चिली की नई संविधान सभा में मज़दूरों और मज़दूरों के हक़ों को प्राथमिकता..
13 मार्च, 2022 को, गेब्रियल बोरिक के चिली के राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेने के दो दिन बाद, सरकार की प्राथमिकताओं के बारे में महासचिव कैमिला वैलेजो से पूछा गया तो उन्होने एक साक्षात्कार के दौरान 24 होरास को बताया कि उनका कर्तव्य "संवैधानिक प्रक्रिया का साथ देना और उसका समर्थन करना" है। ये दो प्रक्रियाएँ- यानी बोरिक की सरकार का गठन और एक नए संविधान का लिखा जाना-एक दूसरे के समानांतर चलने वाली प्रक्रियाएँ हैं और "नए चिली" को नया स्वरूप देने के लिए महत्वपूर्ण हैं।
ये दोनों प्रक्रियाएं लंबे समय से चली आ रही चिली के लोगों की लामबंदी से निकली हैं, जिन्होंने पहले ऑगस्टो पिनोशे की तानाशाही को समाप्त किया, जो 1973 से 1990 तक चली थी, फिर 1989 के जनमत संग्रह के माध्यम से एक अन्य प्रक्रिया चली और फिर विरोध का एक सिलसिला शुरू हुआ - विशेष रूप से 2006, 2011 और 2015 के छात्र लामबंदी आंदोलन इसमें प्रमुख हैं और फिर 2019 का "सामाजिक प्रतिरोध" आंदोलन हुआ जिसने- पिनोशे द्वारा पेश किए गए 1980 के संविधान को हटाने और दक्षिणपंथी सरकारों द्वारा समर्थित यथास्थिति को बदलने का मार्ग प्रशस्त किया जिसने पिनोशे की तानाशाही का अंत किया।
चिली के लोगों को, पिनोशे की तानाशाही के दौरान और उसके बाद के दशकों में देश में लोकतंत्र की बहाली के लिए लड़ी गई लड़ाई में, बहुत बड़ी कीमत चुकानी पड़ी है। हाल के वर्षों में, प्रदर्शनकारियों का भयंकर दमन किया गया है। वैलेजो ने 24 होरास के साथ साक्षात्कार के दौरान इसे स्वीकार करते हुए कहा कि लोकतंत्र और चिली के लिए एक नया संविधान सुनिश्चित करने की प्रक्रिया में, "कई लोग हैं जो शाही हो गए या घायल हो गए हैं"। "ऐसे कई लोग हैं जिन्होंने अपनी आँखें खो दीं, जो गंभीर रूप से घायल हो गए थे, जो विभिन्न प्रकार के आक्रमणों के शिकार हुए थे, और अंतत संवैधानिक प्रक्रिया के लिए शहीद हो गए ... [और] तो जाहिर है कि हमने 2020 को अपनी ताकत और अपनी ऊर्जा को जनमत संग्रह के अनुमोदन हासिल करने में लगाया। और हम कह सकते हैं कि अब से, हमारे पास एक संविधान होगा, [जो लेखन की प्रक्रिया में है] जिसमें हम सभी [समान रूप से] भाग लेंगे।”
संविधान का निर्माण करना
चिली ने देश के लिए नए संविधान का मसौदा तैयार करने वाली संवैधानिक सभा के 155 सदस्यों का चुनाव करने के लिए 15 और 16 मई, 2021 को मतदान किया था। कन्वेंशन ने 4 जुलाई, 2021 को अपना काम शुरू किया था। कई सदस्यों ने अपने निर्वाचन क्षेत्रों में बैठकें आयोजित करने और नागरिकों की राय लेने और उनकी प्रतिक्रिया एकत्र करने में उनकी सहायता के लिए स्वयंसेवी नेटवर्क बनाए थे। संवैधानिक सभा में लगभग 50 सदस्य केवल राजनीतिक दलों से संबंधित हैं; बाकी स्वतंत्र सदस्य हैं, जो संवैधानिक प्रक्रिया पर लोकप्रिय आंदोलनों के प्रभाव का एक स्पष्ट संकेत है। वर्तमान में, इसके एक सदस्य के इस्तीफे के बाद, कन्वेन्शन में 154 सदस्य हैं जिसमें 77 पुरुष और 77 महिलाएं शामिल हैं।
उर्सुला एगर्स संवैधानिक सभा के प्लूरिनेशनल यूनियन ऑफ़ वर्कर्स की अध्यक्ष हैं, जिसका गठन 4 नवंबर, 2021 को और प्रोविडेंसिया ह्यूमन राइट्स कोऑर्डिनेटिंग कमेटी द्वारा किया गया था। उन्हे चिली में लोकतांत्रिक सुधार के लिए लड़ने वाले प्रदर्शनकारियों के खिलाफ हुई हिंसा की जानकारी है क्योंकि उर्सुला ने मानवाधिकार पर्यवेक्षक के रूप में 2019 के प्रदर्शनों में भाग लिया था।
