Price Hike: अब प्याज रुलाएगी महंगाई के आंसू, दिवाली से पहले ही 60 रूपये किलो के पार हुए रेट
Onion Prices: देश में महंगाई के कागजी आंकड़ों में भले गिरावट देखी जा रही है लेकिन सब्जियों के दाम में ऐसी स्थिति बनी हुई है जो आम जनता को झटके पर झटके दे रही है। पहले जुलाई-अगस्त में टमाटर के चढ़ते दामों ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए और ये 400 रुपये किलो तक भी चले गए थे। वहीं अब प्याज के लगातार बढ़ते दाम लोगों को आंसू दे रहे हैं। देश में रिटेल बाजार के साथ-साथ थोक बाजार में भी प्याज के रेट नई ऊंचाई को छू रहे हैं।
न्यूज रिपोर्ट्स के अनुसार, महाराष्ट्र के प्रमुख उत्पादक क्षेत्र लासलगांव में प्याज की थोक कीमत एक महीने में ही करीब दोगुना बढ़कर 38,000 रुपये प्रति टन तक पहुंच गई है। मुंबई में प्याज की खुदरा कीमत भी 55 रुपये प्रति किलो से ऊपर हो गई है तो दिल्ली आजादपुर मंडी में एक हफ्ते पहले 20 से 30 रुपये किलो बिकने वाला प्याज आज 60 रुपए किलो तक पहुंच गया है। वहीं लोगों का मानना है कि प्याज के बिना खाने में स्वाद नहीं आता जो बिगड़ता जा रहा है।
जी हां, पिछले कुछ महीनों पहले टमाटर किचन से लगभग गायब हो गया था। दाम बढ़ जाने के कारण उसने किचन का बजट बिगाड़ दिया था। अब ऐसे ही प्याज के भाव चढ़ते जा रहे हैं। हालांकि श्राद्ध और नवरात्रि में कई लोग प्याज नहीं खाते ऐसे में खरीदने वाले कम हो जाते हैं जिससे दाम कम होने लगते हैं। लेकिन इस बार इस दौरान भी प्याज की कीमतों में उछाल ही देखा गया।
अब जब नवरात्र समाप्त हो चुके हैं तो प्याज की कीमतें कुलांचे मारने लगीं हैं। जिसके कारण आम आदमी के मन में सवाल आ रहे हैं कि क्या ये कीमतें और चढ़ेगी या कम होगी? पिछले तीन दिन में ही प्याज की कीमतों में 12 रुपये से लेकर 15 रुपये प्रति किलो तक उछाल रिकॉर्ड हुआ है। लगातार बढ़ रही प्याज की कीमतों से लोगों की परेशानियां बढ़ने लगी हैं। प्याज के दाम बढ़ने से लोगों के घर का बजट भी बिगड़ा और किचन का स्वाद भी।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, दिल्ली आजादपुर मंडी में एक हफ्ते पहले 20 से 30 रुपये किलो बिकने वाला प्याज आज 50 से 60 रुपए किलो पर पहुंच गया है। लोगों के घर पहुंचते-पहुंचते इसकी कीमत 70 से 80 रुपये तक हो जाती है। वहीं करीब 2 महीने तक प्याज के दामों में और भी ज्यादा बढ़ोतरी होने की आशंका है।
डिमांड ज्यादा होने से बढ़ रहे दाम
आजादपुर मंडी में मौजूद व्यापारियों का मानना है कि डिमांड और सप्लाई के फार्मूले की वजह से प्याज के दामों में बढ़ोतरी हो रही है। डिमांड ज्यादा है लेकिन प्याज की आवक दिन प्रतिदिन कम होती जा रही है। दरअसल किसानों ने प्याज कम उगाया और कई जगहों पर ज्यादा बारिश की वजह से फसल बर्बाद हो गई हैं। तो वहीं कर्नाटक और आसपास के इलाकों में बारिश न होने की वजह से प्याज की पैदावार उम्मीद के बराबर नहीं हो सकी है। इसकी वजह से अब मार्केट में प्याज नहीं आ पा रहा है। जब सप्लाई कम और डिमांड ज्यादा हो तो ऐसे में दाम बढ़ना लाजिमी है। लेकिन इस फार्मूले का सबसे ज्यादा नुकसान और मार आम आदमी पर पड़ रही है।
बजट के साथ खाने का जायका भी बिगड़ा
टमाटर के बाद अब प्याज की महंगाई रुला रही है। इससे रसोई बजट के साथ लोगों के खाने का जायका भी बिगड़ गया है। लोगों का मानना है कि प्याज के बिना खाने में स्वाद नहीं आता, लेकिन प्याज खरीदें तो घर का पूरा बजट बिगड़ रहा है। इससे आम जनता काफी परेशान है। अभी कुछ महीने पहले ही टमाटर के दाम भी इसी तरीके से तेजी से बढ़े थे। तब लोगों ने महंगाई की मार झेली थी और अब प्याज भी लोगों को रुलाने के लिए तैयार हो चुका है।
क्या है कीमतें ?
