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गैस की कीमत तय करने वाले फॉर्मूले की समीक्षा के लिए समिति का गठन

पेट्रोलियम एवं गैस मंत्रालय ने एक आदेश जारी कर योजना आयोग के पूर्व सदस्य किरीट एस पारीख की अगुवाई में यह समीक्षा समिति बनाई है। यह समिति गैस उपभोक्ताओं को गैस की वाजिब कीमत को लेकर सुझाव देगी।
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नयी दिल्ली: सरकार ने ओएनजीसी और रिलायंस जैसी कंपनियों की तरफ से उत्पादित गैस की कीमत तय करने वाले फॉर्मूले की समीक्षा के लिए एक समिति गठित की है।

पेट्रोलियम एवं गैस मंत्रालय ने एक आदेश जारी कर योजना आयोग के पूर्व सदस्य किरीट एस पारीख की अगुवाई में यह समीक्षा समिति बनाई है। यह समिति गैस उपभोक्ताओं को गैस की वाजिब कीमत को लेकर सुझाव देगी।

इस समिति में शहरी गैस वितरण से जुड़ी निजी कंपनियों, सार्वजनिक गैस कंपनी गेल इंडिया लिमिटेड, इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन और उर्वरक मंत्रालय का एक-एक प्रतिनिधि भी शामिल किया गया है।

सरकार ने वर्ष 2014 में गैस अधिकता वाले देशों की गैस कीमतों का इस्तेमाल घरेलू स्तर पर उत्पादित गैस की कीमत तय करने वाला फॉर्मूला तलाशने में किया था। इस फॉर्मूले के मुताबिक, गैस की कीमतें मार्च, 2022 तक कई बार उत्पादन की लागत से कम होती थीं लेकिन यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद पिछले कुछ महीनों में यह दर बड़ी तेजी से बढ़ी है।

पुराने गैस क्षेत्रों से निकलने वाली गैस की कीमत अप्रैल के बाद दोगुनी होकर 6.1 डॉलर प्रति इकाई (एमएमबीटीयू) हो चुकी है और अगले महीने तक इसके नौ डॉलर प्रति इकाई से आगे निकल जाने की संभावना है।

मंत्रालय ने इस समिति से कहा है कि वह उपभोक्ताओं को मुहैया कराई जाने वाली गैस की वाजिब कीमत का सुझाव दे। गैस का इस्तेमाल उर्वरक बनाने के अलावा बिजली उत्पादन और सीएनजी एवं रसोई गैस के रूप में भी किया जाता है।

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