कर्नाटक: विश्वास मत टला लेकिन संकट जारी
कर्नाटक विधानसभा में मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी की ओर से पेश विश्वास प्रस्ताव पर बहस शुक्रवार सुबह तक के लिए स्थगित कर दी गई है।
सदन में इस प्रस्ताव पर बहस के दौरान दोनों पक्षों के बीच तीखी नोंकझोक देखने को मिली। पिछले करीब दो हफ्ते से कर्नाटक में जारी सियासी ड्रामे के बीच
सत्तारूढ़ कांग्रेस-जद (एस) गठबंधन के 16 विधायकों के सामूहिक इस्तीफे के बाद मुख्यमंत्री कुमारस्वामी की सरकार पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं।
इस बीच, कुमारस्वामी ने एक वाक्य का प्रस्ताव पेश करते हुए कहा कि सदन उनके नेतृत्व वाली 14 महीने पुरानी सरकार में विश्वास व्यक्त करता है।
विश्वास मत का प्रस्ताव पेश करते हुए कुमारस्वामी ने कहा कि बागी विधायकों ने गठबंधन सरकार को लेकर पूरे देश में संदेह पैदा कर दिया और ‘‘हमें सच्चाई बतानी है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘पूरा देश कर्नाटक के घटनाक्रम को देख रहा है।’’
विधानसभा के उपाध्यक्ष कृष्ण रेड्डी ने भाजपा के खिलाफ कांग्रेस के सदस्यों की नारेबाज़ी की वजह से सदन की कार्यवाही को स्थगित कर दिया। कुमारस्वामी को अभी प्रस्ताव पर अपना भाषण देना है।
सदन की कार्यवाही स्थगित करने से पहले, भाजपा नेता बीएस येदियुरप्पा ने ऐलान किया कि उनकी पार्टी के सदस्य रातभर सदन में ही रहेंगे और विश्वास प्रस्ताव पर फैसला हो जाने तक सदन में ही डटे रहेंगे।
येदियुरप्पा ने कहा, ‘‘ हम विश्वास प्रस्ताव पर फैसला होने तक रूके रहेंगे।’’
उन्होंने कहा कि विश्वास प्रस्ताव पर ठीक तरह से 15 मिनट भी चर्चा नहीं हुई है और सत्तारूढ़ गठबंधन के सदस्य अन्य मुद्दों को उठा रहे हैं ताकि विश्वास प्रस्ताव पर विलंब कराया जा सके।
उन्होंने कहा, ‘‘ संवैधानिक रूपरेखा का उल्लंघन हुआ है।’’
येदियुरप्पा ने कहा, ‘‘ इसका विरोध करने के लिए हम यहीं सोएंगे।’’
कांग्रेस ने मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी द्वारा लाए गए विश्वास प्रस्ताव को टालने की मांग करते हुए गुरुवार को कहा कि प्रदेश के सियासी संकट को लेकर उच्चतम न्यायालय के फैसले को देखते हुए विधानसभा अध्यक्ष जब तक व्हिप के मुद्दे पर फैसला नहीं कर लेते तब तक के लिये इसे अमल में न लाया जाए।
कांग्रेस विधायक दल के नेता सिद्धरमैया ने कहा कि मुंबई में ठहरे 15 बागी विधायक उच्चतम न्यायालय के आदेश से प्रभावित हैं कि वे विधानसभा की कार्यवाही से दूर रह सकते हैं और विधानसभाध्यक्ष के आर रमेश से कहा कि वे कांग्रेस विधायक दल के नेता के तौर पर जारी व्हिप के भविष्य को लेकर कोई फैसला दें।
बसपा सांसद दानिश अली: हमारा कर्नाटक के मामले में रुख बहुत स्पष्ट है. दल बदल कानून है. उस पर पुन विचार करने की जरूरत है. यह कहां का मजाक बना हुआ है. आप धूप में विधायक को खरीदें और दल बदल कानून लागू ना हो. यह लोकतंत्र के साथ मजाक हो रहा है. बसपा विधायक के सदन में ना पहुंचने के बारे में उन्होंने कहा कि अभी बात नहीं हुई है लेकिन उनका समर्थन सरकार के साथ है
कांग्रेस नेता डी.के. शिवकुमार ने कर्नाटक विधानसभा में कहा, "पूर्व मुख्यमंत्री होने के नाते, विपक्ष का नेता होने के नाते वह (BJP नेता बी.एस. येदियुरप्पा) देश को गुमराह कर रहे हैं, अदालत को गुमराह कर रहे हैं..."आगे उन्होंने कहा की बीजेपी ने हमरे 20 सांसदों को किडनेप कर रखा है।
आंकड़ों के हिसाब से बीजेपी फिलहाल जेडीएस-कांग्रेस गठबंधन से आगे है. इस्तीफा देने वाले विधायक अगर विश्वास मत से दूर रहते हैं तो सदन में कुल 209 विधायक होंगे, और बहुमत का आंकड़ा 105 रह जाएगा.
(समाचार एजेंसी भाषा इनपुट के साथ )
अपने टेलीग्राम ऐप पर जनवादी नज़रिये से ताज़ा ख़बरें, समसामयिक मामलों की चर्चा और विश्लेषण, प्रतिरोध, आंदोलन और अन्य विश्लेषणात्मक वीडियो प्राप्त करें। न्यूज़क्लिक के टेलीग्राम चैनल की सदस्यता लें और हमारी वेबसाइट पर प्रकाशित हर न्यूज़ स्टोरी का रीयल-टाइम अपडेट प्राप्त करें।