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ज्ञानवापी केस: जारी रहेगा ASI का सर्वे, SC से मिली हरी झंडी

SC के फ़ैसले के अलावा वाराणसी की एक अदालत ने ज्ञानवापी मस्जिद में चल रहे वैज्ञानिक सर्वेक्षण को पूरा करने के लिए ASI को चार हफ़्ते का अतिरिक्त समय दे दिया।
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फ़ोटो : PTI

नयी दिल्ली: देश की उच्चतम न्यायालय ने हिंदू पक्ष को राहत देते हुए शुक्रवार 4 अगस्त, 2023 को इलाहाबाद उच्च न्यायालय के उस आदेश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया, जिसमें भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) को वाराणसी स्थित ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में वैज्ञानिक सर्वेक्षण की अनुमति दी गई थी।

सर्वेक्षण यह तय करने के लिए किया जा रहा है कि क्या 17वीं शताब्दी की मस्जिद का निर्माण एक हिंदू मंदिर की पहले से मौजूद संरचना पर किया गया है अथवा नहीं।

प्रधान न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जे.बी. पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने ASI को सर्वेक्षण के दौरान किसी भी तरह की तोड़फोड़ की कार्रवाई से मना कर दिया।

पीठ ने ASI और उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता की दलीलों का संज्ञान लिया कि सर्वेक्षण के दौरान कोई खुदाई नहीं की जाएगी और न ही संरचना को कोई नुकसान पहुंचाया जाएगा।

आपको बता दें कि एक ज़िला अदालत ने ASI को यह निर्धारित करने के लिए सर्वेक्षण का निर्देश दिया था कि क्या मस्जिद पहले से मौजूद मंदिर पर बनाई गई थी। इस फैसले को अंजुमन इंतजामिया मस्जिद समिति ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी, लेकिन इसने बृहस्पतिवार को याचिका खारिज कर दी थी जिसके बाद यह मामला उच्चतम न्यायालय पहुंचा था।

ASI को सर्वेक्षण के लिए मिला चार हफ्ते का अतिरिक्त समय

उच्चतम न्यायालय के फ़ैसले के अलावा वाराणसी की एक अदालत ने शुक्रवार 4 अगस्त, 2023 को काशी विश्वनाथ मंदिर के बगल में स्थित ज्ञानवापी मस्जिद में चल रहे वैज्ञानिक सर्वेक्षण को पूरा करने के लिए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) को चार हफ़्ते का अतिरिक्त समय दे दिया।

ज़िला न्यायाधीश ए.के. विश्वेश ने ASI की याचिका पर सुनवाई करते हुए उसे सर्वेक्षण कार्य पूरा करने के लिए चार हफ़्ते का अतिरिक्त समय दिया।

सुनवाई के दौरान अदालत में मौजूद रहे हिंदू पक्ष के वकील मदन मोहन यादव ने बताया कि अब सर्वे कार्य पूरा करने की समय सीमा चार सितंबर तक बढ़ा दी गई है। पिछले आदेश के मुताबिक सर्वे चार अगस्त को पूरा करना था।

ASI ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय में सुनवाई के मद्देनजर गत 24 जुलाई को सर्वेक्षण कार्य रोक दिया था।

ASI ने उच्च न्यायालय द्वारा तीन अगस्त को हरी झंडी मिलने के बाद शुक्रवार सुबह सर्वेक्षण कार्य फिर से शुरू किया।

इस पूरे मामले पर अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी के संयुक्त सचिव एस.एम. यासीन का कहना है कि "माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा ASI सर्वे पर रोक लगाने से इनकार के बाद परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी ने सर्वसम्मति से निर्णय लिया है कि हम माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय का सम्मान करते हुए ASI के साइंटिफिक सर्वे में सहयोग करेंगे और आशा करते हैं माननीय न्यायालय के दिशानिर्देश का निष्पक्ष तरीके से पालन होगा तथा हमारी मस्जिद को कोई नुकसान नहीं पहुंचेगा।"

यासीन कहते हैं, "हम सभी से अपील करते हैं कि इस फैसले का सम्मान करते हुए पूर्ण रूप से शांति-व्यवस्था बनाए रखें, अफवाहों पर ज़रा भी ध्यान न दें और लोगों की बयानबाज़ी को नज़रअंदाज़ करें।"

(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)

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