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यूपी : 'लब पे आती है दुआ बनके तमन्ना मेरी' प्रार्थना करवाने पर शिक्षामित्र, प्रिंसिपल सस्पेंड

उत्तर प्रदेश में एक बार फिर से हिन्दुत्ववादी संगठनों ने अल्लामा इक़बाल की लिखी नज़्म को लेकर विवाद खड़ा कर दिया है। इक़बाल ने बच्चों की यह दुआ लिखी थी जो लंबे समय से गाई जा रही है। इक़बाल ने ही 'सारे जहां से अच्छा हिंदोस्तां हमारा' भी लिखा था।
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आज का कार्टून 

हाल ही में पठान फ़िल्म के गाने को लेकर हुआ विवाद थमा नहीं था कि अब स्कूल की प्रार्थना पर विवाद शुरू हो गया है। मामला उत्तर प्रदेश के बरेली ज़िले का है जहाँ एक सरकारी स्कूल के प्रधानाध्यापक और शिक्षक को इस बात पर निलंबित कर दिया गया है क्योंकि उनके स्कूल के बच्चे 'लब पे आती है दुआ बनके तमन्ना मेरी' गा रहे थे। मामले ने तूल तब पकड़ा जब हिन्दुत्ववादी संगठनों ने इसको लेकर पुलिस से शिकायत की। सोशल मीडिया पर भी एक वीडियो वायरल है जिसमें बच्चे नज़्म का हिस्सा 'मेरे अल्लाह बुराई से बचाना मुझको' गा रहे हैं। यह प्रार्थना 1902 में अल्लामा इक़बाल ने लिखी थी। इक़बाल ने ही 'सारे जहाँ से अच्छा, हिंदोस्तां हमारा' के बोल लिखे हैं।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार बरेली ज़िले के फरीदपुर गाँव का यह स्कूल है जहाँ बच्चे इस प्रार्थना को गा रहे थे।

इक़बाल की यह नज़्म लंबे समय से स्कूलों में, मदरसों में गाई जाती रही है। आज़ादी के इतने बरसों में इस पर कोई विवाद नहीं हुआ, लेकिन पिछले कुछ सालों से हिन्दुत्ववादी संगठनों ने इसे इस्लाम से जोड़ कर देखना शुरू कर दिया है। जबकि यह नज़्म बच्चों की दुआ है, जिसमें बच्चे भगवान से उनको अच्छी नसीहत देने की मांग कर रहे हैं।

55 साल के वज़ीरुद्दीन को राज्य के शिक्षा विभाग ने निष्कासित किया है। अधिकारियों का कहना है कि उन्होंने बच्चों को वो प्रार्थना गवाई गई है जो सरकारी स्कूल की प्रार्थना में शामिल नहीं है।

आपको बता दें कि इससे पहले 2019 में पीलीभीत में भी ऐसा ही विवाद हुआ था। उत्तर प्रदेश के पीलीभीत जिले के एक सरकारी स्कूल के प्रधानाध्यापक को स्थानीय विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) और बजरंग के नेताओं की शिकायत के बाद निलंबित कर दिया गया था। शिकायत में कहा गया कि छात्र सुबह की प्रार्थना में ‘लब पे आती है दुआ बनके तमन्ना मेरी’ गा रहे थे।

उस वक़्त निलंबित हुए हेडमास्टर फुरकान अली ने मीडिया से कहा था, "छात्र नियमित रूप से राष्ट्रगान गाते हैं और इकबाल की कविता कक्षा एक से आठ तक के उर्दू पाठ्यक्रम का हिस्सा है। विहिप और हिंदू युवा वाहिनी के कार्यकर्ताओं ने मेरे निष्कासन की मांग को लेकर स्कूल और कलक्ट्रेट के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। मुझे केवल एक कविता मिली, जो सरकारी स्कूल के सिलेबस का हिस्सा है, जिसे गाया गया। मेरे छात्र प्रार्थना के दौरान प्रतिदिन ‘भारत माता की जय’ जैसे देशभक्ति के नारे भी लगाते हैं।”

वज़ीरुद्दीन के वकील इस्लाम ख़ान का कहना है कि उनके मुवक्किल के ख़िलाफ़ ये मामला विश्व हिन्दू परिषद की ओर से बनाए गए दबाव के चलते बनाया गया है। न्यूज़क्लिक से बात करते हुए इस्लाम ने कहा, "लब पे आती है दुआ नज़्म किताब में लिखी हुई है और यह किताब सरकार ने ही दी है। अगर उन्हें इस प्रार्थना से दिक़्क़त है तो उन्हें सरकार से कहना चाहिए कि अगले सत्र से यह किताब बच्चों को न दी जाए। एक शिक्षक बच्चों को वही पढ़ाएगा जो किताब में लिखा है। उन्हें जल्द ही ज़मानत मिल जाएगी, यह मामला कोर्ट में टिक नहीं पाएगा।"

इस्लाम ने विश्व हिन्दू परिषद के बारे में कहा, "उनका आरोप है कि शिक्षक इस नज़्म के ज़रिये बच्चों का धर्म परिवर्तन करवाना चाह रहे थे, मगर यह बेबुनियाद आरोप है। वह उन्हें कलमा नहीं पढ़वा रहे थे। यह एक नज़्म है उर्दू शायर ने लिखी है और जो किताब में भी है।"

अल्लामा मुहम्मद इक़बाल की नज़्म नीचे पेश है–

लब पे आती है दुआ बन के तमन्ना मेरी

ज़िंदगी शमा की सूरत हो ख़ुदाया मेरी!


दूर दुनिया का मिरे दम से अंधेरा हो जाए!

हर जगह मेरे चमकने से उजाला हो जाए!


हो मिरे दम से यूं ही मेरे वतन की ज़ीनत

जिस तरह फूल से होती है चमन की ज़ीनत


ज़िंदगी हो मिरी परवाने की सूरत या-रब

इल्म की शमा से हो मुझ को मोहब्बत या-रब


हो मिरा काम ग़रीबों की हिमायत करना

दर्द-मंदों से ज़ईफ़ों से मोहब्बत करना


मिरे अल्लाह! बुराई से बचाना मुझ को

नेक जो राह हो उस रह पे चलाना मुझ को

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