अबकी बार, मॉबलिंचिग की सरकार; कितनी जाँच की दरकार!
17 जुलाई को पाकुड़ में 80 वर्षीय देश के जाने-माने सामाजिक कार्यकर्त्ता स्वामी अग्निवेश पर हुए जानलेवा हमले की SIT जाँच होगी – झारखण्ड के मुख्यमंत्री रघुवर दास का आदेश! जबकि अग्निवेश पर हमला दिन दहाड़े हुआ और इसमें शामिल भाजपा, अखिल विद्यार्थी परिषद्, विश्व हिन्दू परिषद् व बजरंग दल के लोगों को काण्ड करते सबने देखाI इतना ही नहीं घटनास्थल पर पुलिस भी मौजूद थी जिसके हस्तक्षेप से ही अग्निवेश ने किसी तरह अपनी जान बचायीI
दूर से देखने–सुनने में इसे मुख्यमंत्री की तत्परता कहकर उनकी सराहना की ही जा सकती हैI परन्तु झारखण्ड आने पर ज़मीनी हकीक़त न सिर्फ इसके उलट पायेंगे बल्कि ऐसे काण्ड करनेवालों को वर्तमान शासन से मिल रहे खुले संरक्षण को साफ़ देखा जा सकता हैI अर्थात मुख्यमंत्री जी का यह आदेश भी उसी तरह से ‘आई वाश’ है जैसा इसके पहले की घटनाओं पर उनके दिए बयानों के साथ हुआI क्योंकि अबतक किसी भी मामले की न तो कोई जाँच पूरी हो सकी और न ही दोषी को कोई सज़ा मिल सकी हैI हद तो तब हो गयी जब इस घटना के महज चंद दिनों पहले ही प्रदेश के रामगढ़ में भीड़ के नाम पर संगठित भगवा गिरोह द्वारा ‘मॉबलिंचिंग’ कर एक निर्दोष मुसलमान की हत्या किये जाने पर निचली अदालत ने आजीवान कारावास की सज़ा सुना दी और शासन तंत्र ने सभी हत्यारों को हाईकोर्ट से अंतरिम ज़मानत दिलवा दीI सभी हत्यारों को देश के केन्द्रीय मंत्री जयंत सिन्हा ने अपने घर पर बुलाकर उनका सामाजिक सम्मान कर यही सन्देश दिया कि...काम जारी रहे!
अग्निवेश पर हमला सबकी आँखों के सामने हुआI लोगों ने साफ देखा कि किस तरह से भाजपा, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद्, विश्व हिन्दू परिषद् व बजरंग दल के लोग सुबह से ही उनके होटल के सामने काला झंडा दिखाकर विरोध करते हुए ‘स्वामी अग्निवेश वापस जाओ!’ का नारा लगा रहे थेI और जैसे ही वे होटल से बाहर निकले उनपर हमला बोलकर सड़क पर उन्हें गिरा दिया गया और लात-घूंसों से पीटा गयाI सरकार मीडिया से यह प्रचारित करवा रही है कि सनातन धर्म पर उनके द्वारा की गयी टिप्पणी और बीफ को लेकर दिए गए उनके बयान के कारण ही यह विरोध थाI परन्तु सच ये है कि 16 जुलाई को स्वामी अग्निवेश ने आदिवासी बुद्धिजीवी मंच के प्रतिनिधियों के साथ मिलकर खूंटी के डीसी को दिए ज्ञापन के माध्यम से सरकार द्वारा आदिवासियों पर किया जा रहे ज़ुल्म–अत्याचार का विरोध कर कहा कि सरकार आदिवासी हित के कानूनों को बदलने की साजिश कर रही हैI झारखण्ड आकर ऐसा करना भाजपा शासन के रघुवर सरकार भक्तों को बेहद नागवार लगाI
इससे पहले भी 21 मार्च 2016 को राज्य के लातेहार जिले के बालूमाथ में दो पशु व्यापारी (12 वर्षीय मुस्लिम किशोर व एक युवा) की मॉब लिंचिग कर संगठित भगवा भीड़ द्वारा पीट-पीट कर ज़िंदा फाँसी पर लटका दिया गया थाI सरकार की जाँच आज तक पूरी नहीं हो सकी है अलबत्ता राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की टीम ने घटनास्थल का दौरा कर चिन्हित दोषियों पर कार्यवाही करने की सिफारिश की थीI जिसे सरकार ने जानबूझकर लागू ही नहीं कियाI बल्कि गिरफ्तार हुए सभी अभियुक्तों को जेल से बाहर निकाल लिया गयाI
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