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उप्र बंधक संकट: सभी बच्चों को सुरक्षित बचाया गया, आरोपी और उसकी पत्नी की मौत

पुलिस ने हत्या के एक मामले में आरोपी सुभाष बाथम को देर रात मार गिराया था और सभी बच्चों को उसके घर से सुरक्षित निकाल लिया था।
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साभार : प्रभात खबर

फर्रुखाबाद : फर्रुखाबाद जिले के मोहम्मदाबाद के कठरिया गांव में 23 बच्चों को बंधक बनाने वाले व्यक्ति की गंभीर रूप से घायल पत्नी की भी इलाज के दौरान मौत हो गई। पुलिस ने हत्या के एक मामले में आरोपी सुभाष बाथम को देर रात मार गिराया था और सभी बच्चों को उसके घर से सुरक्षित निकाल लिया था।

एसपी अनिल कुमार मिश्रा ने बताया कि आरोपी की पत्नी गोली लगने की वजह घायल हुई थी, जिसके बाद उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां उसकी इलाज के दौरान मौत हो गई। वहीं महानिरीक्षक (कानपुर) मोहित अग्रवाल ने बताया कि आरोपी की पत्नी को स्थानीय लोगों ने उस समय पीटा था जब वह वहां से बचकर निकलने की कोशिश कर रही थी लेकिन गंभीर रूप से घायल होने के कारण उसकी गुरुवार रात मौत हो गई।

उन्होंने बताया कि उसके सिर पर लगी चोट से खून निकल रहा था। उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां उसकी मौत हो गई। अग्रवाल ने कहा, ‘पोस्टमार्टम के बाद ही मौत के सही कारण का पता चल पाएगा।’

बाथम ने अपनी बेटी के जन्मदिन के समारोह में बच्चों को आमंत्रित करने के बाद बृहस्पतिवार शाम उन्हें बंधक बना लिया था। बंधक बनाए गए बच्चों की आयु छह महीने से 15 साल से बीच है। बच्चे करीब आठ घंटे तक बंधक बने रहे।

अपर मुख्य सचिव (गृह) अवनीश अवस्थी ने बृहस्पतिवार देर रात एक बजकर 20 मिनट पर आनन-फानन में बुलाए गए एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘सभी 23 बच्चों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है और बच्चों को बंधक बनाने वाले को मार गिराया गया है।’

पुलिस महानिदेशक ओ पी सिंह ने कहा, ‘आरोपी ने बच्चों को अपनी बेटी के जन्मदिन की पार्टी के लिए बुलाया था और उन्हें बंधक बना लिया। यह सब 30 जनवरी को शाम पांच बजकर 45 मिनट पर शुरू हुआ और करीब आठ घंटे तक बच्चे बंधक बने रहे।’

उन्होंने बताया कि आरोपी ने शुरुआत में ही छह महीने की एक बच्ची को एक बालकनी से अपने पड़ोसी को सौंपकर मुक्त कर दिया था। चश्मदीदों के मुताबिक बंधक बनाए गए बच्चों के माता-पिता और रिश्तेदारों की भीड़ आरोपी के घर के बाहर जमा हो गई और उनमें से कुछ महिलाएं अपने बच्चों की सुरक्षित रिहाई के लिए गिड़गिड़ाती हुई नजर आईं।

बाद में भीड़ का सब्र जवाब दे गया और उसने बच्चों को चंगुल से छुड़ाने के लिए आरोपी के घर के दरवाजे और खिड़कियां तोड़ डाली। इस पर आरोपी ने गोलियां चलानी शुरू कर दी जिसके जवाब में पुलिस ने भी गोलियां चलाईं, जिनकी चपेट में आकर आरोपी सुभाष बाथम की मौत हो गई।

पुलिस सूत्रों के मुताबिक इस गोलीबारी में सुभाष की पत्नी भी घायल हो गई। हालांकि बंधक बनाए गए किसी भी बच्चे को कोई चोट नहीं लगी। इस घटना में दो पुलिसकर्मियों तथा एक अन्य व्यक्ति को भी गोली लगी है।

सिरफिरेपन से भरी इस वारदात की वजह के बारे में तत्काल कुछ पता नहीं लग सका है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बच्चों को बंधक बनाए जाने की खबर मिलने पर आपदा प्रबंधन समूह के साथ बैठक की और व्यक्तिगत तौर पर हालात का जायजा भी लिया था।

इसके पहले, राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड के कमांडो की एक टीम को विशेष विमान से फर्रुखाबाद भेजा गया था। पुलिस के मुताबिक वारदात का मुख्य आरोपी सुभाष हत्या का आरोपी था और वह विक्षिप्त भी था।

कानपुर क्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक मोहित अग्रवाल ने बताया कि सुभाष बाथम ने अपने घर के अंदर से छह गोलियां चलाई थीं। उन्होने बताया कि शुरू में वह स्थानीय विधायक से बात करना चाहता था लेकिन बाद में जब विधायक पहुंचे तो उसने बात करने से इनकार कर दिया।

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