अपने काम के हिस्से के रूप में, एगर्स ने मानवाधिकारों के उल्लंघन का दस्तावेजीकरण किया और फिर पुलिस हिंसा के शिकार लोगों के बचाव में भाग लिया था। उन्होने मुझे बताया कि, "हम जानते हैं कि इस [संवैधानिक] प्रक्रिया में [चिली के लोगों ने] कितनी कीमत अदा की है।" वे इसमें अकेली नहीं बल्कि ऐसे 370 लोग हैं जिन्हें संवैधानिक सभा के प्रतिनिधियों के सलाहकार के रूप में नियुक्त किया गया है। सभा में काम करने वालों में से कई ने विभिन्न सामाजिक आंदोलनों का गठन किया था या वे उनका हिस्सा रहे हैं, जो दशकों से चिली में जल रक्षा, आवास और शिक्षा, साथ ही मानवाधिकारों के हनन के खिलाफ लड़ रहे थे। संवैधानिक सभा के ये सदस्य सत्ता द्वारा वर्षों से की गई हिंसा के प्रति संवेदनशील हैं, जिसके प्रति वे उचित न्याय की आशा रखते हैं।
उनके सामाजिक आंदोलनों के अनुभव को देखते हुए, संवैधानिक सभा में विभिन्न मजदूर, जो प्रतिनिधियों के लिए काम करते हैं, ने एक यूनियन बनाने का फैसला किया है- संवैधानिक सभा के श्रमिकों की प्लूरिनेशनल यूनियन। वे वैलेजो के इस कथन को स्वीकार करते हैं कि संविधान को "सभी की भागीदारी के साथ" लिखा जाना चाहिए। इस प्लूरिनेशनल यूनियन के सदस्यों में 370 सलाहकार शामिल हैं जो एक सरकारी मंत्रालय द्वारा कार्यरत हैं जिसे प्रेसीडेंसी के सामान्य सचिवालय (SEGPRES) के रूप में जाना जाता है, और संविधानिक सभा द्वारा नियोजित कार्यबल के अन्य सदस्य, जैसे सफाईकर्मी, सुरक्षाकर्मी, सचिव और स्वयंसेवक, श्रमिक, विशेष रूप से विश्वविद्यालयों से प्रतिनिधि इसका हिस्सा हैं।
एगर्स कहती हैं, सलाहकार अपनी क्षमता से अधिक काम करते हैं। "हम सभी आवश्यक प्रशासनिक कार्य करते हैं, लेकिन शोध, लेखन, फोटोकॉपी और भोजन भी खरीदते हैं।" "[हम जो करते हैं] वह सब सभा के काम को आगे बढ़ाने के लिए करते हैं [अपने लक्ष्य को हासिल करने की दिशा में काम करते हैं] दैनिक तौर जो भी जरूरी हैं वह सब करते हैं। हम वे मानव संसाधन हैं जो सभा के काम को आगे बढ़ाते हैं ... सभा के सदस्य एक राजनीतिक भूमिका निभाते हैं, और यह अच्छा ही है कि ऐसा है, लेकिन हम वे भी हैं जो नियम लिखते हैं जिन पर अब मतदान किया जा रहा है, और हम उन्हें सुबह के 2, 3, 4 बजे तक लिखते हैं और फिर चर्चा के लिए सुबह 8 बजे से रात 8 बजे तक [हो रही हैं] सभा के सदस्यों की बैठक चलती है।”
काम बड़ा सघन है, क्योंकि सभा को नौ महीने में (जिसका विस्तार अधिकतम 12 महीने तक किए जाने की संभावना है) संविधान लिखने की सख्त समय सीमा पर काम करना पड़ रहा है। इसके परिणामस्वरूप उन श्रमिकों पर काम का बोझ बढ़ गया है, जो इस समय सीमा में रखी गई भारी मांग को पूरा करने के लिए अपने दैनिक कार्य शेड्यूल से अतिरिक्त घंटे लगा रहे हैं।
मजदूर वर्ग
"नए चिली से हम क्या उम्मीद करते हैं,"… एगर्स मुझसे बताती हैं, "यह एक ऐसी जगह बने, जहां आम लोगों को महत्व दिया जाता हो, जहां [एक व्यक्ति को] उसकी क्षमता और उसके अनुभव के आधार पर महत्व दिया जाता हो, वह भी बिना किसी जरूरी पेशेवर डिग्री के।” रूढ़िवादी वर्ग सलाहकारों के काम को "पेशेवर" बनाना चाहते थे, जो पेशेवर अनुभव और विश्वविद्यालय की डिग्री से सुशोभित हों।
हालांकि, एगर्स की तरह श्रमिकों के विचार अंततः प्रबल हुए। एगर्स कहती हैं, "हम उस सामाजिक क्षेत्र से संबंधित नहीं हैं जिसके पास बड़े अतिरिक्त संसाधन या बहुत अधिक बचत या उधार लेने के लिए एक बड़ा नेटवर्क है।"
"न ही हम उस राजनीतिक क्षेत्र से संबंधित हैं जिसके पीछे बड़ी संस्था की नींव है।"
