सपा संस्थापक 'नेता जी' मुलायम सिंह यादव नहीं रहे, एक राजनीतिक युग का अंत
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव का आज सोमवार, 10 अक्तूबर को गुरुग्राम में निधन हो गया है। वह बीते 2 अक्टूबर से गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में भर्ती थे और पिछले कई दिनों से उनकी हालत नाज़ुक बनी हुई थी। रविवार, 9 अक्तूबर को अस्पताल ने बताया था कि मुलायम सिंह यादव को जीवन रक्षक दवाएं दी जा रही हैं। बहरहाल, मुलायम सिंह यादव भले ही हम सब के बीच अब नहीं रहे लेकिन वो राजनीति के हमेशा उस खिलाड़ी के तौर पर याद रखे जाएंंगे,जिन्होंने कई सरकारें बनाई और बिगाड़ी। कभी खुले दिल से गैरों को अपनाया तो कभी बीच मझधार में अपनों को छोड़ दिया।
बता दें कि मुलायम सिंह यादव ने पहली बार 1967 का चुनाव जसवंतनगर विधानसभा सीट से सोशलिस्ट पार्टी की टिकट पर लड़ा था। वो उस समय महज़ 28 साल के थे। और प्रदेश के इतिहास में सबसे कम उम्र के विधायक बने थे। चौधरी चरण सिंह मुलायम सिंह को अपना राजनीतिक वारिस मानते थे और इसलिए जब 5 दिसंबर, 1989 को उन्हें लखनऊ के केडी सिंह बाबू स्टेडियम में मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई गई तो मुलायम ने रुँधे हुए गले से कहा था, "लोहिया का ग़रीब के बेटे को मुख्यमंत्री बनाने का पुराना सपना साकार हो गया है।"
मुलायम सिंह ने चार अक्तूबर, 1992 को समाजवादी पार्टी की स्थापना की। उन्हें लगा कि वो अकेले भारतीय जनता पार्टी के बढ़ते हुए ग्राफ़ को नहीं रोक पाएँगे, इसलिए उन्होंने कांशीराम की बहुजन समाज पार्टी के साथ चुनावी गठबंधन किया। 1993 में हुए उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में उनकी पार्टी को 260 में से 109 और बहुजन समाज पार्टी को 163 में से 67 सीटें मिलीं थीं। भारतीय जनता पार्टी को 177 सीटों से संतोष करना पड़ा था और मुलायम सिंह ने कांग्रेस और बीएसपी के समर्थन से राज्य में दूसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी।
मुलायम सिंह के सक्रिय राजनीतिक सफ़र
मुलायम सिंह के सक्रिय राजनीतिक सफर की बात करें तो, 1996 में पहली बार उन्होंने मैनपुरी से लोकसभा चुनाव लड़ा। 1996 से 1998 तक वे यूनाइटेड फ़्रंट की सरकार में रक्षा मंत्री रहे। प्रधानमंत्री के पद से देवेगौड़ा के इस्तीफ़ा देने के बाद वो भारत के प्रधानमंत्री बनते-बनते रह गए। उसके बाद मुलायम सिंह यादव ने संभल और कन्नौज से भी लोकसभा का चुनाव जीता। 2003 में एक बार फिर मुलायम सिंह यादव उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने। मुलायम सिंह यादव 2007 तक यूपी के सीएम बने रहे। इस बीच 2004 में उन्होंने लोकसभा चुनाव भी जीता, लेकिन बाद में त्यागपत्र दे दिया। 2009 में उन्होंने मैनपुरी से लोकसभा चुनाव लड़ा और जीते हासिल की। 2014 में मुलायम सिंह यादव ने आज़मगढ़ और मैनपुरी दोनों जगह से लोकसभा चुनाव लड़ा और जीते भी। बाद में उन्होंने मैनपुरी सीट छोड़ दी। बीते 2019 में उन्होंने एक बार फिर मैनपुरी से लोकसभा चुनाव लड़ा और जीते।
भारतीय राजनीति में मुलायम सिंह कभी भी विश्वसनीय सहयोगी नहीं माने गए। साल 2003 में मुलायम सिंह यादव ने जब तीसरी बार उत्तर प्रदेश की कमान संभाली तो इस बीच उनकी अमर सिंह से गहरी दोस्ती हो गई। मुलायम ने अमर सिंह को राज्यसभा का टिकट दे दिया और बाद में उन्हें पार्टी का राष्ट्रीय महासचिव बना दिया। जिसके चलते पार्टी के बड़े नेता बेनीप्रसाद वर्मा ने उनसे दूरी बना ली। पूरी उम्र चंद्रशेखर को मुलायम अपना नेता कहते रहे, लेकिन जब 1989 में प्रधानमंत्री चुनने की बात आई तो उन्होंने विश्वनाथ प्रताप सिंह का समर्थन किया। थोड़े दिनों बाद जब उनका वीपी सिंह से मोह भंग हो गया, तो उन्होंने फिर चंद्रशेखर का दामन थाम लिया।
