारों में चर्चा का विषय बन गया। पहचान होते ही दशमत को भोपाल ले जाया गया, सीएम ने उनके पैर धोए, साथ बैठकर खाना खाया और वित्तीय सहायता भी दी। और पीड़ित के साथ तस्वीर को ट्वीट भी किया। एक के बाद एक ट्वीट कर उन्होंने घटना पर अपनी पीड़ा ज़ाहिर की।
मन दु:खी है; दशमत जी आपकी पीड़ा बाँटने का यह प्रयास है, आपसे माफी भी माँगता हूँ, मेरे लिए जनता ही भगवान है! pic.twitter.com/7Y5cleeceF
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) July 6, 2023
सीएम के पीड़ा ज़ाहिर करने पर दशमत का दुख कम हुआ या नहीं क्या पता? लेकिन एक बड़ा सवाल ये है कि
- आदिवासियों के खिलाफ अपराध में पहले नंबर पर मध्य-प्रदेश में लगातार सामने आ रहे दूसरे मामलों का क्या?
क्या उन मामलों में भी ऐसी ही पैर धोने और पीड़ितों की पीड़ा बांटने की तस्वीर सामने आएगी?
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