जर्मनी को हराकर भारत ने कांस्य पदक जीता, 41 साल बाद ओलंपिक पदक; देशभर से आ रही हैं बधाईयां
सिमरनजीत सिंह के दो गोल की बदौलत भारत ने दो बार पिछड़ने के बाद जोरदार वापसी करते हुए गुरुवार को यहां रोमांच की पराकाष्ठा पर पहुंचे कांस्य पदक के प्ले आफ मुकाबले में जर्मनी को 5-4 से हराकर ओलंपिक में 41 साल बाद कांस्य पदक जीता। जिसके बाद पुरे देश में ख़ुशी की लहर दौर गई। इन चार दशकों में भारतीय टीम को काफ़ी उतार-चढ़ाव गुजरना पड़ा लेकिन खिलाड़ियों ने हिम्मत नहीं हारी है ,उसी का परिणाम है की चार दशक बाद भारत को ओलंपिक में मेडल मिला है।
आठ बार की ओलंपिक चैंपियन और दुनिया की तीसरे नंबर की भारतीय टीम एक समय 1-3 से पिछड़ रही थी लेकिन दबाव से उबरकर आठ मिनट में चार गोल दागकर जीत दर्ज करने में सफल रही। भारत के लिए सिमरनजीत सिंह (17वें मिनट और 34वें मिनट) ने दो जबकि हार्दिक सिंह (27वें मिनट), हरमनप्रीत सिंह (29वें मिनट) और रूपिंदर पाल सिंह ने एक-एक गोल किया।
दुनिया की चौथे नंबर की टीम जर्मनी की ओर से तिमूर ओरूज (दूसरे मिनट), निकलास वेलेन (24वें मिनट), बेनेडिक्ट फुर्क (25वें मिनट) और लुकास विंडफेडर (48वें मिनट) ने गोल दागे।
मध्यांतर तक दोनों टीमें 3-3 से बराबर थी।
भारतीय टीम ने टूर्नामेंट में अपने प्रदर्शन ने ना सिर्फ कांस्य पदक जीता बल्कि सभी का दिल भी जीतने में सफल रही। आस्ट्रेलिया के खिलाफ दूसरे ग्रुप मैच में 1-7 की करारी हार के बावजूद भारतीय टीम अपने बाकी चारों ग्रुप मैच जीतकर दूसरे स्थान पर रही। टीम को सेमीफाइनल में विश्व चैंपियन बेल्जियम को शुरुआती तीन क्वार्टर में कड़ी चुनौती देने के बावजूद 2-5 से हार झेलनी पड़ी।
हमने टक्कर दी और कभी हार नहीं मानी, यह पदक कोविड से लड़ने वालों को समर्पित: मनप्रीत
ओलंपिक में 41 साल बाद हॉकी में पदक जीतने के बाद भावुक हुए भारतीय पुरुष टीम के कप्तान मनप्रीत सिंह ने इस ऐतिहासिक पदक को देश के चिकित्सकों और स्वास्थ्यकर्मियों को समर्पित किया जिन्होंने कोविड-19 महामारी के दौरान जीवन बचाने के लिए बिना थके काम किया।
मनप्रीत ने कहा, ‘‘मुझे नहीं पता कि अभी मुझे क्या कहना चाहिए, यह शानदार था। प्रयास, मुकाबला, हम 1-3 से पीछे थे। मुझे लगता है कि हम इस पदक के हकदार थे। हमने इतनी कड़ी मेहनत की, पिछले 15 महीने हमारे लिए भी मुश्किल रहे, हम बेंगलुरू में थे और हमारे में से कुछ लोग कोविड से भी संक्रमित हुए।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हम इस पदक को चिकित्सको और स्वास्थ्यकर्मियों को समर्पित करना चाहते हैं जिन्होंने भारत में इतनी सारी जान बचाईं।’’
जर्मनी ने हर विभाग में भारतीय हॉकी टीम की परीक्षा ली और मनप्रीत ने भी विरोधी टीम के जज्बे की सराहना की।
उन्होंने कहा, ‘‘यह काफी मुश्किल था, उन्हें अंतिम छह सेकेंड में पेनल्टी कॉर्नर मिला। हमने सोचा कि अपनी जान पर खेलकर भी हमें इसे बचाना है। यह काफी मुश्किल था। अभी मेरे पास शब्द नहीं हैं।’’
