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ढाई आखर प्रेम: 'आओ सब मिलकर एक नई और सुंदर दुनिया बनाएं'

एकता और समानता का संदेश है हमारे पास। हमें बंधुत्‍व और न्याय का पैगाम देना है।
Uttarakhand

ढाई आखर प्रेम के उत्तराखंड राष्‍ट्रीय सांस्‍कृतिक जत्थे ने तीसरे दिन सुबह जमालपुर गांव की गलियों से जनगीत गाते हुए ज्वालापुर में प्रवेश किया। वहां बाज़ार के बीच से जनगीत गाते और ढाई आख़र प्रेम, प्यार मुहब्‍बत भाईचारा के नारों के साथ आगे बढ़ा। जवालापुर से लगभग 8 किलोमीटर की दूरी तय करके जत्था बहादराबाद पहुंचा। विजय पाल की अगुवाई में मुख्य चौराहों पर रुक कर जत्थे ने कुछ जनगीत गाये और आसपास परचे बांटे।

श्री हरिओम पाली, डॉ वीके डोभाल, सतनाम सिंह, धर्मानंद लखेड़ा, असद अहमद,विजय पाल सिंह, जगदीश कुड़ियाल, अतुल गोयल, सचिन, असद अली खान, नितिन, मन्तशा, अफ्शा, रामकिशन भारती, कुलदीप मधवाल तथा जमालपुर से ही यात्रा में शामिल हुए नासीर अहमद कलियर शरीफ के नज़दीक ही धनोरी गांव पहुंचे।

धनोरी में लखनऊ से आए हुए इप्टा के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष श्री राकेश वेदा जी जत्थे में शामिल हुए। उनका ज़ोरद्वार स्वागत किया गया। धनौरी में स्थित नेशनल इंटर कॉलेज के बाहर पर रुक कर जन गीत गाए गए जिसमें कॉलेज के छात्रों ने साथ दिया। राकेश वेदा जी ने यात्रा को संबोधित किया और वहां पर एकत्रित हुई भीड़ को यात्रा के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि इप्टा का यात्राओं का एक लंबा इतिहास रहा है। इप्टा का नामकरण भी देश के महान वैज्ञानिक डॉक्टर होमी जहांगीर भाभा ने किया था। देश मे आज़ादी के मतवालों की भी संख्या अधिक नही थी। किसी भी बड़े बदलाव के लिये संख्याबल की ज़रूरत नही होती। ज़रूरत है उसके प्रति ज़ज़्बे की, लग्न की, ईमानदारी की। सरदार भगत के साथ आज़ादी की लड़ाई में बहुत भीड़ नही थी। नानक, कबीर, स्वामी विवेकानंद, वीर चंद्र सिंह गढ़वाली का इतिहास बताता है कि वो सब अकेले ही थे।

धनोरी से चलकर जत्‍था पिरान कलियर शरीफ की ओर रवाना हुआ। दरगाह पहुंच कर सबने दोपहर का लंगर लिया। जिसका इंतज़ाम दरगाह के लंगर इंचार्ज जनाब सलीम साहब ने किया हुआ था। यहीं पर जत्थे में दीपक , लखनऊ से लिटल इप्टा के साथ आये साथी ओम प्रकाश नदीम और ओमप्रकाश नूर भी शामिल हुए।

नई बस्ती पिरान कलियर शरीफ में पहुंच कर जनगीत गाए गए एवं इप्टा सहारनपुर द्वारा नुक्कड़ नाटक गिरगिट प्रस्तुत किया गया। समाजसेवी श्री मुस्तफा त्यागी को गमछा ओढ़ाकर राकेश वेदा ने सम्मानित किया। श्रीमती अकबरी को इप्टा सहारनपुर की साथी मुन्तोशा ने गमछा उड़ाकर सम्मानित किया। राकेश वेदा ने इस यात्रा के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि हम सब तो आप सबसे मिलने को निकले हैं दूरियां कम करने आए हैं। एकता और समानता का संदेश है हमारे पास, समानता और हमें न्याय का पैगाम देना है। पूरी दुनिया बहुत सुंदर है। आओ सब मिलजुल कर एक नई सुंदर दुनिया बनाएं।

रात को विश्राम से पहले राकेश वेदा जी ने यात्रा में शामिल सभी साथियों के साथ खासकर युवाओं से अभिनय की बारीकियों और संगठन के बारे में चर्चा की ।

चौथे दिन देहरादून से जेएनयू के प्रोफेसर राकेश अग्रवाल, बीजू नेगी नेगी, विजय नेगी, एस एस रावत, डॉ रमीज़ रज़ा, तनवीर आलम, दीपक शांडिल्य, देवेश और आतिफ़ खान आगे की यात्रा में शामिल होने के लिए पहुंच गए। गलियों से सड़कों की ओर जनगीत गाते हुए ढाईआखर प्रेम के मतवालों की टोली फिर निकल पड़ी।

