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बेंगलुरु गैंगरेप का भयावह वीडियो सिस्टम पर कई सवाल खड़े करता है!

ये मामला इतना सीधा है नहीं, जितना देखने में लग रहा है। इसमें गैंगरेप के अलावा तस्करी और फिर साइबर क्राइम का एंगल भी है। हालांकि पुलिस की जांच और पीड़िता की तलाश अभी भी जारी है।
 गैंगरेप

बीते कई दिनों से सोशल मीडिया पर एक महिला के साथ कथित गैंगरेप का वीडियो चर्चा में बना हुआ था। ये वीडियो पूर्वोत्तर भारत और बांग्लादेश में काफी वायरल हुआ। इसमें कई लोग मिलकर एक लड़की को प्रताड़ित कर रहे थे। हालांकि शुरुआत में यह पता ही नहीं चल पा रहा था कि पीड़ित लड़की कौन है और ये घटना कहां की है। इस वीडियो को लोग जोधपुर सुसाइड केस से भी जोड़कर देख रहे थे, जिसे केंद्रीय गृह राज्य मंत्री किरण रिजिजू ने खारिज कर सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की पुलिस से आरोपियों को ट्रैक करने और उन्हें पकड़ने में मदद करने की अपील की।

वीडियो सामने आने के बाद पूर्वोत्तर राज्यों में काफी गुस्सा देखने को मिला। क्योंकि वीडियो देखने के बाद माना गया कि पीड़िता पूर्वोत्तर के किसी राज्य से ताल्लुक रखती है। जिसके बाद लोगों की नाराजगी को देखते हुए असम पुलिस ने वीडियो का इमेज शेयर करते हुए कहा कि जिसे भी इन क्रिमिनलस के बारे में जानकारी हो वो पुलिस को संपर्क करें, उन्हें इसके लिए इनाम भी दिया जाएगा। पुलिस ने ये भी कहा था कि घटना कहीं और की है कि ये असम की नहीं हो सकती है।

असम पुलिस के इस ट्वीट पर संज्ञान लेते हुए बेंगलुरू पुलिस ने 5 लोगों को गिरफ्तार किया। इनमें एक महिला भी है। शुक्रवार, 28 मई की सुबह दो आरोपियों ने पुलिस की गिरफ्त से भागने की कोशिश की। जिसके बाद पुलिस ने रोकने के लिए उनके पैर में गोली मार दी, फिलहाल उनका इलाज अस्पताल में चल रहा है।

हालांकि ये मामला इतना सीधा है नहीं, जितना देखने में लग रहा है। इसमें गैंगरेप के अलावा तस्करी और फिर साइबर क्राइम का एंगल भी है। साथ ही पीड़िता और अभियुक्तों का बांग्लादेश कनेक्शन भी सामने आ रहा है। हालांकि पुलिस की जांच और पीड़िता की तलाश अभी भी जारी है।

पुलिस का क्या कहना है?

इस घटना के संबंध में बेंगलुरु के पुलिस कमिश्नर कमल पंत ने ट्वीट किया, "पीड़िता का पता लगाने के लिए पुलिस की टीम को पड़ोस के एक राज्य में भी भेजा गया है ताकि जांच में उसे शामिल किया जा सके। अब तक मिली जानकारी के मुताबिक़ ये सभी एक ही समूह के हैं और माना जा रहा है कि ये बांग्लादेश के रहने वाले हैं। पीड़िता भी एक बांग्लादेशी हैं, उन्हें तस्करी के तहत भारत लाया गया था और पैसों के मामले को लेकर उन्हें प्रताड़ित किया गया और उनके साथ ये क्रूरता की गई।"

टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक, ये घटना बेंगलुरु के राममूर्ति नगर में पिछले हफ्ते हुई थी। जो आरोपी पकड़े गए हैं, उनके नाम हैं- सागर (23), मोहम्मद बाबू साहिक (30), हृदय बाबू (25) और हकील (23)। इनके साथ गिरफ्तार महिला की पहचान पुलिस ने नहीं बताई। सागर, साहिक और हृदय बेंगलुरू के ही रहने वाले हैं। हकील हैदराबाद का है। युवती के साथ दरिंदगी करने के बाद आरोपियों ने ही इसका वीडियो बनाकर ऑनलाइन शेयर किया था। पुलिस की जांच से ये भी पता चला कि युवती को बांग्लादेश से मानव तस्करी करके लाया गया था। पीड़िता किसी तरह बचकर केरल भाग गई थी। लेकिन फिर गैंग के लोग उसे पकड़कर बेंगलुरू ले आए और उसके बाद उसके साथ बर्बरता हुई।

वायरल वीडियो बहुत भयावह है!

मालूम हो कि जिस वायरल वीडियो के आधार पर पुलिस ने 5 लोगों को गिरफ्तार किया, वो बहुत भयावह है। इस वीडियो में आरोपी महिला के साथ दरिंदगी की सारे हदें पार कर रहे हैं। महिला शोर मचाती है, लेकिन आरोपी लाउड म्यूजिक लगा कर लड़की के साथ बर्बर व्यवहार करना जारी रखते हैं। वीडियो में जबरन लड़की के कपड़े उतारे जा रहे है। उसके सिर पर पैर रखा जा रहा है। वो चिल्ला न सके, इसके लिए उसके मुंह पर कपड़ा डाल दिया जाता है। इसके बाद आरोपियों ने पीड़िता के प्राइवेट पार्ट में पहले पैर का अंगूठा और फिर बोतल डाल दी और पूरी घटना वीडियो कॉल के जरिए आरोपी दूसरों के साथ शेयर कर रहे थे। पीड़िता को बुरी से बुरी गाली दे रहे थे।

रेप के बाद घटना का वीडियो पोस्ट करना औरतों पर दोहरा अत्याचार है!

गौरतलब है कि बीते कुछ समय में महिलाओं पर अत्याचार के साथ ही सोशल मीडिया पर ऐसे वीडियो अपलोड करने का ट्रेंड बढ़ता हुआ दिखाई दे रहा है। बीते कुछ समय से लगातार ऐसे वायरल वीडियो सामने आ रहे हैं जो न सिर्फ महिलाओं की अस्मिता को तार-तार करते हैं, बल्कि एक अलग अपराध को भी बढ़ावा दे रहे हैं। महिला अधिकारों की लड़ाई लड़ने वालों के मुताबिक ये औरतों के साथ दोहरा अत्याचार है, जो आपको शारीरिक घाव के साथ ही लंबे समय तक चलने वाला मानसिक घाव भी देता है।

वूमेन प्रोटेक्शन ऑर्गनाइजेशन से जुड़ी आस्था सिंह बताती हैं कि ये सरकार की दोहरी नाकामी है। आप न तो महिलाओं को सुरक्षित माहौल दे पा रहे हैं और न ही साइबर अपराधों पर लगाम लगा पा रहे हैं। इससे अपराधियों के मनोबल में कई गुना इज़ाफा हुआ है, उनका डर खत्म हो गया है, क्योंकि अगर ऐसा नहीं होता तो एक ही तरह की घटना बार-बार नहीं होती।

आस्था आगे कहती हैं, “हमारी कानून व्यवस्था भी बहुत जटिल है, जहां इंसाफ की लड़ाई को सालों-साल लग जाते हैं, फिर भी आपको न्याय मिलेगा या नहीं ये कहा नहीं जा सकता। क्योंकि यहां आरोपी को हर संदेह का लाभ दे दिया जाता है लेकिन एक महिला को हमेशा संदेह की नज़र से ही देखा जाता है और ये सिर्फ कोर्ट-कचहरी तक सीमित नहीं है। ये हमारे समाज से लेकर कानून निर्माताओं तक ऊंचे औधों पर बैठे लगभग सभी लोगों पर लागू होता है।”

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