बिहार शेल्टर होम कांड-2: युवती ने अधीक्षिका पर लगाए गंभीर आरोप, कहा- होता है गंदा काम
बिहार के रिमांड होम को लेकर एक बार फिर चौंकाने वाली बात सामने आई है। राजधानी पटना में गाय घाट स्थित महिला रिमांड होम से भागी एक युवती ने इस रिमांड होम की अधीक्षिका वंदना गुप्ता पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि वहां खूबसूरत लड़कियां मैम को प्यारी होती हैं। उसने कहा कि वहां गंदा काम होता है। बीते रविवार को एक वीडियो वायरल हुआ था जिसमें युवती कई तरह के आरोप लगा रही है। इस घटना के सामने आने के बाद नीतीश सरकार एक बार फिर चौतरफा घिर गई। रिमांड होम की स्थिति और उसके संचालन को लेकर सवाल खड़े किए जा रहे हैं। ज्ञात हो कि मार्च 2018 में सामने आए मुजफ्फरपुर शेल्टर होम कांड ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था। माना जा रहा था कि इस घटना के बाद बिहार स्थित शेल्टर होम की स्थिति बदल जाएगी लेकिन पटना के इस रिमांड होम ने सरकार और प्रशासन की निष्क्रियता को उजागर कर दिया है।
वायरल हुए वीडियो में रिमांड होम से भागी युवती ने इसकी अधीक्षिका पर लड़कियों के शारीरिक व मानसिक शोषण के गंभीर आरोप लगाए हैं। आरोप लगाने वाली युवती ने आरोप लगाया है कि वहां गंदा काम होता है। उसने कहा है कि अधीक्षिका के आदेश से लड़कियों को नशे का इंजेक्शन देकर अवैध धंधा करने के लिए मजबूर किया जाता है।
बिहार में फिर से शेल्टर होम कांड?
पटना के एक रिमांड होम में रह चुकी लड़की ने रक्षागृह की अधीक्षिका पर संगीन आरोप लगाए हैं. लड़की का दावा है कि रिमांडहोम में रहने वाली लड़कियों का शारीरिक-मानसिक शोषण किया जाता है, उन्हें बाहर लोगों के पास भेजा जाता है और बाहर के लोग अंदर आते हैं. pic.twitter.com/qWe8cuR1nR
— Utkarsh Singh (@UtkarshSingh_) January 31, 2022
न्यूज-18 की रिपोर्ट के मुताबिक इस घटना के सामने आने के बाद समाज कल्याण विभाग ने आनन-फानन में एक टीम गठित कर इस पूरे मामले की जांच करवाने का दावा किया है। जांच टीम की रिपोर्ट के मुताबिक आरोप लगाने वाली युवती के व्यवहार में स्थिरता नहीं दिखी।
उधर मुजफ्फरपुर शेल्टर होम मामले को लेकर पीआईएल दाखिल करने वाले पटना व्यवहार न्यायालय के अधिवक्ता केडी मिश्रा ने न्यूज 18 से कहा है कि गायघाट स्थित रिमांड होम की अधीक्षिका वंदना गुप्ता बतौर चाइल्ड प्रोटेक्शन अफसर समाज कल्याण विभाग में तैनात हैं। उन्हें केवल प्रभार में कुछ महीनों तक गायघाट स्थित महिला रिमांड होम में अधीक्षिका के पद पर रखा जा सकता था लेकिन वह पिछले कई सालों से महिला रिमांड होम में तैनात हैं।
अधिवक्ता केडी मिश्रा के अनुसार डिस्ट्रिक्ट चाइल्ड प्रोटेक्शन यूनिट ने रिमांड होम का निरीक्षण कर एक रिपोर्ट भी समाज कल्याण विभाग को सौंपी थी और वहां की व्यवस्था पर बड़ा सवाल खड़ा किया था। इसमें उक्त अधीक्षिका को हटाने की सिफारिश की थी लेकिन इसके बावजूद समाज कल्याण विभाग इस पूरे मामले में लापरवाह बना रहा है।
ज्ञात हो कि टाटा इंस्टिच्ट्युट ऑफ सोशल साइंसेज ने बिहार सरकार के समाज कल्याण विभाग के निर्देश पर वर्ष 2017 में बिहार के बाल संरक्षण गृह का ऑडिट किया था और रिपोर्ट मार्च 2018 में सामने आई थी। इस रिपोर्ट में बाल संरक्षण गृह में युवतियों के यौन शोषण और हत्या के सनसनीखेज मामलों का खुलासा किया गया था, जिसके बाद बिहार समेत पूरे देश में हड़कंप मच गया था। इस रिपोर्ट में कहा गया कि मुजफ्फरपुर में चल रहे बालिका गृह सेवा संकल्प एवं विकास समिति में लड़कियों का यौन शोषण हो रहा है। काउंसिलिंग में 29 बच्चियों के रेप का मामला सामने आया था। वहीं इनमें से तीन बच्चियों के गर्भवती होने की बात भी सामने आई थी। करीब 40 से अधिक बच्चियों के रेप का मामला सामने आया था।
पटना स्थित रिमांड होम से भागी युवती का वीडियो सामने आने के बाद से नीतीश सरकार चारों ओर से घिर गई है। इसको लेकर सीपीआइएम के प्रदेश सचिव अवेधश कुमार ने इस बालिका संरक्षण गृह के कार्यकलाप की जांच करने की मांग की है। साथ ही उन्होंने कहा है कि संरक्षण गृह की बालिका द्वारा संस्थान की संचालिका वंदना गुप्ता पर लगाए गए गंभीर आरोपों की जांच हो और तत्काल प्रभाव से उसे हटाया जाए। उन्होंने कहा है कि बिहार सरकार ने इस आरोप को दरकिनार कर वंदना गुप्ता को एकतरफा तौर पर निर्दोष करार दिया है जो बेहद शर्मनाक है।
अवधेश ने कहा कि मुजफ्फरपुर शेल्टर होम कांड के समय भी बिहार सरकार ने इसी मानसिकता का परिचय दिया था लेकिन लंबे आंदोलन के बाद उस गृह के संचालक की गिरफ्तारी हुई और उसे जेल की सजा भी हुई, उन्होंने कहा- लगता है कि बिहार सरकार तमाम यौन अपराधियों से जुड़े लोगों को बचाने में ही लगी रहती है क्योंकि इसकी जद में नौकरशाह और राजनेता भी आ सकते हैं। उन्होंने कहा कि पार्टी मांग करती है कि गायघाट स्थित बालिका संरक्षण गृह के कार्यकालापों की निष्पक्ष जांच की जाए और वंदना गुप्ता को मुअत्तल कर अपराधियों को सजा देने के साथ -साथ अपराध से पर्दा उठाने वाली युवती को सुरक्षा प्रदान किया जाए।
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