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बिहार: पटना हाइकोर्ट ने राजीव नगर में सरकारी तोड़फोड़ पर लगायी रोक, आज फिर सुनवाई

"उच्च न्यायालय के हस्तक्षेप के बाद राजीवनगर के नेपालीगनर में फिलहाल बुलडोजर तो रूक गया है, लेकिन सरकार के रवैये में कोई बदलाव नहीं आया है।"
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देश के कई राज्यों में तांडव करने के बाद बुलडोजर बिहार के राजधानी पहुंच गया है। बीती जुलाई को राजीव नगर इलाके के नेपाली नगर मोहल्ला में आवास बोर्ड की जमीन पर बने मकान जिला प्रशासन द्वारा कई बुलडोजर लगकर तोड़ दिए गए। जिसके बाद पटना हाइकोर्ट ने इस सरकारी तोड़फोड़ की कार्रवाई पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाते हुए आवास बोर्ड के एमडी और राज्य सरकार से बुधवार तक जबाब तलब किया है।

न्यायाधीश संदीप कुमार की एकलपीठ ने राजेंद्र कुमार सिंह एवं अन्य द्वारा दायर याचिका पर वरीय अधिवक्ता बसंत कुमार चौधरी को सुनने के बाद यह आदेश दिया। आज बुधवार को एकबार फिर इस मामले में सुनवाई होनी है।  

हाइकोर्ट ने घरो को तोड़ने पर आश्चर्य प्रकट किया

स्थानीय अख़बार प्रभात खबर के मुताबिक़ पटना हाइकोर्ट ने वर्षों से यहां मकान बनाकर रह रहे लोगों के आशियाना उजाड़े जाने पर आश्चर्य प्रकट किया। याचिकाकर्ता की ओर से कोर्ट को बताया गया कि राज्य सरकार और आवास बोर्ड ने ने गैर कानूनी तरीके से सैकड़ों मकानों को तोड़ दिया है। आवास बोर्ड और सरकार द्वारा दीघा लैंड सेटलमेंट एक्ट के तहत करवाई नहीं की है। जबकि यह एक्ट इस मामले के लिये ही बनाया गया है। सरकार तथा आवास बोर्ड का यह कार्य गैरकानूनी है।  

राजीवनगर में ढाए गए घरों की वैकल्पिक व्यवस्था करे सरकार: माले

भाकपा-माले राज्य सचिव कुणाल ने कहा है कि पटना उच्च न्यायालय के हस्तक्षेप के बाद राजीवनगर के नेपाली नगर में फिलहाल बुलडोजर तो रुक गया हैलेकिन सरकार के रवैये में कोई बदलाव नहीं आया है। भाजपा-जदयू की सरकार द्वारा की गई अव्वल दर्जे की क्रूर व अमानवीय कार्रवाई के कारण आज हजारों लोग सड़क पर आ गए हैं। अचानक उनका सबकुछ जमींदोज हो चुका है. जनता की चुनी हुई कोई सरकार अपनी जनता के साथ ऐसी बर्बरता कैसे कर सकती है

 

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उन्होंने कहा, उत्तर प्रदेश में बुलडोजर की हनक दिखाने वाले अब बिहार में भी हनक दिखाना चाहते हैं और जनता के उस हिस्से को भी नहीं छोड़ रहे जो लंबे समय से भाजपा की ही समर्थक रही है। राजीवनगर की घटना ने भाजपा के असली चरित्र को बेनकाब किया है कि वह अपनी समर्थक जनता को भी नहीं छोड़ती। नगर विकास का विभाग खुद भाजपा कोटे से उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद के पास हैतो भूमि सुधार विभाग रामसूरत राय के पास। भाजपा के इस बुलडोजर अभियान के खिलाफ जनता की व्यापक एकता बनकार आंदोलन को तेज करना आज समय की मांग है।

कुणाल ने यह भी कहा कि बरसात का समय शुरू हो चुका हैऐसे में सरकार को सोचना चाहिए कि जिनके घर बुलडोजर से ढाह दिए गएवे कहां जाएंगेहमारी मांग है कि इन सभी परिवारों के लिए सरकार तत्काल वैकल्पिक व्यवस्था करके उनके रहने का प्रबंध करे।

 

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भाकपा-माले बुलडोजर अभियान पर तत्काल रोक लगाने की मांग करती है। पूरे बिहार में नए सिरे से सर्वे कराकर जो लोग जहां बसे हैंउन्हें दिल्ली-मुंबई की तर्ज पर अधिकृत किया जाए। ग्रामीण इलाकों में भी गरीबों की बेदखली का अभियान चलाया जा रहा है. इसपर भी रोक लगे और सरकार एक सुसंगत वास नीति बनाने का काम करे।  
 

माले विधायकों के नेतृत्व में चार सदस्यीय टीम ने किया राजीवनगर का दौरा

भाकपा-माले विधायक दल के उपनेता सत्यदेव रामपालीगंज विधायक संदीप सौरभपार्टी की केंद्रीय कमिटी की सदस्य व ऐपवा की राज्य सचिव शशि यादव तथा राज्य कमिटी सदस्य जितेन्द्र कुमार ने राजीवनगर का दौरा करके स्थिति का जायजा लिया.

माले नेताओं ने बुलडोजर चलने की वजह से दुखी व आक्रोशित लोगों से बात की। अब तक 20 एकड़ भूमि पर बुलडोजर चल चुका है। वहां तैनात एसपी व डीएसपी से बात की। माले नेताओं ने उनसे बीच का रास्ता निकालने का आग्रह किया।

महिलाओं को पुरुष पुलिसकर्मियों ने पीटा

नेताओं ने पुलिस लाठीचार्ज में घायल लोगों से मुलाकात की। महिलाओं ने बताया कि महिला पुलिसकर्मी की अनुपस्थिति में पुरुष पुलिसकर्मियों ने उन्हें बेदर्दी से पीटा। मौके पर उपस्थित मजिस्ट्रेट ने विरोध कर रहे लोगों के साथ गाली-गलौज और बदतमीजी की। माले विधायकों ने कहा कि पुलिस का रवैया बेहद निंदनीय है। आखिर राज्य सरकार के निर्देश पर ही तो पुलिस आम लोगों के साथ इस प्रकार का क्रूर व्यवहार कर रही है।

उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद से मिले नेता

माले नेताओं ने घटनास्थल से ही उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद को फोन कियालेकिन बात नहीं हो सकी। तब वे उनके आवास पर पहुंच गए। माले नेताओं ने कहा कि आवास बोर्ड भले स्वतंत्र होलेकिन यह सारी कार्रवाई राज्य सरकार की जानकारी में ही हो रही है। बुलडोजर चलाने की नीति कहीं से जायज नहीं है। सरकार इस मामले में हस्तक्षेप करे और बुलडोजर को तत्काल रोके। उपमुख्यमंत्री ने माले प्रतिनिधिमंडल के इस आग्रह पर विचार करने का आश्वासन दिया।

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