गीत संगीत की प्रेम धुन के साथ सब मेवाड़ कला इमली रोड जनपद हरिद्वार पहुंची। इसी बीच लखनऊ से लिटल इप्टा के साथी सुमन श्रीवास्तव के साथ यात्रा में शामिल हो गए। 'इंसान का इंसान से हो भाईचारा यही पैगाम हमारा’ गीत गाते पूरे गांव मे भ्रमण किया। गांव के मुख्य चौक पर सामाजिक कार्यकर्ता दीपक, तनवीर आलम, मोहसिन जी और विजय भट्ट को गमछा भेंट किया। यहीं से कारवां में सुनील कुमार और दिनेश कुमार, शाहिदा शेख रूड़की से शामिल हो गए।

राकेश वेदा राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष, डॉ. वी के डोभाल अध्यक्ष इप्टा उत्तराखंड राज्य, श्री ओमप्रकाश नदीम, धर्मानंद लखेड़ा, हरिओम पाली, मोहम्मद असद खान, कुलदीप मधवाल, बीजू नेगी, विजय भट्ट श्रीमती सुमन श्रीवास्तव, गरिमा सिंह, अंजली सिंह, पूजा प्रजापति, आरती प्रजापति, सोनी यादव, कविता यादव, शिवी सिंह सभी जोश के साथ जनगीत गाते हुए मस्ती में आगे बढ़ रहे थे।

लखनऊ इप्टा टीम ने मेवाड़ कला इमली रोड पर नुक्कड़ नाटक किए और गीत संगीत के साथ ढाई आखर प्रेम के संदेश को दूर दूर तक फैलाने का प्रयास किया।

इसके बाद यात्रा मेवाड़ कला गांव की गलियों में जनगीत गाते हुए घूमी। मेवाड़ कला गांव में वहां के सामाजिक कार्यकर्ता दीपक शांडिल्य जी को गमछा ओढ़ाकर सम्मानित किया गया और वहां के रहने वाले लोग जिनमें तनवीर आलम ,विजय भट्ट, सुनील कुमार,मोहसिन,दिनेश कुमार श्री विश्व प्रताप जी को गमछा ओढ़ाकर सम्मानित किया गया। वापस लौटते हुए सहारनपुर इप्टा की टीम ने भी जनगीत गाए।

यात्रा मेवाड़ कला गांव से बाहर निकल कर बाजुहेड़ी गांव में स्थित कस्तूरबा गांधी छात्रावास में पहुंची। यहां पर पीपुल्स फोरम के देहरादून से आये साथी कंडवाल जी और कमलेश खंतवाल जी ने यात्रा में अपनी भागीदारी सुनिश्ति करी। वहां पर बच्चे पहले से ही इन यात्रयों का इंतजार कर रहे थे। कस्तूरबा गांधी विद्यालय में लिटिल ईप्टा की टीम ने जनगीत गाए। सहारनपुर इप्टा की टीम में जनगीत गाने के बाद गिरगिट नामक नुक्कड़ नाटक प्रस्तुत किया। सभी को यात्रा का मक़सद बताया। स्कूल के बच्चों ने लिटल इप्टा की आवाज़ में आवाज़ मिला कर गीत गाये। विद्यालय की प्रधानाचार्य श्रीमती शिखा कपूर और जूनियर प्रधानाचार्य श्रीमती रश्मि शर्मा जी को गमछा ओढ़ाकर सम्मानित किया गया। उन्होंने कहा कि ये सभी गीत और नाटक स्कूल को भी उपलब्ध कराए। स्कूल के बच्चों को इनकी प्रैक्टिस कराई जाएगी। बीजू नेगी ने अपने संबोधन के साथ बच्चों को सरल शब्दों में प्रेम की परिभाषा को बताया।

आगे चलते हुए यात्री भगत सिंह चौक पर पहुंचे। भगत सिंह की मूर्ति को माल्यार्पण किया और जनगीत गाये। वहां पर भी स्थानीय जनता जत्‍थे से जुड़ती गई। यात्रा को शहर के बीच बाज़ारों से गुजरते हुए हज़ारों निग़ाहों के अनबूझे सवालो का जवाब देने की कोशिश करते जत्‍था शहीद स्थल सुनेहरा पहुंचा। वहां क्रांतिकारी गीतों और जनगीतों के साथ शहीदों को श्रद्धांजलि दी। फूल माला के साथ उनके बलिदानों को याद किया। इप्टा सहारनपुर और लिटल इप्टा के साथियों को गमछा भेंट किया। कमलेश खंतवाल जगदीश कुलियाल जी और जयकृत कंडवाल जी को गमछा भेंट किया। राष्ट्रीय कार्यकारी अध्य्क्ष राकेश वेदा जी ने उत्तराखंड यात्रा के सफल संचालन पर शुभकामनाएं देते हुए कहा कि ये उत्तराखंड में यात्रा का समापन नही शुरूआत है।

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