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अब NDA बनाम ‘INDIA’ की लड़ाई: विपक्षी दलों ने बनाया नया गठबंधन

बेंगलुरु में विपक्षी दलों की बैठक के बाद कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘हमारे गठबंधन का नाम ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव एलायंस (इंडिया)’ होगा। सभी ने एक स्वर में इस प्रस्ताव का समर्थन किया।’’
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अगले लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) को कड़ी चुनौती देने के प्रयास में जुटे 26 विपक्षी दलों ने अपने गठबंधन का नाम ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव एलायंस (इंडिया)’ रखा है।

बेंगलुरु में विपक्षी दलों की बैठक के बाद कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘हमारे गठबंधन का नाम ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव एलायंस (इंडिया)’ होगा। सभी ने एक स्वर में इस प्रस्ताव का समर्थन किया।’’

समन्वय समिति बनाई जाएगी

खरगे ने कहा कि विपक्षी गठबंधन में 11 सदस्यों की एक समन्वय समिति बनाई जाएगी और महाराष्ट्र के मुंबई में होने वाली अगली बैठक में इसके सदस्यों के नामों की घोषणा की जाएगी।

खरगे ने कहा कि आगामी लोकसभा चुनाव प्रचार के प्रबंधन के लिए दिल्ली में एक साझा सचिवालय बनाया जाएगा।

उन्होंने कहा, ‘‘देश और देश के लोगों को बचाना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। इसके लिए हमने आपसी मतभेदों को पीछे रखने का फैसला किया है।’’

‘इंडिया की जीत होगी’

इससे पहले, इस नाम का संकेत देते हुए कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘इंडिया की जीत होगी।’’

विपक्ष के कई नेताओं ने मंगलवार को भारतीय जनता पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा कि उनकी बैठक का मकसद देश, लोकतंत्र और संविधान बचाना है।

उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि भाजपा सरकार में देश के लोकतंत्र के साथ खिलवाड़ हो रहा है। उन्होंने कहा कि ‘भारत की अवधारणा’ की रक्षा करने की जरूरत है।

देश के 26 विपक्षी दलों के प्रमुख नेताओं ने यहां 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को चुनौती देने के लिए गठबंधन के नाम, रूपरेखा और साझा एजेंडे तय करने के बारे में चर्चा की।

ज्ञात हो कि विपक्ष की अगली बैठक मुंबई में आयोजित होगी लेकिन इसकी तारीख का अभी ऐलान नहीं किया गया है।

वैकल्पिक राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक एजेंडा पेश करेंगे

विपक्षी दलों ने अगले लोकसभा चुनाव के लिए अपने नए गठबंधन का नाम तय करने के साथ यह भी कहा कि वे देश के समक्ष एक वैकल्पिक राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक एजेंडा पेश करेंगे तथा शासन के सार एवं शैली में इस तरह से बदलाव करेंगे कि वो अधिक परामर्श योग्य, लोकतांत्रिक और सहभागी हों।

इन दलों ने सरकार पर भारतीय संविधान के मूलभूत स्तंभों-धर्मनिरपेक्ष लोकतंत्र, आर्थिक संप्रभुता, सामाजिक न्याय और संघवाद-को कमजोर करने और देश में नफरत फैलाने का आरोप लगाया।

'नरेंद्र मोदी और ‘इंडिया’ के बीच लड़ाई है’

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने विपक्षी दलों के नए गठबंधन के नाम ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव एलायंस (इंडिया)’ का उल्लेख करते हुए मंगलवार को कहा कि अब लड़ाई ‘इंडिया और नरेंद्र मोदी’ के बीच है और यह बताने की जरूरत नहीं है कि जीत किसकी होगी।

उन्होंने यह भी कहा कि जब भी कोई हिंदुस्तान के सामने खड़ा होता है, तो जीत किसकी होती है यह बताने की जरूरत नहीं है।

विपक्ष के 26 दलों की बैठक के बाद राहुल गांधी ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘जब हम चर्चा कर रहे थे, तो हमने खुद से ये सवाल पूछा कि लड़ाई किसके बीच है। यह लड़ाई विपक्ष और भाजपा के बीच नहीं है। देश की आवाज को दबाया और कुचला जा रहा है। यह देश की आवाज के लिए लड़ाई है। इसीलिए यह ‘इंडिया’ नाम चुना गया।’’