मनप्रीत ने कहा, ‘‘हमने लंबे समय से पदक नहीं जीता था। अब हमें और अधिक आत्मविश्वास मिलेगा, हां हम कर सकते हैं। अगर हम ओलंपिक में पोडियम पर जगह बना सकते हैं तो हम कहीं भी पोडियम पर जगह बना सकते हैं।’’
भारत को सेमीफाइनल में बेल्जियम के खिलाफ 2-5 से शिकस्त झेलनी पड़ी थी जिससे उसकी स्वर्ण पदक जीतने की उम्मीद टूट गई थी। मनप्रीत ने कहा कि कोच ग्राहम रीड ने खिलाड़ियों को प्ले आफ पर ध्यान लगाने के लिए कहकर निराशा से बाहर निकाला।
भारतीय कप्तान ने कहा, ‘‘हमने हार नहीं मानी। हम वापसी करते रहे। यह शानदार अहसास है, सर्वश्रेष्ठ अहसास। हम यहां स्वर्ण पदक के लिए आए थे, हमने कांस्य पदक जीता, यह भी बहुत बड़ी चीज है। यह सभी हॉकी प्रशंसकों के लिए शानदार लम्हा है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘यह सिर्फ शुरुआत है, (इस कांस्य पदक के साथ) कुछ खत्म नहीं हुआ है।’’
भारत के लिए गोल करने वालों में शामिल रहे ड्रैग फ्लिकर रूपिंदर पाल सिंह मीडिया से बात करते हुए अपने आंसुओं पर काबू नहीं रख सके और उन्होंने कहा कि यह भारतीय हॉकी में शानदार चीजों की शुरुआत है।
उन्होंने कहा, ‘‘भारत में लोग हॉकी को भूल रहे थे। वे हॉकी को प्यार करते हैं लेकिन उन्होंने यह उम्मीद छोड़ दी थी कि हम जीत सकते हैं। वे भविष्य में हमारे से और अधिक उम्मीदें लगा पाएंगे। हमारे ऊपर विश्वास रखें। ’’
राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री समेत पूरे देश ने भारतीय हॉकी टीम को बधाई दी
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत समूचे भारत ने 41 साल बाद तोक्यो ओलंपिक में कांस्य पदक जीतने वाली भारतीय पुरूष हॉकी टीम के प्रदर्शन की सराहना करते हुए कहा कि यह दिन हर भारतीय की स्मृतियों में हमेशा रहेगा ।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने ट्वीट किया ,‘‘ 41 साल बाद ओलंपिक में पदक जीतने वाली हमारी पुरूष हॉकी टीम को बधाई । इस टीम ने बेहतरीन कौशल और दृढ निश्चय का प्रदर्शन किया । इस जीत से देश में हॉकी के एक नये युग का उदय होगा और युवाओं को हॉकी खेलने तथा उसमें उत्कृष्ट प्रदर्शन की प्रेरणा मिलेगी ।’’
Congratulations to our men's hockey team for winning an Olympic Medal in hockey after 41 years. The team showed exceptional skills, resilience & determination to win. This historic victory will start a new era in hockey and will inspire the youth to take up and excel in the sport
— President of India (@rashtrapatibhvn) August 5, 2021
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारतीयों को यह दिन हमेशा याद रहेगा ।
उन्होंने ट्वीट किया ,‘‘ ऐतिहासिक । यह दिन हर भारतीय की स्मृतियों में हमेशा रहेगा । कांस्य पदक जीतने के लिये हमारी पुरूष हॉकी टीम को बधाई । इससे उन्होंने पूरे देश को, खासकर युवाओं को रोमांचित किया है । भारत को अपनी हॉकी टीम पर गर्व है ।’’
Historic! A day that will be etched in the memory of every Indian.
