Skip to main content
xआप एक स्वतंत्र और सवाल पूछने वाले मीडिया के हक़दार हैं। हमें आप जैसे पाठक चाहिए। स्वतंत्र और बेबाक मीडिया का समर्थन करें।

भारत की भूटान नीति और चीन का भय

Interview with आनंद स्वरुप वर्मा |

चीन और भारत दोनों देशों में उच्च राजनयिक स्तर पर हलचल दिखायी दे रही है। तमाम विशेषज्ञों का मानना है कि समस्या का समाधान बातचीत के जरिए संभव है क्योंकि अगर युद्ध जैसी स्थिति ने तीव्र रूप लिया तो इससे दोनों देशों को नुकसान होगा। शुरुआती चरण में रक्षा मंत्रालय का कार्यभार संभाल रहे अरुण जेटली ने जो बयान दिया कि ‘‘यह 1962 का भारत नहीं है’’ और फिर जवाब में चीन ने अपने सरकारी मुखपत्र में जो भड़काऊ लेख प्रकाशित किए उससे स्थिति काफी विस्फोटक हो गयी थी लेकिन समूचे मामले पर जो अंतर्राष्ट्रीय प्रतिक्रिया दिखायी दे रही है उससे भारत को एहसास होने लगा है कि अगर तनाव ने युद्ध का रूप लिया तों कहीं भारत अलगाव में न पड़ जाए और यह नुकसानदेह न साबित हो।

 

अपने टेलीग्राम ऐप पर जनवादी नज़रिये से ताज़ा ख़बरें, समसामयिक मामलों की चर्चा और विश्लेषण, प्रतिरोध, आंदोलन और अन्य विश्लेषणात्मक वीडियो प्राप्त करें। न्यूज़क्लिक के टेलीग्राम चैनल की सदस्यता लें और हमारी वेबसाइट पर प्रकाशित हर न्यूज़ स्टोरी का रीयल-टाइम अपडेट प्राप्त करें।

टेलीग्राम पर न्यूज़क्लिक को सब्सक्राइब करें

Latest