ग्रीस के शरणार्थी शिविर में कार्यरत श्रमिक वहाँ पर रहने वाले लोगों के जीवन स्तर में सुधार की माँग को लेकर हड़ताल पर गए
ग्रीस के लेस्बोस के मोरिया शरणार्थी शिविर में कार्यरत कर्मचारी हड़ताल पर चले गए हैं। वे यहाँ शिविर की बदहाल स्थिति का विरोध कर रहे हैं और उनकी माँग है कि बेहतर काम करने लायक हालात मुहैया किये जाएं।
मोरिया शिविर अपने आप में एक अस्थाई शिविर है, जहाँ पर अधिकतर लोग अफ्रीका और पश्चिमी एशिया में चल रहे घमासान युद्ध के चलते भागकर शरण लिए हुए हैं।
विभिन्न स्रोतों से पता चला है कि इस शिविर में कुल 3000 लोगों के रखे जाने की मंजूरी है। लेकिन फिलहाल वहाँ पर करीब 25000 शरणार्थी रह रहे हैं। वहाँ के कर्मचारी और स्थानीय जनता सरकार द्वारा इस विस्तार के फैसले का विरोध कर रहे हैं। उन्हें डर है कि आगे चलकर इस शिविर को कहीं स्थाई डिटेंशन सेंटर के रूप में ही न तब्दील कर दिया जाये।
इस बाबत शिविर के एक कर्मचारी इरिनी जान्नी ने अनादोलू एजेंसी से हुई बातचीत में बताया है कि इस शिविर में रहने वाले अधिकतर लोगों को बेहद खराब हालात में जीने को मजबूर होना पड़ रहा है, और इसमें तत्काल सुधार की जरूरत है। कल के दिन 12 मार्च से हड़ताल की शुरुआत हुई है और इसका घोषित लक्ष्य है कि शरणार्थियों और पनाह माँग रहे लोगों के साथ मानवीय आधार पर व्यवहार हो। इसके साथ ही उनके लिए काम की बेहतर स्थितियां मुहैया कराई जाएं। श्रमिकों ने इस बाबत ग्रीक पार्लियामेंट के समक्ष भी प्रदर्शन किया है।
पिछले कुछ हफ़्तों से तुर्की ने अपनी सीमाओं को खोलने का निर्णय लिया है ताकि शरणार्थी वहाँ से निकलकर यूरोप की ओर चले जाएं। और उसी समय से भारी संख्या में सीरियाई शरणार्थियों का ग्रीस में आगमन जारी है।
इनमें से कुछ सीरियाई शरणार्थियों को इस बात की खबर है कि ग्रीस में नव निर्वाचित दक्षिणपंथी सरकार ने शरण माँगने वाले आवदेनों को निरस्त करना शुरू कर दिया है। लेकिन इसके बावजूद उन्होंने ग्रीस का रुख किया हुआ है। इस महीने के पहले सप्ताह में इसी प्रकार के एक शरणार्थी को ग्रीक बॉर्डर पुलिस की गोलियों का शिकार होना पड़ा था।
न्यू डेमोक्रेसी के क्यरियाकोस मित्सोताकिस के नेतृत्व में स्थापित नई सरकार जो कि पिछले साल जुलाई में सत्ता में आई है, ने “पानी में तैरने वाले बाड़” के निर्माण की भी योजना बना रखी है, जिससे कि शरणार्थी देश में घुसने की कोशिश न कर सकें। शरणार्थियों में से अधिकतर लोग ग्रीस को अस्थाई शरणस्थली के रूप में मानते हैं, जहाँ से वे यूरोप की आगे की यात्रा पर जा सकें।
साभार :पीपल्स डिस्पैच
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