दिल्ली में अभी प्याज की कीमतें 55 रुपये से लेकर 60 रुपये किलो तक पहुंच गई है। थोक बाजार में भी कीमतों में पिछले तीन दिन में 12 से 15 रुपये का उछाल रिकॉर्ड किया गया। महाराष्ट्र के लासलगांव में स्थित एशिया की सबसे बड़ी प्याज मंडी में केवल 15 दिन में प्याज के थोक दामों में बड़ा अंतर दिख रहा है। 15 दिन पहले मंडी में प्रति क्विंटल प्याज की कीमत 2350 रुपये थी। जो बुधवार को 3800 रुपये प्रति क्विंटल के भी पार पहुंच गई है। हालांकि अगस्त से पहले भी कम आवक के चलते प्याज की कीमतें बढ़ी थी। जिसके कारण सरकार ने अगस्त महीने में ही इसके निर्यात पर रोक लगाने के उद्देश्य से निर्यात पर 40 प्रतिशत शुल्क लगा दिया था ताकि प्याज की महंगाई को नियंत्रित किया जा सके।
इस साल के बाद होगी दाम में गिरावट
विशेषज्ञों का मानना है कि प्याज के दाम में आने वाले दो से ढाई महीने तक कमी होने की कोई आशंका नहीं है। बल्कि प्याज के दाम 100 रुपये किलो से भी ज्यादा तक हो सकते हैं। वहीं विशेषज्ञों की मानें तो अगले साल 15 जनवरी के बाद ही प्याज के दामों में कुछ गिरावट आने की उम्मीद है।
खास है कि बाजार में जो मौजूदा आपूर्ति हो रही है वह किसानों से नहीं बल्कि पहले से प्याज भंडारों से हो रही है। व्यापारियों का अनुमान है कि कीमतों में उछाल तब तक जारी रहेगा, जब तक कि नवंबर के दूसरे सप्ताह तक ताजा फसल बाजार में नहीं आ जाती। दरअसल, देश में 70 फीसदी प्याज का उत्पादन रबी सीजन में होता है। खरीफ सीजन में प्याज काफी कम होता है। लेकिन, खरीफ में जो उत्पादन होता है, वह सितंबर-नवंबर के महीनों में कीमतों को बढ़ने से रोकने में बहुत मदद करता है। प्याज की कीमतों के साथ ही हरी सब्जियों के दाम भी बढ़ रहे हैं।
दूध की कीमतें भी बढ़ींं
बता दें कि पिछले हफ्ते ही एक बार फिर से देश के दो सबसे बड़े मिल्क ब्रांड अमूल और मदर डेयरी ने फुल क्रीम दूध की कीमतों में 2 रुपये प्रति लीटर की वृद्धि कर दी है। गुजरात कोऑपरेटिव मिल्क मार्केटिंग फेडरेशन ने गुजरात को छोड़कर सभी बाजारों में अमूल गोल्ड (फुल क्रीम) और भैंस के दूध की कीमतों में 2 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी की है। अमूल गोल्ड का रेट 61 रुपये से बढ़कर 63 रुपये प्रति लीटर हो गया है। भैंस के दूध की कीमत 63 रुपये प्रति लीटर से बढ़ाकर 65 रुपये प्रति लीटर कर दी गई है।
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