1998 में अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार के गिरने के बाद मुलायम सिंह ने कांग्रेस से कहा कि वो उनका समर्थन करेंगे। उनके इस आश्वासन के बाद ही सोनिया गांधी ने कहा था कि उनके पास 272 लोगों का समर्थन है। लेकिन बाद में वो इससे मुकर गए और सोनिया गांधी की काफ़ी फ़ज़ीहत हुई। साल 2008 में भी जब परमाणु समझौते के मुद्दे पर लेफ़्ट ने सरकार से समर्थन वापस लिया, तो मुलायम ने उनका साथ न देते हुए सरकार के समर्थन का फ़ैसला किया जिसकी वजह से मनमोहन सिंह की सरकार बच गई। 2019 के आम चुनाव में भी उन्होंने कई राजनीतिक विश्लेषकों को आश्चर्यचकित कर दिया, जब उन्होंने कहा कि वो चाहते हैं कि नरेंद्र मोदी एक बार फिर प्रधानमंत्री बनें।
बाप-बेटे की तकरार और राजनीतिक उत्तराधिकारी
2012 का विधानसभा जीतने के बाद उन्होंने अपने बेटे अखिलेश यादव को अपना उत्तराधिकारी बनाया। लेकिन मुलायम द्वारा सरकार को 'रिमोट कंट्रोल' से चलाने के आरोपों के बीच अखिलेश 2017 का विधानसभा चुनाव हार गए। चुनाव से कुछ दिनों पहले अखिलेश ने उन्हें पार्टी के अध्यक्ष पद से हटा दिया। मुलायम ने चुनाव प्रचार में भाग नहीं लिया और हार का ठीकरा अपने बेटे पर फोड़ते हुए कहा कि "अखिलेश ने मुझे अपमानित किया है। अगर बेटा बाप के प्रति वफ़ादार नहीं है तो वो किसी का भी नहीं हो सकता।"
कहा जाता है कि मुलायम की इच्छा के ख़िलाफ़ अखिलेश ने मायावती के साथ मिल कर 2019 का लोकसभा चुनाव लड़ा। हालांकि इस गठबंधन को मुंह की खानी पड़ी और कुछ दिनों के भीतर ये गठबंधन भी टूट गया।
मुलायम सिंह का नीजी जीवन भी राजनीति की तरह ही अंचभीत करने वाला था। 1957 में मुलायम सिंह यादव का विवाह मालती देवी से हुआ। जब मुलायम ने 2003 में साधना गुप्ता से शादी की तो पहली पत्नी से उनके पुत्र अखिलेश यादव की न सिर्फ़ शादी हो चुकी थी बल्कि उनको एक बच्चा भी हो चुका था। मुलायम सिंह यादव ने साधना गुप्ता से दूसरी शादी को बहुत दिनों तक छिपा कर रखा और शादी में भी बहुत नज़दीकी लोग ही सम्मिलित हुए। वैसे ये शायद कम लोग ही जानते होंगे कि मुलायम सिंह अपने जमाने में बिना अपने हाथों का इस्तेमाल किए हुए पहलवान को चारों ख़ाने चित कर देते थे। हालांकि बाद में उन्होंने पहलवानी करनी पूरी तरह से छोड़ दी थी लेकिन अपने जीवन के आख़िरी समय तक वो अपने गाँव सैफई में दंगलों का आयोजन कराते रहे।
राजनीतिक दलों और नेताओं की प्रतिक्रियाएं
मुलायम सिंह यादव के निधन पर सोशल मीडिया पर राजनीतिक दलों और नेताओं की प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं। राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत कई बड़े नेताओं ने मुलायम सिंह यादव के निधन पर शोक प्रकट किया है।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने लिखा, ‘‘श्री मुलायम सिंह यादव का निधन देश के लिए अपूरणीय क्षति है। साधारण परिवेश से आए मुलायम सिंह यादव जी की उपलब्धियां असाधारण थीं। ‘धरती पुत्र’ मुलायम जी जमीन से जुड़े दिग्गज नेता थे। उनका सम्मान सभी दलों के लोग करते थे. उनके परिवार-जन व समर्थकों के प्रति मेरी गहन शोक-संवेदनाएं।’’
श्री मुलायम सिंह यादव का निधन देश के लिए अपूरणीय क्षति है। साधारण परिवेश से आए मुलायम सिंह यादव जी की उपलब्धियां असाधारण थीं। ‘धरती पुत्र’ मुलायम जी जमीन से जुड़े दिग्गज नेता थे। उनका सम्मान सभी दलों के लोग करते थे। उनके परिवार-जन व समर्थकों के प्रति मेरी गहन शोक-संवेदनाएं!
