’टाइमआउट’ से लेकर फ़िलिस्तीन समर्थन तक... विवादों से भरा वर्ल्ड कप!
भारतीय क्रिकेट टीम ने वर्ल्ड कप 2023 में अपनी शुरुआत इतनी धमाकेदार कर दी थी, कि 145 करोड़ देशवासियों को ये अहसास हो गया था कि इस बार तो वर्ल्ड कप हमारा ही है। क्या साउथ अफ्रीका क्या पाकिस्तान.. हर टीम ने भारतीय टीम के सामने घुटने टेक दिए। इसके बाद सेमीफाइनल में न्यूज़ीलैंड की टीम से 2019 का बदला भी ले लिया।
मगर भयंकर उत्साह में डूबे देश का सपना फाइनल मुकाबले में अर्श से फर्श पर आ गया, और ऑस्ट्रेलियाई टीम छठी बार विश्व चैंपियन बन गई।
ख़ैर.. हम बात करेंगे विश्वकप फाइनल समेत पूरे टूर्नामेंट में हुए विवादों के बारे में... जिसमें सबसे पहले बात फाइनल मुकाबले की।
टीम इंडिया बल्लेबाज़ी कर रही थी, 14वें ओवर की तीसरी गेंद से आगे मैच होना था, तभी अचानक सुरक्षा में बड़ी चूक हुई, क्योंकि एक शख्स फिलिस्तीन की टी-शर्ट पहनकर ग्राउंड में घुस गया, और विराट कोहली को पीछे से पकड़ लिया।
जब पुलिस वाले उस शख्स को पकड़कर थाने ले गए और पूछताछ की, तब उसने ख़ुद को ऑस्ट्रेलियाई नागरिक कहा और अपना नाम जॉनसन बताया। उसने कहा कि वो फिलिस्तीन का समर्थक है और विराट कोहली का फैन भी है और एक प्रैंक स्टार है जो पहले भी बड़े इवेंट्स में ऐसी हरकतें कर चुके हैं। इससे पहले जॉनसन ऑस्ट्रेलिया में हुए रग्बी वर्ल्ड कप और फुटबॉल वर्ल्ड कप में भी इसी हरकत की थी और सजा भी हुई थी। हालांकि देश-दुनिया के तमाम लोगों ने इस युवक के काम को साहसी कारनामा भी कहा और फ़िलिस्तीन के हालात की तरफ़ ध्यान खींचने वाला क़दम बताया।
इससे भी बड़ा विवाद था कपिल देव का बयान.. दरअसल एक निजी समाचार चैनल से उन्होंने कहा कि 'आपने बुलाया मुझे, मैं इधर आ गया, उन्होंने नहीं बुलाया, मैं नहीं गया। यह सिंपल है, मैं चाहता था कि मेरी 1983 वर्ल्ड कप की पूरी टीम वहां हो। लेकिन इतना कुछ काम चल रहा है, बहुत सारी जिम्मेदारियां हैं, कई बार लोग भूल जाते हैं।'
आप समझ सकते हैं कपिल देव ने इस बयान को कितनी पीड़ा के साथ दिया होगा। यानी जिस शख्स ने भारत को पहला विश्व कप दिलाया, जिसे क्रिकेट का लिजेंड कहा जाता है, उसे ही विश्व कप जैसे इवेंट में इनवाइट नहीं किया गया। यानी क्रिकेट भी किस कदर राजनीति की धुरी पर घूम रही है, इसका अंदाज़ा यहीं पर हो जाता है।
हम राजनीति की बात इसलिए कर रहे हैं क्योंकि कपिल देव के ऐसे बयान के बाद कांग्रेस पार्टी ने भी सवाल उठाए। पार्टी के नेता जयराम रमेश ने कहा कि यह पूरी तरह से अस्वीकार्य है कि कपिल देव को अहमदाबाद में विश्व कप फाइनल के लिए बीसीसीआई ने आमंत्रित नहीं किया। उन्होंने कहा कि बेदी की तरह, कपिल देव भी अपनी बात कहने के लिए जाने जाते हैं और वह कुछ महीने पहले आंदोलनकारी महिला पहलवानों के समर्थन में खुलकर सामने आए थे।
अब अगर कपिल को नहीं बुलाए जाने को इस तरह से कहें कि फाइनल मुकाबले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह बैठे हुए थे, जो कुछ दिनों पहले महिला पहलवानों के हालात पर एक शब्द बोलने के लिए तैयार नहीं थे, जबकि इन पहलवानों के आरोपी को अपने पीछे खड़ा कर नई संसद का उद्घाटन कर रहे थे। और दूसरी ओर कपिल देव जैसे लिजेंड उन पहलवानों का समर्थन कर रहे थे। ऐसे में हो सकता है कि प्रधानमंत्री मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और उनके बेटे बीसीसीआई के सचिव जय शाह को उनका आना पसंद न होता।
आगे बढ़ते हैं, और एक सवाल के साथ एक घटना का ज़िक्र करते हैं। सवाल ये कि क्या जिस शख्स को पूरे देश को रिप्रजेंट करने ज़िम्मेदारी दी गई है उसकी बॉडी लैंगवेज कैसी होनी चाहिए... ज़ाहिर सी बात है कि बहुत कॉन्फिडेंट और दूसरों को सम्मान देने वाली। मगर इस वीडियो को देखिए ज़रा....