Congratulations to our Men’s Hockey Team for bringing home the Bronze. With this feat, they have captured the imagination of the entire nation, especially our youth. India is proud of our Hockey team. 🏑
— Narendra Modi (@narendramodi) August 5, 2021
प्रधानमंत्री ने हिंदी में किए एक अन्य ट्वीट में कहा, ‘‘प्रफुल्लित भारत! प्रेरित भारत! गर्वित भारत! तोक्यो में हॉकी टीम की शानदार जीत पूरे देश के लिए गर्व का क्षण है। ये नया भारत है, आत्मविश्वास से भरा भारत है। हॉकी टीम को फिर से ढेरों बधाई और शुभकामनाएं।’
प्रफुल्लित भारत! प्रेरित भारत! गर्वित भारत!
टोक्यो में हॉकी टीम की शानदार जीत पूरे देश के लिए गर्व का क्षण है।
ये नया भारत है, आत्मविश्वास से भरा भारत है।
हॉकी टीम को फिर से ढेरों बधाई और शुभकामनाएं। 🏑 #Tokyo2020
— Narendra Modi (@narendramodi) August 5, 2021
ओलंपिक की व्यक्तिगत स्पर्धा में भारत के इकलौते स्वर्ण पदक विजेता निशानेबाज अभिनव बिंद्रा ने कहा ,‘‘ पूरे देश के लिये भावुक पल । गर्व का पल । लंबा इंतजार खत्म हुआ । भारतीय पुरूष हॉकी टीम को बधाई ।’’
खेलमंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा ,‘‘ भारत के लिये करोड़ों चीयर्स । आखिर भारतीय हॉकी टीम ने कर दिया । हमारी पुरूष हॉकी टीम ने ओलंपिक की इतिहास पुस्तिका में अपना नाम अंकित करा लिया । एक बार फिर से । हमें आप पर गर्व है।’’
गृहमंत्री अमित शाह ने कहा ,‘‘ बधाई टीम इंडिया । यह पल हर भारतीय के लिये गर्व और हर्ष का है । हमारी पुरूष हॉकी टीम ने तोक्यो ओलंपिक में कांस्य पदक जीतकर पूरे देश को गौरवान्वित किया है ।’’
Congratulations #TeamIndia🇮🇳.
A moment of immense pride and joy for every Indian that our Men’s Hockey Team has won the Bronze Medal at #Tokyo2020. You have made the entire nation proud. pic.twitter.com/Nl9LIujhVR
— Amit Shah (@AmitShah) August 5, 2021
चैम्पियन क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर ने गोलकीपर पी आर श्रीजेश की तारीफ की जिन्होंने छह सेकंड बाकी रहते पेनल्टी कॉर्नर बचाया ।
तेंदुलकर ने ट्वीट किया ,‘‘ भारतीय हॉकी टीम के हर सदस्य को कांस्य जीतने पर बधाई। रोमांचक जीत । श्रीजेश ने आखिरी पलों में जो पेनल्टी कॉर्नर बचाया, वह अद्भुत था । पूरे देश को टीम पर गर्व है ।’’
Congratulations to each & every member of the hockey contingent on winning the #Bronze for India!