— President of India (@rashtrapatibhvn) October 10, 2022
पीएम नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया, ‘‘मुलायम सिंह यादव जी ने खुद को उत्तर प्रदेश और राष्ट्रीय राजनीति में स्थापित किया। वो आपातकाल के दौरान लोकतंत्र के एक महत्वपूर्ण सिपाही थे। बतौर रक्षा मंत्री उन्होंने भारत को और मज़बूत बनाने के लिए काम किया। उनके संसदीय हस्तक्षेप व्यावहारिक थे और राष्ट्रहित पर ज़ोर देने वाले थे।’’
Mulayam Singh Yadav Ji distinguished himself in UP and national politics. He was a key soldier for democracy during the Emergency. As Defence Minister, he worked for a stronger India. His Parliamentary interventions were insightful and emphasised on furthering national interest. pic.twitter.com/QKGfFfimr8
— Narendra Modi (@narendramodi) October 10, 2022
उन्होंने एक अन्य ट्वीट में लिखा, ‘‘जब हम दोनों मुख्यमंत्री थे तो मेरी मुलायम सिंह यादव जी से कई बार बातचीत हुई। ये करीबी संबंध जारी रहे और मैं हमेशा उनके विचार जानने के लिए उत्सुक रहता था। उनके निधन से मैं दुखी हूं। उनके परिवार और लाखों समर्थकों के प्रति मेरी संवेदनाएं हैं। ओम शांति।’’
I had many interactions with Mulayam Singh Yadav Ji when we served as Chief Ministers of our respective states. The close association continued and I always looked forward to hearing his views. His demise pains me. Condolences to his family and lakhs of supporters. Om Shanti. pic.twitter.com/eWbJYoNfzU
— Narendra Modi (@narendramodi) October 10, 2022
कांग्रेस पार्टी ने मुलायम सिंह यादव के निधन को भारतीय राजनीति के लिए अपूरणीय क्षति बताते हुए ट्वीट किया, ‘‘समाजवादी पार्टी के संरक्षक, देश के पूर्व रक्षा मंत्री और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री श्री मुलायम सिंह यादव जी का निधन भारतीय राजनीति के लिए अपूरणीय क्षति है। ईश्वर उन्हें अपने श्रीचरणों में स्थान दें और उनके परिवार एवं समर्थकों को यह दुःख सहने की शक्ति प्रदान करें।’’
समाजवादी पार्टी के संरक्षक, देश के पूर्व रक्षा मंत्री और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री श्री मुलायम सिंह यादव जी का निधन भारतीय राजनीति के लिए अपूरणीय क्षति है।
ईश्वर उन्हें अपने श्रीचरणों में स्थान दें और उनके परिवार एवं समर्थकों को यह दुःख सहने की शक्ति प्रदान करें। pic.twitter.com/Ml9v8QA63E
— Congress (@INCIndia) October 10, 2022
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने समाजवादी पार्टी के संस्थापक के निधन पर दुख प्रकट किया। उन्होंने लिखा, “उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी नेता श्री मुलायम सिंह यादव जी के निधन का दुखद समाचार मिला। ईश्वर दिवंगत आत्मा को अपने श्री चरणों में स्थान दें एवं उनके सभी प्रशंसकों और परिजनों को ये अपार दुख सहने की शक्ति दें। ॐ शांति"
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी नेता श्री मुलायम सिंह यादव जी के निधन का दुखद समाचार मिला। ईश्वर दिवंगत आत्मा को अपने श्री चरणों में स्थान दें एवं उनके सभी प्रशंसकों और परिजनों को ये अपार दुख सहने की शक्ति दें।
ॐ शांति 🙏 https://t.co/EJUydFyliJ— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) October 10, 2022
उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने भी ट्वीट कर अपनी संवदेनाएं जताते हुए लिखा, "समाजवादी पार्टी के वयोवृद्ध नेता व यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री श्री मुलायम सिंह यादव जी के आज निधन हो जाने की ख़बर अति-दुःखद। उनके परिवार व सभी शुभचिंतकों के प्रति मेरी गहरी संवेदना। कुदरत उन सबको इस दुःख को सहन करने की शक्ति दे।"
समाजवादी पार्टी के व्योवृद्ध नेता व यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री श्री मुलायम सिंह यादव जी के आज निधन हो जाने की ख़बर अति-दुःखद। उनके परिवार व सभी शुभचिन्तकों के प्रति मेरी गहरी संवेदना। कुदरत उन सबको इस दुःख को सहन करने की शक्ति दे।
— Mayawati (@Mayawati) October 10, 2022
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