संवैधानिक सभा के 50 सदस्यों में से, जो राजनीतिक दलों से संबंधित हैं, 37 दक्षिणपंथी दलों से संबंधित हैं, जिनके अपने स्वयं के थिंक टैंक हैं, जैसे कि जैम गुज़मैन फ़ाउंडेशन या क्यूइड चिली फ़ाउंडेशन, जो ऐसी संस्थाएँ हैं जिन्होंने पिनोशे तानाशाही का बचाव किया था और हाल ही में उन्होंने संवैधानिक प्रक्रिया के दौरान "सेंसर" करने की शिकायत की थी।
इस बीच, सभा के प्रगतिशील सदस्य के पास ऐसे कर्मचारी हैं जो सामाजिक आंदोलनों से आते हैं और बाहरी धन तक उनकी पहुंच नहीं है। एगर्स यह भी कहती हैं कि, "हम खुद को सलाहकार के रूप में नहीं बल्कि श्रमिकों के रूप में पहचानते हैं, क्योंकि हम श्रमिक वर्ग हैं।" चिली में बड़े वर्ग संघर्ष को संवैधानिक सभा के भीतर श्रमिकों के लिए बेहतर काम करने की स्थिति के संघर्ष में दिखाया गया है।
एक प्लूरिनेशनल यूनियन
एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, प्लुरीनेशनल यूनियन का गठन 4 नवंबर 2021 को किया गया था, क्योंकि "श्रम अधिकारों के कई उल्लंघनों हो रहे थे जिसमें अनुबंधों का न होना, अवैतनिक वेतन काम ... काम करने और खाने का स्थान का न होना, सोमवार से रविवार तक काम 12 घंटे का होना जिन्हे श्रमिकों के दमन के लिए इस्तेमाल किया जा रहा था। यह बताता है कि यूनियन के सभी सदस्य वामपंथी और लोकप्रिय आंदोलनों से आते हैं। यूनियन अध्यक्ष एगर्स कहती हैं, "इसलिए नहीं कि हमने अधिकार को छोड़ दिया है, बल्कि इसलिए कि वे आमतौर पर अपनी समस्याओं का समाधान खुद ही कर सकते हैं।"
एगर्स कहती हैं कि "गरिमा" एक ऐसा शब्द प्रतीत होता है जो संवैधानिक सभा की बहसों में अक्सर इस्तेमाल किया जाता है, ऐसा लगता है कि संवैधानिक प्रक्रिया के दौरान इसके श्रमिकों के कुछ अधिकारों की अनदेखी की गई है। "जब हम देश के भविष्य के सामाजिक समझौते को लिख रहे हैं, "हम श्रमिकों के अधिकारों का उल्लंघन करके ऐसा नहीं कर सकते हैं।" उनके काम के पहले चार महीनों के लिए, सलाहकारों और अन्य कर्मचारियों को भुगतान नहीं किया जा रहा था। "हमें अपनी आवाज़ उठानी पड़ी, "क्योंकि हमें तरजीह नहीं दी जा रही थी।"
यूनियन 93 प्रतिशत श्रमिकों के वेतन को नियमित करने में कामयाब रही है, जो इसका पहला उद्देश्य था। अन्य मुद्दे, जो व्यापक समाज के हितों की रक्षा के बारे में सभा की बहस के केंद्र में हैं, ऐसा लगता है कि जब श्रमिकों को समान सुरक्षा प्रदान करने की बात आती है तो उनकी उपेक्षा की जाती है। इनमें श्रमिकों के लिए डे केयर सुविधाओं का प्रावधान और सलाहकारों को अपना काम करने के लिए जगह ढूंढना शामिल है। एसईजीपीआरईएस, "सभा के लिए तकनीकी, प्रशासनिक और वित्तीय सहायता प्रदान करने" के लिए जिम्मेदार देश की एजेंसी है, जिसका नेतृत्व अब एक पूर्व छात्र नेता जियोर्जियो जैक्सन के हाथ में है। इसका मतलब बदलाव हो सकता है।
जब मैंने एगर्स के साथ इस बारे में बात की कि नए संविधान को पूरा करने के लिए 12 महीने की समय सीमा कितनी सख्त है, इस बात को ध्यान में रखते हुए कि क्या श्रमिकों के लंबे काम के घंटों को कम करने में सफलता मिलेगी, तो मुझे इस बिन्दु पर संदेह है कि इस समस्या से बाहर निकलने का कोई रास्ता है।
एगर्स कहती हैं कि, "सामूहिक संगठन के साथ काम करने से, हमेशा एक रास्ता मिलता है। "कम से कम हम चुप नहीं रहने वाले हैं।"
स्रोत: यह लेख ग्लोबट्रॉटर में प्रकाशित हो चुका है
तारो जुनिगा सिल्वा एक लेखक फैलो हैं और ग्लोबट्रॉटर के लिए स्पेनिश मीडिया समन्वयक भी हैं। वे वेनेजुएला की जियोर्डाना गार्सिया सोजो, वोर्टिस डे ला गुएरा डेल सिग्लो XXI (2020) के सह-संपादक भी हैं।
अंग्रेज़ी में प्रकाशित इस मूल आलेख को पढ़ने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें:
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