सीरिया में 90% लोग ग़रीबी रेखा से नीचे, लाखों लोगों के सामने खाद्य संकट: संयुक्त राष्ट्र
संयुक्त राष्ट्र: संयुक्त राष्ट्र मानवीय अभियानों के प्रमुख ने कहा है कि सीरिया में 12वर्षों से जारी संघर्ष ने देश की 90 प्रतिशत आबादी को गरीबी रेखा के नीचे धकेल दिया है और अनुदान में कमी के कारण अगले माह से लाखों लोगों को खाद्य सहायता नहीं मिल पाएगी।
संयुक्त राष्ट्र मानवीय अभियानों के प्रमुख मार्टिन ग्रिफिथ्स ने कहा कि सीरिया के लिए 5.4 अरब डॉलर की मदद की जरूरत है, लेकिन इसमें से केवल 12 प्रतिशत अनुदान ही मिल पाया है। इसका तात्पर्य यह है कि सरिया में लाखों लोगों को मिल रही खाद्य सहायता में जुलाई में 40 प्रतिशत की कटौती होगी।
Syrians facing an ever worsening humanitarian crisis amid ongoing conflict, top UN officials tell Security Council.
Renewed diplomacy is required to meet people’s immediate needs and chart a path toward a political solution. https://t.co/VhzhcLZ4Du
— United Nations (@UN) June 29, 2023
ग्रिफिथ्स ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में यह जानकरी दी।
संयुक्त राष्ट्र के लिए रूस के राजदूत ने सीमा पार आपूर्तियों को फिजूल करार दिया, जो सीरिया की संप्रभुता को कमतर कर रही है, सरकारी नियंत्रण वाले कब्जे को लेकर भावपूर्ण है साथ ही अवैध सशस्त्र बलों को मदद दे रही है।
रूस सीरिया का महत्वपूर्ण सहयोगी है।
सीरिया में लंबे समय से जारी संघर्ष में कम से कम पांच लाख लोग मारे गए हैं और बड़ी संख्या में लोग विस्थापित हुए हैं। बुधवार को दमिश्क से लौटे मानवीय अभियानों के प्रमुख ने कहा कि सीरिया के लोग ‘‘गंभीर मानवीय चुनौतियों’’ का सामना कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि मुस्लिम समुदाय के लोग बकरीद का त्योराह मनाएंगे लेकिन उनके पास पर्याप्त भोजन नहीं है, ईंधन नहीं है, घरों में पानी नहीं है और ये हालात ऐसे वक्त हैं जब संयुक्त राष्ट्र और उसके मानवीय अभियानों के सहयोगियों के पास मदद के सीमित साधन हैं।
रूसी राजदूत वेसेली नेबेंजिया ने कहा कि भूकंप प्रभावितों की मदद के लिए जरूरी 39 करोड़ 70 लाख डॉलर की आपात मानवीय मदद शुरूआती महीनों में पूरी की गई थी, लेकिन सीरिया पर संयुक्त राष्ट्र की कुल अपील का केवल 12 प्रतिशत ही जून के अंत तक जुट पाया है। उन्होंने अमेरिका और उसके सहयोगी देशों पर यूक्रेन में युद्ध के लिए अधिक धन देने, वहीं मानवीय अभियानों के लिए कम धन देने का आरोप लगाया।
उन्होंने कहा, ‘‘इससे पश्चिम की प्राथमिकताओं के बारे में स्पष्ट तौर पर पता चलता है।’’
(समाचार एजेंसी भाषा/एपी के इनपुट के साथ)
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