उन्होंने कहा, ‘‘यह लड़ाई एनडीए और इंडिया के बीच है। नरेंद्र मोदी जी और इंडिया के बीच लड़ाई है, उनकी विचारधारा और इंडिया के बीच है। जब कोई हिंदुस्तान के सामने खड़ा होता है, तो जीत किसकी होती है यह बताने की जरूरत नहीं है।’’

राहुल गांधी ने यह भी कहा कि विपक्षी दलों की अगली बैठक मुंबई में होगी।

उन्होंने कहा, ‘‘हमने तय किया है कि एक कार्य योजना तैयार करेंगे, जहां हम अपनी विचारधारा और देश के लिए जो करने जा रहे हैं, उसके बारे में बताया जाएगा।’’

बता दें कि कांग्रेस ने कई विपक्षी नेताओं के बयान के वीडियो जारी किए हैं।

मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा कि यह बैठक महत्वपूर्ण है क्योंकि विपक्षी दलों की रक्षा करना महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि देश पर चौतरफा हमला किया जा रहा है।

झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता और झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि भाजपा सरकार द्वारा देश में जो हालात बनाए गए हैं, उसको लेकर आज की बैठक महत्वपूर्ण है।

राष्ट्रीय जनता दल के प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने कहा, ‘‘यह बैठक देश के लिए जरुरी है। हमें देश को बचाना है, लोकतंत्र को बचाना है। किसान, मजदूर, नौजवान सभी की रक्षा करनी है।’’

इससे पहले उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘अब नरेंद्र मोदी की (सरकार की) विदाई करनी है।’’

बिहार के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कहा, ‘‘देश के लोकतंत्र, संविधान और भाईचारे को बचाने के लिए हम एकजुट हुए हैं। देश की संवैधानिक संस्थाओं का दुरुपयोग हो रहा है और देश की संपत्तियों को बेचा जा रहा है। किसान, युवा, महंगाई जैसे असल मुद्दों पर बात न कर, सिर्फ नफरत की बातें की जा रही हैं।’’

तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि यह बैठक रचनात्मक होगी तथा इसका नतीजा देश के लिए अच्छा रहेगा।

दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को 10 साल शासन करने का मौका मिला और इस दौरान तकरीबन हर क्षेत्र में परेशानी पैदा हुई है।

उन्होंने दावा किया, ‘‘प्रधानमंत्री ने लोगों के दिलों में नफरत पैदा कर दी, अर्थव्यवस्था चरमरा गई, महंगाई चरम पर है और हर क्षेत्र में बेरोजगारी है।’’

केजरीवाल ने कहा कि समय आ गया है कि अब भारत के लोगों को प्रधानमंत्री मोदी से मुक्ति मिले।

समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि देश और जनता को बचाने के लिए यह बैठक जरूरी है।

उन्होंने दावा किया कि आज के समय में देश की दो-तिहाई जनता भाजपा के खिलाफ है।

राष्ट्रीय लोक दल के प्रमुख जयंत चौधरी ने कहा, ‘‘भाजपा के नए भारत में लोकतंत्र नहीं, भीड़तंत्र है। देश को एक मजबूत विकल्प चाहिए। हम मिलकर जनता के मुद्दों को साथ लेकर चलेंगे। 2024 में एक अच्छी और जनता के लिए काम करने वाली सरकार हमें मिलेगी।’’

नेशनल कांफ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने कहा, ‘‘यह महत्वपूर्ण है कि हम हर गलत चीज के खिलाफ एकजुट रुख अपनाएं। संविधान नष्ट हो गया है, धर्मनिरपेक्ष ताना-बाना कमजोर हो गया है।’’

पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने कहा, ‘‘आज हमारे देश के संविधान और लोकतंत्र के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। विविधता, जो इस देश की ताकत है, उसे तबाह किया जा रहा है। इसलिए हम सब भारत की अवधारणा को बचाने के लिए एकजुट हुए हैं।’’

बैठक में शामिल दलों का ब्योरा इस प्रकार है :

1. भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस

कांग्रेस 80 सांसदों (लोकसभा में 49 और राज्यसभा में 31) के साथ विपक्षी खेमे में सबसे बड़ी पार्टी है। वह चार राज्यों कर्नाटक, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और हिमाचल प्रदेश में अपने दम पर सत्ता में है और बिहार, तमिलनाडु और झारखंड में सत्तारूढ़ दल का हिस्सा है।

2. अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी)

ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस पार्टी पश्चिम बंगाल में सत्ता में है और उसके 35 सांसद (23 लोकसभा और 12 राज्यसभा सदस्य) हैं। मेघालय सहित कुछ अन्य राज्यों में भी इसके विधायक हैं।

