सोनभद्र: प्राविधक सहायक ने की आत्महत्या की कोशिश, अधिकारी पर उत्पीड़न का आरोप
उत्तर प्रदेश के सोनभद्र में अफसर की प्रताड़ना से क्षुब्ध प्राविधक सहायक मनीष पाल ने फांसी लगाकर आत्महत्या करने का प्रयास किया। जिस समय इस अफसर ने फांसी लगाई, तभी उनके महकमे के तमाम कर्मचारी मौके पर पहुंच गए। आवाज लगाने पर जब कोई प्रतिक्रिया नहीं हुई तो उन्होंने घर का दरवाजा तोड़ा तो अंदर किसी देखकर हैरान रह गए। अंदर अपने गले में फंदा लगाए अचेत पड़े थे। कर्मचारी उन्हें लेकर तत्काल सोनभद्र के लोढ़ी स्थित जिला अस्पताल पहुंचे। मनीष पाल ने सोनभद्र के जिला भूमि संरक्षण अधिकारी बलजीत बहादुर वर्मा पर उत्पीड़न का आरोप लगाया है।
सोनभद्र के प्राविधक सहायक मनीष पाल 27 अक्टूबर 2023 की शाम करीब छह बजे अपने चोपन स्थित आवास में सुसाइड करने की कोशिश की। इससे पहले उन्होंने एक सुसाइड नोट लिखा और उसे वायरल कर दिया। सोशल मीडिया के जरिये प्राविधक सहायक के अधीनस्थ लोगों को सूचना मिली तो हड़कंप मच गया। आनन-फानन में लोग भागते हुए मनीष पाल के आवास पर पहुंचे और वहां से उन्हें लेकर सोनभद्र स्थित जिला अस्पताल में भर्ती कराया। चिकित्सकों ने आशंका जताई है कि मनीष पाल ने किसी जहरीले पदार्थ का सेवन भी किया है। इस घटना के बाद से भूमि संरक्षण विभाग के कर्मचारियों में जबर्दस्त आक्रोश है। सोनभद्र के जिलाधिकारी को घटना की जानकारी दे दी गई है।
भूमि संरक्षण विभाग के प्राविधिक सहायक मनीष पाल जौनपुर के मूल निवासी हैं और चोपन में उनकी पोस्टिंग है। फांसी लगाने की कोशिश से पहले उन्होंने जो सुसाइड नोट लिखा था उसमें कहा गया है, “हमारे दफ्तर के सभी कर्मचारी अपने कार्य में दक्ष हैं। इसके बावजूद भूमि संरक्षण अधिकारी बलजीत बहादुर वर्मा सभी को लगातार तंग कर रहे हैं। उनका व्यवहार अच्छा नहीं है। मेरा वेतन रोकने के लिए मुझे कई बार धमकी दी जा रही थी। बार-बार हमें हतोत्साहित किया गया। मैं आज यह दुनिया छोड़कर जा रहा हूं। मुझे अब इस दुनिया में रहने को कोई हक नहीं। मैं टूट चुका हूं..। मेरी डेड बॉडी मेरे पैतृक गांव जौनपुर भिजवा दीजिएगा।”
प्राविधक सहायक मनीष पाल का आरोप है कि उनके सीनियर अफसर (जिला भूमि संरक्षण अधिकारी) बलजीत बहादुर वर्मा उसे लगातार प्रताड़ित कर रहे थे। तरह-तरह की बातें बनाकर उसका उत्पीड़न करते हैं। मानसिक रूप से भी प्रताड़ित करते थे। इसके चलते उन्होंने अपना जीवन समाप्त करने का प्रयास किया। समय रहते दफ्तर के कर्मचारियों के पहुंचने की वहज से जान बच पाई। फिलहाल मनीष पाल की हालत अब सामान्य बताई जा रही है।
प्राविधक सहायक मनीष पाल के मुताबिक, जिला भूमि संरक्षण अधिकारी अपने मातहतों के साथ, कभी देर से आने को लेकर तो कभी छुट्टी लेने को लेकर बदसलूकी करते हैं और तो कभी दूसरे बहाने से मानसिक रूप से प्रताड़ित करते हैं। कई बार वह दफ्तर का गेट बंद करा देते हैं और रात 10 बजे तक कर्मचारियों को दफ्तर में बैठने के लिए बाध्य करते हैं। यदि कोई विरोध करता है तो उस को धमकाते हैं।
घटना के बाद भूमि संरक्षण विभाग के कर्मचारियों में आक्रोश है। भूमि संरक्षण विभाग के चोपन दफ्तर में 22 कर्मचारी तैनात हैं। उन्होंने शुक्रवार को जिला भूमि संरक्षण अधिकारी के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। कर्मचारियों का कहना था कि उन्होंने जिलाधिकारी लिखित सूचना दे दी है। पीड़ित कर्मचारी मनीष पाल का कहना है कि उन्हें चोपन क्षेत्र के कार्यालय से हटा दिया जाए। साथ ही जिला भूमि संरक्षण अधिकारी के कारगुजारियों की जांच कराई जाए।
इस संबंध में जिला भूमि संरक्षण अधिकारी से बात करने की कोशिश की गई तो उन्होंने मनीष पाल के सभी आरोपों को बुनियाद बताया और घटना के संबंध में कुछ भी कहने से इनकार कर दिया।
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