भगत सिंह अगर ज़िंदा होते तो क्या करते?
जिन्होंने इतिहास की किताबें नहीं पढ़ी हैं, वह भी भगत सिंह के नाम से परिचित हैं। गाँव, देहात, गली - मुहल्ले में भगत सिंह को लेकर जितनी दिलचस्पी है,उससे कहीं ज्यादा गलफहमियाँ है। इन गलफहमियों को दूर करना जरूरी है। महज 23 साल की ज़िंदगी जीने वाले भगत सिंह ने राष्ट्रवाद, समाजवाद, सेक्युलरिज्म, विश्वप्रेम,साम्प्रदायिकता जैसे विचारों पर जमकर अपनी बात रखी। इन विचारों को अपने जीवन में इस तरह से अपनाया जो मौजदा वक्त में किसी भी नागरिक के जीवन सीख की बुनियाद बन सकती है। भगत सिंह के जन्मदिन के अवसर पर इस वीडियो में इतिहासकार एस इरफ़ान हबीब से खास बातचीत में उनके जीवन यात्रा के बारे में जानने की कोशिश की गयी है। यह समझने की कोशिश की गयी कि भगत सिंह ज़िंदा होते तो किन ताकतों के विरोध में खड़े होते और किन ताकतों के पक्ष में?
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