प्रतिद्वंद्वी लीबियाई समूह शांति को लेकर चर्चा करने के लिए मोरक्को में बैठक की
लीबिया में दो प्रतिद्वंद्वी सरकारों के प्रतिनिधियों ने रविवार 6 सितंबर को मोरक्को के तटीय शहर बुज़ानिका में बातचीत के लिए मुलाकात की। इस बातचीत का उद्देश्य देश में शांति क़ायम करने की उम्मीद जगाते हुए दोनों सरकारों द्वारा दो सप्ताह पहले घोषित संघर्ष विराम को बरक़रार रखना है।
राजधानी त्रिपोली स्थित गवर्नमेंट ऑफ नेशनल अकॉर्ड और पूर्वी शहर टोब्रुक स्थित संसद के पांच-पांच प्रतिनिधियों ने मुलाकात की। ये बात अल जज़ीरा ने सोमवार को बताया। उसने कहा कि स्विट्जरलैंड के मॉन्ट्रेक्स में दोनों सरकारों के शीर्ष नेताओं की प्रस्तावित बैठक से ठीक एक दिन पहले इन प्रतिनिधियों ने मुलाक़ात की।
मोरक्को के विदेश मंत्री नासिर बोरिटा ने कहा कि लीबिया की समस्या का समाधान लिबियाई लोगों द्वारा स्वयं सुलझाया जाना चाहिए। मगरेब अरबे प्रेस ने ये जानकारी दी। मोरक्को साल 2015 में लीबिया की पार्टियों के बीच वार्ता का मेजबान भी था जिसने जीएनए के गठन का नेतृत्व किया था।
मॉन्ट्रेक्स में ये बातचीत यूनाइटेड नेशन सपोर्ट मिशन इन लीबिया (यूएनएसएमआइएल) और यूरोपियन यूनियन की तरफ से कराया जा रहा है। इस वार्ता में लीबिया के सभी गुट और राजनीतिक समूह शामिल होंगे। संघर्ष विराम और चुनावों के भाग्य का फैसला होने की उम्मीद है।
ख़लीफ़ा हफ़्तार ने यह कहते हुए युद्ध विराम की घोषणा को ख़ारिज कर दिया था कि जीएनए सैनिक सिरते पर हमला करने की तैयारी कर रहे थे। हालांकि, यह अधिक संभावना है कि वह भी "लीबियन डायलॉग" में प्रतिनिधित्व करेंगे।
साल 2011 में लीबिया के नाटो आक्रमण के बाद लंबे समय तक रहे शासक मुअम्मर गद्दाफी के तख्ता पलट और हत्या के बाद से यह एक ऐसे युद्ध से गुज़र रहा है जिसने देश के विभिन्न हिस्सों में प्रतिद्वंद्वी समूहों के शासन के साथ देश की राजनीतिक और आर्थिक संरचना को नष्ट कर दिया है।
देश में इस अराजकता ने विभिन्न प्रतिद्वंद्वी गुटों का समर्थन करने वाले विभिन्न देशों के रूप में बाहरी हस्तक्षेप को दावत दिया है। तुर्की जीएनए का समर्थन कर रहा है जिसे संयुक्त राष्ट्र द्वारा मान्यता प्राप्त है। हालांकि, ख़लीफ़ा हफ़्तार को मिस्र और अन्य लोगों के साथ संयुक्त अरब अमीरात का समर्थन प्राप्त है।
साल 2011 से संयुक्त राष्ट्र के हथियार प्रतिबंध होने के बावजूद दोनों प्रतिद्वंद्वी सरकारें देश के प्रमुख तेल उत्पादक क्षेत्रों पर नियंत्रण के लिए युद्ध लड़ रही हैं। ख़लीफ़ा हफ़्तार ने पिछले साल राजधानी त्रिपोली पर क़ब्ज़ा करने के लिए एक आक्रामक अभियान शुरू किया था। जीएनए सैनिक तुर्की की सहायता से हफ़्तार की सेनाओं को आगे बढ़ाने में सक्षम थे और अब सिरते शहर पर नियंत्रण के लिए ज़ोर दे रहे हैं।
अपने टेलीग्राम ऐप पर जनवादी नज़रिये से ताज़ा ख़बरें, समसामयिक मामलों की चर्चा और विश्लेषण, प्रतिरोध, आंदोलन और अन्य विश्लेषणात्मक वीडियो प्राप्त करें। न्यूज़क्लिक के टेलीग्राम चैनल की सदस्यता लें और हमारी वेबसाइट पर प्रकाशित हर न्यूज़ स्टोरी का रीयल-टाइम अपडेट प्राप्त करें।