A fantastic hard fought win…The penalty corner save by Sreejesh in the dying moments of the game was amazing.👏🏻
Entire 🇮🇳 is immensely proud!#Hockey #Tokyo2020 #Olympics pic.twitter.com/7Rtko9kS63
— Sachin Tendulkar (@sachin_rt) August 5, 2021
भारतीय हॉकी टीमों के प्रायोजक ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने कहा ,‘‘ भारतीय टीम को इस शानदार जीत और 41 साल बाद हमें ओलंपिक पदक दिलाने के लिये बधाई । तोक्यो में मिली यह ऐतिहासिक जीत आने वाली पीढी के खिलाड़ियों को प्रेरित करती रहेगी । भविष्य के लिये शुभकामना । चीयर फोर इंडिया । ’’
केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने तोक्यो ओलंपिक में कांस्य पदक जीतने पर भारतीय पुरुष हॉकी टीम को बृहस्पतिवार को बधाई दी और कहा कि उन्होंने हर एक भारतीय को गौरवान्वित महसूस कराया है।
उन्होंने ट्वीट किया ‘‘ऐतिहासिक जीत के लिए भारतीय पुरुष हॉकी टीम को बधाई।’’
Congratulations to Indian men's hockey team for their historic victory. @16Sreejesh has displayed inimitable leadership and the entire team has fought with remarkable fighting spirit. By winning the bronze medal, you have made every Indian proud. #Tokyo2020 pic.twitter.com/pKtCvp3lZk
— Pinarayi Vijayan (@vijayanpinarayi) August 5, 2021
उन्होंने केरल के गोलकीपर पीआर श्रीजेश और टीम के अन्य सदस्यों की प्रशंसा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि श्रीजेश ने अद्वितीय नेतृत्व का प्रदर्शन किया और पूरी टीम ने उत्कृष्ट खेल भावना दिखाई।
उन्होंने कहा, ‘‘ कांस्य पदक जीतकर आपने हर एक भारतीय को गौरवान्वित महसूस कराया है।’’
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने तोक्यो ओलंपिक में कांस्य पदक जीतने पर भारतीय पुरुष हॉकी टीम की बृहस्पतिवार को प्रशंसा की और कहा कि पूरे देश को उनकी उपलब्धि पर गर्व है।
गांधी ने ट्वीट किया, ‘‘भारतीय पुरुष हॉकी टीम को बधाई। यह बहुत बड़ा क्षण है-पूरे देश को आपकी उपलब्धि पर गर्व है। आप इस जीत के काबिल हैं।’’
Congratulations to Indian Men’s Hockey Team! This is a big moment- the whole country is proud of your achievement.
Well-deserved victory! #Olympics
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) August 5, 2021
ओलंपिक में भारतीय पुरूष हॉकी टीम का अब तक का सफर
मेजर ध्यानचंद से लेकर मनप्रीत सिंह तक ओलंपिक में भारतीय पुरूष हॉकी टीम का अब तक का सफर इस प्रकार है ।
1928 एम्सटरडम : ब्रिटिश हुकूमत वाली भारतीय टीम ने फाइनल में नीदरलैंड को 3 . 2 से हराकर पहली बार ओलंपिक में हॉकी का स्वर्ण पदक जीता । भारतीय हॉकी को ध्यानचंद के रूप में नया सितारा मिला जिन्होंने 14 गोल किये ।
1932 लॉस एंजिलिस: टूर्नामेंट में सिर्फ तीन टीमें भारत, अमेरिका और जापान । भारतीय टीम 42 दिन का समुद्री सफर तय करके पहुंची और दोनों टीमों को हराकर खिताब जीता ।