3. द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक)

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन के नेतृत्व में तमिलनाडु और पुडुचेरी में द्रमुक का प्रभाव है। इसके 34 सांसद (लोकसभा में 24 और राज्यसभा में 10) हैं।

4. आम आदमी पार्टी (आप)

अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली ‘आप’ दिल्ली और पंजाब में सत्ता में है और उसके 11 सांसद (लोकसभा में एक और राज्यसभा में 10) हैं। कांग्रेस के साथ ‘आप’ के संबंधों में कभी तल्खी तो कभी नर्मी रही है।

5. जनता दल (यूनाइटेड)

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली जद(यू) पार्टी ने पटना में पहली विपक्षी बैठक की मेजबानी की थी। पार्टी के आधिकारिक तौर पर 21 सांसद (16 लोकसभा और पांच राज्यसभा) हैं। कुमार ने पिछले साल भाजपा से नाता तोड़ लिया था और राजद और कांग्रेस से हाथ मिला कर बिहार में सरकार बनाई थी।

6. राष्ट्रीय जनता दल (राजद)

लालू प्रसाद के नेतृत्व वाली पार्टी राजद बिहार में सरकार का हिस्सा है और उनके बेटे तेजस्वी यादव उपमुख्यमंत्री हैं। इसके छह सांसद हैं, सभी राज्यसभा में हैं।

7. झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो)

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पार्टी झामुमो राज्य में गठबंधन सरकार का नेतृत्व कर रही है। इसके तीन सांसद (एक लोकसभा में और दो राज्यसभा में) हैं।

8. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा)

शरद पवार द्वारा स्थापित इस पार्टी को पटना में विपक्षी दलों की बैठक के बाद विभाजन का सामना करना पड़ा है। शरद पवार के भतीजे अजित पवार के नेतृत्व वाला धड़ा भाजपा और एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना की महाराष्ट्र सरकार में शामिल हो गया है। शरद पवार गुट वर्तमान में कांग्रेस और शिवसेना (यूबीटी) के साथ महाराष्ट्र में विपक्ष का हिस्सा है।

9. शिवसेना (यूबीटी)

बालासाहेब ठाकरे द्वारा स्थापित शिवसेना पिछले साल जून में एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में विधायकों के एक बड़े हिस्से के भाजपा से हाथ मिलाने के साथ विभाजित हो गई थी। 2019 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों के बाद, उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना ने भाजपा के साथ अपने संबंध तोड़ लिये थे और महा विकास अघाड़ी सरकार बनाने के लिए राकांपा और कांग्रेस के साथ हाथ मिला लिया था।

10. समाजवादी पार्टी (सपा)

पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के नेतृत्व वाली समाजवादी पार्टी उत्तर प्रदेश में मुख्य विपक्षी पार्टी है। यह एक ऐसा राज्य है जो लोकसभा में अधिकतम सदस्य भेजता है। वर्तमान में उसके तीन लोकसभा और तीन राज्यसभा सदस्य हैं।

11. राष्ट्रीय लोक दल (रालोद)

रालोद को मुख्य रूप से पश्चिमी उत्तर प्रदेश से समर्थन प्राप्त है और इसका नेतृत्व जयंत चौधरी कर रहे हैं जो पार्टी के संस्थापक अजित सिंह के बेटे और पूर्व प्रधानमंत्री चरण सिंह के पोते हैं। जयंत चौधरी पार्टी के एकमात्र सांसद (राज्यसभा) हैं।

12. अपना दल (कमेरावादी)

अपना दल का यह गुट पार्टी के संस्थापक सोनेलाल पटेल की पत्नी कृष्णा पटेल और बेटी पल्लवी पटेल के नेतृत्व में है। कमेरावादी गुट समाजवादी पार्टी के साथ जुड़ा हुआ है, जबकि केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल के नेतृत्व वाला अपना दल (सोनेलाल) भाजपा के नेतृत्व वाले राजग का हिस्सा है।

13. जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां)

पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला के नेतृत्व वाली नेकां जम्मू-कश्मीर में एक प्रमुख राजनीतिक दल है। वर्तमान में इसके तीन लोकसभा सदस्य हैं।

14. पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी)

जम्मू-कश्मीर में एक और प्रमुख राजनीतिक ताकत रही पीडीपी का नेतृत्व पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती कर रही हैं। वर्तमान में लोकसभा में इसका कोई प्रतिनिधित्व नहीं है।

15. भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी)

वाम धड़े की प्रमुख पार्टी माकपा केरल में वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) सरकार का नेतृत्व कर रही है। पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा और तमिलनाडु सहित कुछ अन्य राज्यों में भी इसका कुछ प्रभाव है। इसके आठ सांसद (लोकसभा में तीन और राज्यसभा में पांच) हैं।

16. भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा)

भाकपा केरल में सत्तारूढ़ एलडीएफ का हिस्सा है। इसके दो लोकसभा सदस्य और दो राज्यसभा सदस्य हैं।

17. भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) लिबरेशन

सीपीआई-एमएल (लिबरेशन) बिहार में सत्तारूढ़ गठबंधन का हिस्सा है। दीपांकर भट्टाचार्य के नेतृत्व वाली पार्टी के राज्य में 12 विधायक हैं।

18. रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी (आरएसपी)

वाम धड़े का हिस्सा आरएसपी का केरल से एक लोकसभा सदस्य है। पश्चिम बंगाल और त्रिपुरा सहित कुछ अन्य राज्यों में इसका मामूली जनाधार है।

19. ऑल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक

नेताजी सुभाष चंद्र बोस द्वारा स्थापित, पार्टी अब वाम मोर्चे का एक छोटा घटक है। वर्तमान में संसद या किसी भी राज्य विधानसभा में इसका कोई प्रतिनिधित्व नहीं है। पार्टी को उन राज्यों में कुछ समर्थन हासिल है जहां कभी वाम दलों का वर्चस्व था।

20. मरुमलार्ची द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एमडीएमके)

राज्यसभा सांसद वाइको के नेतृत्व वाली एमडीएमके तमिलनाडु में द्रमुक के नेतृत्व वाले गठबंधन का हिस्सा है। तमिलनाडु और पुडुचेरी में उसका जनाधार है।

21. विदुथलाई चिरुथैगल काची (वीसीके)

इसका नेतृत्व थोल थिरुमावलवन करते हैं। वीसीके तमिलनाडु में द्रमुक के नेतृत्व वाले गठबंधन का हिस्सा है। थिरुमावलवन इसके लोकसभा सदस्य हैं।

22. कोंगुनाडु मक्कल देसिया काची (केएमडीके)

कारोबारी से नेता बने ई आर ईश्वरन के नेतृत्व वाली केएमडीके तमिलनाडु में द्रमुक नीत गठबंधन का हिस्सा है। उसे पश्चिमी तमिलनाडु में कुछ समर्थन हासिल है। पार्टी के लोकसभा में एक सदस्य एकेपी चिनराज हैं, लेकिन उन्होंने द्रमुक के चुनाव चिह्न पर जीत हासिल की।

23. मणिथनेय मक्कल काची (एमएमके)

एमएमके का नेतृत्व एम एच जवाहिरुल्ला कर रहे हैं और यह तमिलनाडु में द्रमुक नीत गठबंधन का हिस्सा है। जवाहिरुल्ला वर्तमान में विधायक हैं और ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) के सदस्य के रूप में भी कार्य करते हैं।

24. इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (आईयूएमएल)

मुख्य रूप से केरल में स्थित आईयूएमएल लंबे समय से कांग्रेस की सहयोगी रही है। लोकसभा में इसके तीन और राज्यसभा में एक सदस्य हैं।

25. केरल कांग्रेस (एम)

केरल में स्थित पार्टी के एक लोकसभा और एक राज्यसभा सदस्य हैं। इसने माकपा नीत एलडीएफ के हिस्से के रूप में राज्य में 2021 का विधानसभा चुनाव लड़ा था।

26. केरल कांग्रेस (जोसेफ)

केरल में स्थित, केरल कांग्रेस (जोसेफ) पार्टी कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूडीएफ का हिस्सा है, जो पिछले विधानसभा चुनावों में केरल में माकपा के नेतृत्व वाले एलडीएफ के लिए मुख्य प्रतिद्वंद्वी था।

बता दें कि गत 23 जून को विपक्षी एकता की पहली महाबैठक बिहार की राजधानी पटना में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आमंत्रण पर आयोजित की गई थी जिसमें 17 पार्टियां शामिल हुई थीं। बेंगलुरू में आयोजित विपक्ष की दूसरी बैठक में 9 नए दल शामिल हुए हैं जिससे विपक्ष की रणनीति को मजबूती मिलती दिख रही है।

(न्यूज़ एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)

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