This is the unedited clip! pic.twitter.com/xUgVJTLSTV
— Abhinav Prakash (@Abhina_Prakash) November 19, 2023
इस वीडियो में आप देख पा रहे होंगे कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ऑस्ट्रेलिया के कप्तान पैट कमिंस को वर्ल्डकप देते हैं, हाथ मिलाते हैं और वहां से चले जाते हैं। जबकि वहां महौल ये कह रहा था कि उन्हें वहां कुछ समय कमिंस के साथ गुज़ारना था, बाकी टीम मेट्स के आने तक कमिंस के साथ रहना था। मगर वो चले गए, जिसके बाद कमिंस के चेहरे पर एक खिसिआई सी मुस्कान भी देखने को मिली। अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस रवैये की ट्वीटर (X) यूज़र्स खूब आलोचना भी कर रहे हैं।
हालांकि कुछ यूज़र्स ने इस वीडियो की जवाब में पोंटिग का एक वीडियो शेयर किया, जिसमें ऑस्ट्रेलिया के कप्तान रिकी पोंटिग, शरद पवार के साथ अमर्यादित ढंग से पेश होते नज़र आ रहे हैं। ये वीडियो 2006 का बताया जा रहा है।
I think you got the wrong clip. pic.twitter.com/Jpw4vbnxrg
— Pinch Reporter (@uniqueYS13) November 20, 2023
हालांकि ये बात भी सच है कि अमर्यादा का जवाब अमर्यादा नहीं होता।
इसके अलावा मैदान में मौजूद दर्शकों यानी इंडियन फैंस के रवैये की आलोचना की जा रही है। जिस तरह विपक्षी टीम के खिलाड़ी के शतक पर भी मैदान में तालियां नहीं बजीं और ट्रॉफी दिए जाने के समय लगभग पूरा स्टेडियम खाली हो गया उसे भी खेल भावना के ख़िलाफ़ माना जा रहा है।
बात फाइनल के बाद सेमीफाइनल की..
मैच था भारत और न्यूज़ीलैंड के बीच में, लेकिन इस मैच से पहले कथित तौर पर पिच बदले जाने को लेकर आखिरी वक्त पर विवाद खड़ा हो गया। ब्रिटिश अखबार डेली मेल की एक रिपोर्ट में दावा किया गया कि भारतीय बीसीसीआई ने सेमीफाइनल के लिए ‘यूज्ड पिच’ के साथ जाने का फैसला किया, जबकि पहले यह ‘ताजा पिच’ पर खेला जाना था। रिपोर्ट के अनुसार, आईसीसी के पिच एडवाइजर एंडी एटकिंसन ने शुरुआत में वानखेड़े में सेमीफाइनल के लिए इस्तेमाल की जाने वाली अनयूज्ड पिच पर अंतिम मुहर लगा दी थी लेकिन बाद में फैसले को बदलकर मैच यूज्ड सरफेस पर करने का निर्णय लिया गया। इस विवाद पर आईसीसी ने कहा कि लंबे इवेंट्स के आखिर में पिच रोटेशन होना सामान्य बात है, पहले भी ऐसा हुआ है।
फ़िलिस्तीन के मुद्दे पर पोस्ट
वर्ल्ड कप 2023 में पाकिस्तान के अलावा अफगानिस्तान और बांग्लादेश जैसे मुस्लिम बहुत देशों ने भी भाग लिया लेकिन बाबर आजम की टीम के कुछ प्लेयर फिलिस्तीन मुद्दे पर पोस्ट को लेकर चर्चा में रहे। लीग मैच में पाकिस्तान के मोहम्मद रिजवान ने श्रीलंका के खिलाफ मैच जिताऊ शतक बनाया और बाद में यह पारी गाजा के लोगों को समर्पित कर दी। इस लिस्ट में नवाज, ओसामा मीर, शादाब खान और हारिस रऊफ जैसे खिलाड़ी हैं। इन्होंने अपने ट्विटर अकाउंट से फिलिस्तीन के झंडे की फोटो पोस्ट की। सियासी मुद्दे को मैदान पर ले जाने के लिए पाकिस्तानी क्रिकेटरों को ट्रोल भी किया गया। हालांकि बहुत लोग इसे खिलाड़ियों के जन सरोकार और देश-दुनिया के मुद्दों पर ज़रूरी हस्तक्षेप की भी तरह देख रहे हैं।