1936 बर्लिन : ध्यानचंद की कप्तानी वाली भारतीय टीम ने मेजबान जर्मनी को 8 . 1 से हराकर लगातार तीसरी बार खिताब जीता ।
1948 लंदन : आजाद भारत का पहला ओलंपिक खिताब जिसने दुनिया के खेल मानचित्र पर भारत को पहचान दिलाई । ब्रिटेन को 4 . 0 से हराकर भारतीय टीम लगातार चौथी बार ओलंपिक चैम्पियन बनी और बलबीर सिंह सीनियर के रूप में हॉकी को एक नया नायक मिला ।
1952 हेलसिंकी : मेजबान नीदरलैंड को हराकर भारत फिर चैम्पियन । भारत के 13 में से नौ गोल बलबीर सिंह सीनियर के नाम जिन्होंने फाइनल में सर्वाधिक गोल करने का रिकॉर्ड भी बनाया ।
1956 मेलबर्न : पाकिस्तान को फाइनल में एक गोल से हराकर भारत ने लगातार छठी बार ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतकर अपना दबदबा कायम रखा ।
1960 रोम : फाइनल में एक बार फिर चिर प्रतिद्वंद्वी भारत और पाकिस्तान आमने सामने । इस बार पाकिस्तान ने एक गोल से जीतकर भारत के अश्वमेधी अभियान पर नकेल कसी ।
1964 तोक्यो : पेनल्टी कॉर्नर पर मोहिदंर लाल के गोल की मदद से भारत ने पाकिस्तान को हराकर एक बार फिर ओलंपिक स्वर्ण जीता ।
1968 मैक्सिको : ओलंपिक के अपने इतिहास में भारत पहली बार फाइनल में जगह नहीं बना सका । सेमीफाइनल में आस्ट्रेलिया से मिली हार।
1972 म्युनिख : भारत सेमीफाइनल में पाकिस्तान से हारा लेकिन प्लेआफ में नीदरलैंड को 2 . 1 से हराकर कांस्य पदक जीता ।
1976 मांट्रियल : फील्ड हॉकी में पहली बार एस्ट्रो टर्फ का इस्तेमाल । भारत ग्रुप चरण में दूसरे स्थान पर रहा और 58 साल में पहली बार पदक की दौड़ से बाहर । सातवें स्थान पर ।
1980 मॉस्को : नौ टीमों के बहिष्कार के बाद ओलंपिक में सिर्फ छह हॉकी टीमें । भारत ने स्पेन को 4 . 3 से हराकर स्वर्ण पदक जीता जो उसका आठवां और अब तक का आखिरी स्वर्ण था ।
1984 लॉस एंजिलिस : बारह टीमों में भारत पांचवें स्थान पर रहा ।
1988 सियोल : परगट सिंह की अगुवाई वाली भारतीय टीम का औसत प्रदर्शन । पाकिस्तान से क्लासीफिकेशन मैच हारकर छठे स्थान पर।
1992 बार्सीलोना : भारत को सिर्फ दो मैचों में अर्जेंटीना और मिस्र के खिलाफ मिली जीत । निराशाजनक सातवें स्थान पर ।
1996 अटलांटा : भारत के प्रदर्शन का ग्राफ लगातार गिरता हुआ । इस बार आठवें स्थान पर ।
2000 सिडनी : एक बार फिर क्लासीफिकेशन मैच तक खिसका भारत सातवें स्थान पर ।
2004 एथेंस : धनराज पिल्लै का चौथा ओलंपिक । भारत ग्रुप चरण में चौथे और कुल सातवें स्थान पर ।
2008 बीजिंग : भारतीय हॉकी के इतिहास का सबसे काला पन्ना । चिली के सैंटियागो में क्वालीफायर में ब्रिटेन से हारकर भारतीय टीम 88 साल में पहली बार ओलंपिक के लिये क्वालीफाई नहीं कर सकी ।
2012 लंदन : भारतीय हॉकी टीम एक भी मैच नहीं जीत सकी । ओलंपिक में पहली बार बारहवें और आखिरी स्थान पर ।
2016 रियो : भारतीय टीम क्वार्टर फाइनल में पहुंची लेकिन बेल्जियम से हारी । आठवें स्थान पर रही ।
2020 तोक्यो : तीन बार की चैम्पियन जर्मनी को 5 . 4 से हराकर भारत ने 41 साल बाद ओलंपिक में पदक जीता। मनप्रीत सिंह की कप्तानी में भारतीय टीम ने रचा इतिहास ।
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