न्यूज़क्लिक ने दिल्ली पुलिस की चार्जशीट के बेतुके, आधारहीन आरोपों को ख़ारिज किया
न्यूज़क्लिक और इसके प्रधान संपादक प्रबीर पुरकायस्थ के खिलाफ दिल्ली पुलिस की चार्जशीट के आरोपों को कई मीडिया संस्थानों ने रिपोर्ट किया है। इनमें से कई रिपोर्ट न्यूज़क्लिक से प्रतिक्रिया मांगे बिना प्रकाशित की गई हैं।
हम लगातार यह कहते रहे हैं कि हम मीडिया ट्रायल नहीं चाहते हैं और हम उन मामलों पर चर्चा करना नहीं चाहते जिसकी सुनवाई न्यायालय में जारी है। हमें न्यायिक प्रक्रिया पर पूरा भरोसा है। हालांकि, आरोपों की गंभीरता और इसके बेतुकेपन को देखते हुए हम निम्नलिखित बातें बताना चाहते हैं :-
1. न्यूज़क्लिक और प्रबीर पुरकायस्थ के ख़िलाफ़ आरोप पूरी तरह से निराधार हैं। न्यूज़क्लिक और प्रबीर किसी भी आतंकवादी कृत्य में शामिल नहीं रहे हैं। न ही इसका कोई सबूत है। प्रबीर का किसी आतंकवादी समूह से कोई संबंध नहीं है।
2. इन रिपोर्टों के टाइमिंग से यह साफ हो जाता है कि उनका उद्देश्य पब्लिक ओपिनियन और लंबित न्यायिक कार्यवाही पर प्रतिकूल प्रभाव डालना है। कल ही (30 अप्रैल, 2024) आरोपों का संज्ञान लिया गया। यह दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल द्वारा दायर आरोपपत्र का कुछ हिस्सा चयनात्मक तरीके से लीक का मामला है। आरोपपत्र कुछ नहीं बल्कि जांच अधिकारी की राय है जिसे 'आरोपों' के रूप में पेश किया जा रहा है। न्यूज़क्लिक और प्रबीर द्वारा इन आरोपों का पुरजोर तरीके से विरोध किया जाएगा।
3. प्रबीर का भारत की कम्युनिस्ट पार्टी-मार्क्सवादी (CPI-M) के साथ लंबे समय संबंध (वह 50 वर्षों से अधिक समय से सदस्य हैं) का मतलब है कि वह कभी भी किसी हिंसक और/या अवैध कृत्य करने वाले 'माओवादियों', लश्कर-ए-तैयबा या किसी अन्य संगठनों या व्यक्ति की आर्थिक या अन्य तरीके से मदद नहीं करते हैं। उनकी राजनीतिक भागीदारी और विचार बिल्कुल स्पष्ट है और यह सार्वजनिक डोमेन में है।
4. विभिन्न मीडिया संगठनों की तरह न्यूज़क्लिक ने देश में प्रमुख घटनाओं को कवर किया, जिसमें किसानों का प्रदर्शन और सीएए-एनआरसी विरोधी प्रदर्शन शामिल हैं। हमारे पत्रकारों की रिपोर्ट सार्वजनिक डोमेन में है। न तो न्यूज़क्लिक और न ही प्रबीर ने प्रदर्शनकारियों को वितरण के लिए नकदी की आपूर्ति की। और न ही उन्होंने कोई दंगा भड़काया।
5. न्यूज़क्लिक ने अपने न्यूज़ बुलेटिनों और लेखों में मानचित्रों के संबंध में सभी संबंधित नियमों का पालन किया है। ये सारी चीज़ें पब्लिक डोमेन में हैं।
6. कोविड-19 महामारी के दौरान, न्यूज़क्लिक ने कई विशेषज्ञों के साथ चर्चाएं और टिप्पणियां प्रकाशित कीं। इन सभी चीजों में सामान्य सूत्र किफायती और सुरक्षित सार्वभौमिक टीकाकरण का महत्व और महामारी के प्रबंधन के लिए वैज्ञानिक दृष्टिकोण था। प्रबीर कई दशकों से विज्ञान और प्रौद्योगिकी समूहों का हिस्सा रहे हैं, जिन्होंने फार्मास्युटिकल क्षेत्र में आत्मनिर्भरता - स्वदेशी विनिर्माण क्षमता को मजबूत करने की वकालत की है। उन्होंने बौद्धिक संपदा बाधाओं के खिलाफ भी तर्क दिया है जो टीकों को गरीबों की पहुंच से दूर करते हैं। ये सारे कार्य लेखों और वीडियो के रूप में न्यूज़क्लिक पर सार्वजनिक रूप से उपलब्ध हैं।
7. न्यूज़क्लिक एक बार फिर दोहराता है कि दिल्ली पुलिस और अन्य एजेंसियों की जांच हमारी स्वतंत्र पत्रकारिता को निशाना बनाने का प्रयास है। विरोध प्रदर्शनों और सरकार की नीतियों की आलोचना की न्यूज़क्लिक के कवरेज को भारत विरोध के रूप में चित्रित किया जा रहा है। हमारे ऊपर लगाए गए सभी आरोप मनगढ़ंत और बेबुनियाद हैं।' ये आरोप 'प्रोटेक्टेड विटनेसेस' के बयानों पर आधारित हैं जिन्हें अदालत में साबित किया जाना है। इन बयानों का समर्थन करने के लिए कोई पुष्टि करने वाली सामग्री नहीं है। इसे न्यूज़क्लिक द्वारा उचित समय पर अदालतों में चुनौती दी जाएगी। हमें विश्वास है कि प्रबीर, न्यूज़क्लिक और उसके सभी पत्रकारों के काम को सही ठहराया जाएगा।
न्यूज़क्लिक संपादकीय टीम
मूलतः अंग्रेज़ी में प्रकाशित बयान को पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें :-
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