भारतीय बॉलर्स पर आरोप
भारतीय टीम का वर्ल्डकप 2023 में शानदार प्रदर्शन पाकिस्तान के कुछ पूर्व क्रिकेटरों को रास नहीं आया। इन्होंने मैच के दौरान भारत को ज़्यादा स्विंग करने वाली गेंद दिए जाने जैसे आरोप लगाए। पाकिस्तान की ओर से क्रिकेट खेल चुके हसन रजा ने कहा, "इस साल कई सारी चीजें इंडिया के फेवर में गई है, चाहे वो रिव्यू हो या कुछ और। शमी और सिराज ये कैसी बॉलिंग कर रहे हैं, हम भी एक टाइम में खेला करते थे, तब बॉल रिवर्स स्विंग होता था लेकिन यहां क्या हो रहा है। मुझे लग रहा है कि बॉल चेंज हो जा रही है, इस पर आईसीसी को गौर करना चाहिए।" हसन रजा के इस कमेंट को पाकिस्तान के ही पूर्व क्रिकेटर वसीम अकरम ने बकवास बताया था, पाकिस्तान के पूर्व क्रिकेटर सिकंदर बख्त ने कहा था कि रोहित शर्मा सिक्का दूर फेंकते हैं, ताकि टॉस का रिजल्ट उनकी फेवर में हो और दूसरे कप्तान को कुछ पता नहीं चले।
टाइमआउट एक ऐतिहासिक विवाद
बांग्लादेश के खिलाफ मैच के दौरान श्रीलंका के एंजेलो मैथ्यूज को ‘टाइम आउट’ घोषित किए गया था। इंटरनेशनल क्रिकेट में ऐसा पहली बार हुआ जब किसी बैटर को इस तरह से आउट दिया गया, बांग्लादेश के कप्तान शाकिब अल हसन की अपील पर अम्पायर ने यह निर्णय लिया। टाइम आउट के नियम में एक बल्लेबाज के आउट होने पर दूसरे बल्लेबाज के पिच तक पहुंचने का समय निर्धारित है, मैथ्यूज तय समय यानी 2 मिनट में बैटिंग के लिए क्रीज पर पहुंच गए थे लेकिन बॉल फेस करने में उन्होंने इस कारण वक्त लिया क्योंकि उनके हेलमेट की स्ट्रिप टूट गई थी, ऐसे में उन्होंने अतिरिक्त खिलाड़ी से दूसरा हेलमेट मंगाया था। एंजेलो की गलती यह जरूर रही कि उन्होंने इसके लिए अम्पायर्स और विपक्षी कप्तान से इजाजत नहीं ली थी। मैथ्यूज के बॉल को फेस करने के लिए दो मिनट के तय समय से अधिक वक्त होने पर बांग्लादेश के कप्तान शाकिब अल हसन ने टाइम आउट की अपील की जिसे अंपायर ने स्वीकार कर लिया। शाकिब अल हसन के इस कृत्य को खेल भावना के खिलाफ माना गया।
इन विवादों के आसपास भी बहुत सी चीज़ें ऐसी रहीं जो भुलाई नहीं जाएंगी, जैसे पाकिस्तान के मोहम्मद रिज़वान ने बीच फील्ड में नमाज पढ़ी तो उनके खिलाफ ट्रोल्स ने कोहराम मचा दिया। फिर कई बार टिकटों की बिक्री पर सवाल किए गए। फिलहाल वर्ल्ड कप 2023 में कई विवाद ऐसे हुए जो हमेशा याद रहेंगे।
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