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केरल में पहली ट्रांसजेंडर टीवी पत्रकार सामने आई

सादिया ने कहा, ‘‘ मुझ जैसे कई लोग हैं जो मीडिया के पेशे में आए। लेकिन मैं पहली टीवी पत्रकार हूं।’’ सादिया ने सोमवार को लैंडर ‘विक्रम’ के आर्बिटर से सफलतापूर्वक अलग होने पर देश के दूसरे चंद्रमिशन की इस उपलब्धि की अपनी पहली रिपोर्टिंग की।
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फोटो साभार : indiatimes

तिरुवनंतपुरम: हीदी सादिया ने केरल के पहले ट्रांसजेंडर टीवी पत्रकार के रूप इतिहास रचा है और उन्होंने सोमवार को लैंडर ‘विक्रम’ के आर्बिटर से सफलतापूर्वक अलग होने पर देश के दूसरे चंद्रमिशन की इस उपलब्धि की अपनी पहली रिपोर्टिंग की।

राज्य के स्वास्थ्य मंत्री के के श्यालजा ने उसे बधाई देते हुए फेसबुक पर लिखा, ‘‘सादिया देश के दूसरे ट्रांसजेंडरों के लिए प्रेरणास्रोत है। अपनी डिग्री के बाद उसने पत्रकारिता में पी जी डिप्लोमा किया और वह कैराली न्यूज़ से जुड़ी। उसने चंद्रयान 2 की उपलब्धि की रिपोर्टिंग की।’’

सादिया को केरल की सत्ताधारी माकपा द्वारा संचालित खबरिया चैनल कैराली ने नौकरी दी। उन्होंने सोमवार को चंद्रयान 2 पर अपनी पहली लाइव रिपोर्टिंग की।
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सादिया ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘ मुझ जैसे कई लोग हैं जो मीडिया के पेशे में आए। लेकिन मैं पहली टीवी पत्रकार हूं।’’

उन्होंने कहा,‘‘मैं इस स्थान से जुड़कर सौभाग्यशाली महसूस करती हूं। पत्रकार की जिम्मेदारी बहुत बड़ी होती है और मैं इस काम की गंभीरता को समझती हूं।’’

उन्होंने यह बताया कि जब वह मेंगलुरु में मेडिसीन की पढ़ाई के लिए गयी तब कैसे उसे मुश्किल स्थिति से जूझना पड़ा।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ मेरी रैगिंग की गयी और मुझे अपमानित किया गया। मुझे छह महीने बाद पढ़ाई छोड़नी पड़ी। उसके बाद मैं बेंगलुरु चली गयी जहां मैंने लिंग परिवर्तन सर्जरी करायी। उसके लिए मेरे माता-पिता अब भी मुझसे नाराज हैं। अब मैं आशा करती हूं कि एक दिन जरूर वे समझेंगे।’’

इग्नू से बीए (साहित्य) करने के बाद सादिया ने तिरुवनंतपुरम से इलेक्ट्रोनिक पत्रकारिता में डिप्लोमा किया।

सादिया ने कहा, ‘‘ पत्रकारिता संस्थान में मित्रों ने मेरा सहयोग किया। मैं प्रथम श्रेणी से पास हुई। कुछ मीडिया घराने मुझे नौकरी पर रखने के लिए अनिच्छुक थे। लेकिन कैराली ने मेरी पात्रता पर गौर किया और मुझे मौका दिया।

उन्होंने कहा कि समाज द्वारा तैयार किये गये अवरोधों को तोड़ना मुश्किल होता है।

उन्होंने कहा, ‘‘ हम किसी के भी दास नहीं हैं। मैं चाहती हूं कि हम अपनी अपनी सीमाओं से बाहर आएं और अपने हिसाब से बनें। यदि जीवन में कुछ मुश्किले हैं तो उससे बाहर निकलने के लिए कुछ कदम उठाना सदैव बेहतर होता है। हमें मौकों का इस्तेमाल करने और कठिन मेहनत करने की जरूरत है।’’

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