लखनऊ हादसा: महिला पत्रकार सहित दो की मौत, रेस्क्यू ऑपरेशन में लापरवाही का आरोप, एक गिरफ़्तार
लखनऊ में मंगलवार की शाम गिरी इमारत में दबकर एक महिला पत्रकार समेत दो महिलाओं की आज सुबह मौत हो गई। क़रीब 24 घंटे से चल रहे रेस्क्यू ऑपरेशन में 14 लोगों को बचाया जा सका है। जबकि अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि कितने और लोग इमारत में दबे हैं। मृतक महिलाओं के परिवार ने आरोप लगाया है रेसक्यू ऑपरेशन में लापरवाही बरती गई। जिसके कारण एक ही परिवार की दो महिलाओं की मौत हो गई और एक बच्चा और एक बुज़ुर्ग घायल हो गये।
लखनऊ विकास प्राधिकरण ( एलडीए ) का कहना है कि धराशायी हुआ "अलाया अपार्टमेंट" अवैध रूप से बनाया गया था। उधर बिल्डिंग का निर्माण करने वाली कंपनी “यज़दान बिल्डर” के खिलाफ़ मुक़दमा दर्ज कर लिया लिया गया है।
आपको बता दें कि कल मंगलवार को नेपाल से भारत तक आये भूकंप के कुछ घंटों बाद हज़रतगंज की पॉश वज़ीर हसन रोड़ पर एक पांच मंजिला इमारत गिर गई। इमारत में क़रीब 12 फ्लैट और एक पेंट-हाऊस था।
हादसे में जान गंवाने वाली मां-बेटी बेगम हैदर और उज़मा हैदर
रेस्क्यू ऑपरेशन में लापरवाही का आरोप
हादसे में अपनी माँ बेगम हैदर (87) और पत्नी उज़मा हैदर (30) की मौत के बाद समाजवादी पार्टी के नेता अब्बास हैदर ने प्रशासन द्वारा किए जा रहे राहत व बचाव कार्य पर सवाल उठाए और कहा कि बिना विशेषज्ञों की मौजूदगी के कार्य किया जा रहा है। हैदर के अनुसार रेस्क्यू ऑपरेशन के नाम पर सिर्फ औपचारिकता हुई और अधिकारी केवल घटना स्थल से अपनी फोटो खींच कर सोशल मीडिया पर पोस्ट करते रहे।
उन्होंने प्रशासन पर गंभीर लापरवाही का आरोप लगाते हुए इसे हत्या करार दिया है और कार्रवाई की मांग की है। हालाँकि रेस्क्यू ऑपरेशन में बचने वालों में अब्बास हैदर के पिता अमीर हैदर और बेटा मुस्तफा हैदर भी शामिल हैं। बता दें कि उज़मा हैदर एक स्वतंत्र पत्रकार थीं और पहले वह एक अंग्रेज़ी दैनिक में संवाददाता के रूप में कार्य करती थीं।
अलाया अपार्टमेंट का इतिहास
बताया जा रहा है कि अलाया अपार्टमेंट की ज़मीन सपा सरकार के कद्दावर मंत्री रहे शाहिद मंजूर के बेटे नवाजिश व भतीजे तारिक ने 20 साल पहले 2003 में खरीदी थी। जिसके बाद इस ज़मीन पर अपार्टमेंट बनाने के लिए “बिल्डर एग्रीमेंट” “यज़दान बिल्डर्स” से किया गया। जिसने इस ज़मीन पर पांच मंजिला बिल्डिंग को तैयार किया था। बिल्डिंग में एक “पेंट हाउस का निर्माण भी कराया हुआ। सूत्रों ने बताया कि इस पेंट हाउस को पहले पूर्व मंत्री शाहिद मंजूर के परिवार को दिया गया था। जिसे बाद इसको सपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता अब्बास हैदर को बेच दिया गया था।
गिराने का था आदेश
जब बिल्डिंग के बारे में न्यूज़क्लिक ने एलडीए के उपाध्यक्ष इंद्रमणि त्रिपाठी से बात की तो उन्होंने बताया कि बिल्डिंग का नक्शा भी पास नहीं था। इसे गिराने का आदेश भी 2 अगस्त 2010 को जारी हो चुका था। इसका अर्थ यह है कि एलडीए के अधिकारी 12 साल, 5 महीने से इस आदेश को दबाए बैठे थे। जब उनसे इस बारे में पूछा तो उन्होंने के कहा कि जाँच में जो भी दोषी पाया जायेगा उसके खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
क्या कहते हैं पीड़ित
हादसे के वक़्त अलाया अपार्टमेंट की चौथी मंजिल पर मौजूद शाहजहां बानो को 12 घंटे बाद मलबे से बहार निकला जा सका है। वह बताती हैं कि अचानक बिल्डिंग से “चट-चट” की आवाज़ आने लगी और 10 मिनट बाद ही बिल्डिंग गिरने लगी और बिल्डिंग में मौजूद सभी लोग उसी में फंसे रह गए। रेस्क्यू में बची रूबी कहती हैं कि वह अलाया अपार्टमेंट में रहती थी। वह बिल्डिंग गिरते वक़्त फ्लैट में थी। बिल्डिंग में मेंटीनेंस का काम चल रहा था। हर फ्लैट से 20 हजार रुपये लिए गए थे। नीचे ड्रिल होता था तो ऊपर तक वाइब्रेशन (हिलता) होता था। मंगलवार शाम को अचानक बिल्डिंग गिर गई। सबसे पहले उनको रेस्क्यू किया गया था। पहले प्राइवेट अस्पताल गई और बाद में पार्क रोड स्थित सिविल हॉस्पिटल आ गईं।
बिल्डिंग की तीसरी मंजिल के फ्लैट संख्या 301 में रहने वाली रंजना अवस्थी और उनकी बेटी आलोका अवस्थी को रेस्क्यू टीम ने बचाया है। उन्होंने बताया कि बीते तीन दिनों से बिल्डिंग के बेसमेंट में पम्प डलवाने का काम चल रहा था। जिससे फ्लैट हिल रहे थे और फ्लैट निवासी इसका विरोध कर रहे थे। इसी विरोध करने पर बिल्डिंग में एक दिन हंगामा भी हुआ था।" हालाँकि स्थानीय प्रशासन का कहना है अभी यह स्पष्ट नहीं है कि बिल्डिंग गिरने का कारण क्या है। क्योंकि बिल्डिंग गिरने से पहले भूकंप भी आया था।
जांच समिति
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी हादसे का संज्ञान लिया है और तीन सदस्यीय जांच समिति का गठन किया है। कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। आदेश के अनुसार समिति जांच कमेटी हादसे के लिए ज़िम्मेदार लोगों को चिह्नित कर एक हफ्ते में अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। इस समिति में लखनऊ की कमिश्नर रोशन जैकब, जॉइंट पुलिस कमिश्नर पीयूष मोर्डिया और चीफ इंजीनियर पीडब्लूडी को शामिल किया गया है।
गिरफ़्तारी
पुलिस कमिश्नर एसबी शिरोडकर के अनुसार नवाजिश शाहिद, मोहम्मद तारिक और फहद यज़दान के ख़िलाफ़ मामला दर्ज किया गया है। नवाजिश शाहिद गिरफ्तार है। अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी जारी है।
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