ऑक्सीजन की कमी से हुई मौत के आंकड़ों पर केंद्र और दिल्ली सरकार के बीच तू-तू-मैं-मैं जारी
नयी दिल्ली: दिल्ली की सरकार और केंद्र सरकार एक बार फिर आमने- सामने हैं। दोनों एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगा रहे है।
लेकिन अभी भी जो मूल सवाल है कि दिल्ली या देश में ऑक्सीजन की कमी से कुल कितनी मौतें हुई, इसका आंकड़ा सामने नहीं आ रहा है।
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बुधवार को दावा किया कि कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन की कमी से हुई मौतों पर आंकड़े देने के लिए केंद्र ने दिल्ली सरकार को महज 12-14 घंटे ही दिये थे।
हालांकि उन्होंने एक दिन पहले कहा था कि इस तरह का कोई पत्र दिल्ली सरकार को नहीं मिला था। दिल्ली सरकार के इसी दावे पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने सवाल उठाया, केंद्रीय मंत्री ने इस संबंध में 26 जुलाई को भेजे पत्र को ट्विटर पर साझा किया।
इसके बाद सिसोदिया का एक महत्वपूर्ण बयान आया है। सिसोदिया ने मांडविया के ट्वीट के जवाब में कहा कि 26 जुलाई को दिल्ली सरकार को जो पत्र मिला था, उसमें केंद्र ने अगले दिन दोपहर तक आंकड़े देने का वक्त दिया था, जिसकी महज 12 से 14 घंटे की समय सीमा थी।
दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को संबोधित करते हुए और ई-मेल का स्नैपशॉप ट्विटर पर साझा करते हुए दिन में मांडविया ने कहा कि अब भी देर नहीं हुई है और वह 13 अगस्त तक जवाब दे सकते हैं, ताकि स्वास्थ्य मंत्रालय संसद में इस संबंध में जवाब दे सकें।
वहीं, सिसोदिया ने दावा किया कि 13 अगस्त तक दिये गये समय का उल्लेख केंद्र के पत्र में नहीं किया गया था।
सिसोदिया ने एक बयान में कहा, ‘‘यह कहीं भी जिक्र नहीं किय गया था कि आंकड़े 13 अगस्त तक दिये जा सकते हैं। यदि ऐसा कहने वाला कोई पत्र है तो उसे अवश्य ही केंद्र द्वारा दिखाया जाए।’’
उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार राष्ट्रीय राजधानी में ऑक्सीजन की कमी से हुई मौतों के मुद्दे पर केंद्र को शीघ्र ही एक रिपोर्ट सौंपेगी।
सिसोदिया कोविड-19 पर दिल्ली सरकार के नोडल मंत्री भी हैं।
उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार ने मंगलवार को मीडिया को बताया कि संसद में मुद्दा उठाए जाने के बाद केंद्र ने राज्यों से संबंधित जानकारी मांगी थी, लेकिन अबतक केवल एक राज्य ने कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन की कमी से ‘संदिग्ध’ मौतों की जानकारी दी है।
सूत्रों के मुताबिक अरुणाचल प्रदेश, असम, ओडिशा, उत्तराखंड, जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, झारखंड, हिमाचल प्रदेश और पंजाब सहित कुल 13 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश ने मंगलवार तक इस संबंध में केंद्र को जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि सिर्फ पंजाब ने बताया कि ऑक्सीजन की कमी के चलते चार ‘संदिग्ध’ मौतें हुई हैं।
(समाचार एजेंसी भाषा इनपुट के साथ )
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