पंजाब में किसानों का तीन दिवसीय ‘रेल रोको आंदोलन’
अमृतसर: पंजाब में विभिन्न किसान संगठनों के सदस्य अपनी मांगों को लेकर बृहस्पतिवार को तीन दिवसीय 'रेल रोको' विरोध प्रदर्शन की शुरुआत करते हुए रेल की पटरियों पर बैठ गए। किसान हाल ही में आई बाढ़ से हुए नुकसान के लिए वित्तीय पैकेज, न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की वैध गारंटी और कर्ज माफी की मांग कर रहे हैं।
प्रदर्शनकारियों के मुताबिक, केंद्र सरकार के खिलाफ यह प्रदर्शन 30 सितंबर तक जारी रहेगा। किसानों ने मोगा, होशियारपुर, गुरदासपुर, जालंधर, तरणतारण, संगरूर, पटियाला, फिरोजपुर, भठिंडा और अमृतसर में प्रदर्शन करने की योजना बनाई है।
#WATCH | Punjab | Farmers, under the aegis of Kisan Mazdoor Sangharsh Committee, sit on railway tracks as they stage a 'Rail Roko Andolan' over their demands, including Committee for MSP, withdrawal of cases regarding agitation in Delhi and compensation & jobs for families of… pic.twitter.com/fy9t6XieHH
— ANI (@ANI) September 28, 2023
अमृतसर में किसान, देवीदासपुरा में अमृतसर-दिल्ली रेल पटरी पर बैठे हुए हैं।
इस प्रदर्शन में किसान मजदूर संघर्ष समिति, भारती किसान यूनियन (भाकियू-क्रांतिकारी), भाकियू (एकता आजाद), आजाद किसान समिति दोआबा, भाकियू (बेहरामके), भाकियू (शहीद भगत सिंह) और भाकियू (छोटू राम) सहित कई किसान संगठन हिस्सा ले रहे हैं।
किसानों की मांग में उत्तर भारत में बाढ़ से प्रभावित किसानों के लिए वित्तीय पैकेज, सभी फसलों पर एमएसपी के लिए वैध गारंटी और कर्ज माफी सहित अन्य मांगें शामिल हैं।
अमृतसर में किसान नेता गुरबचन सिंह ने कहा कि किसान, उत्तर भारतीय राज्यों के लिए 50 हजार करोड़ रुपये के बाढ़ राहत पैकेज और स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट की सिफारिशों के मुताबिक एमएसपी की मांग कर रहे हैं।
#WATCH | Punjab farmers to begin 'rail-roko' protest at noon at Devi Dass Pura in Amritsar
Sarwan Singh Pandher, general secretary, Kisan Mazdoor Sangharsh Committee, Punjab says," Rail roko will begin across Punjab for three days today. There are many issues including the MSP… pic.twitter.com/fqj2izYA2T— ANI (@ANI) September 28, 2023
उन्होंने कहा कि किसानों व मजदूरों का पूरा कर्ज माफ होना चाहिए। इसके अलावा उन्होंने तीन कृषि कानूनों (जिन्हें अब निरस्त कर दिया गया है) के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान जिन किसानों की मौत हुई उनमें से प्रत्येक के परिवार को 10 लाख रुपये और एक सरकारी नौकरी की मांग भी की।
(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)
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