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पूर्वांचल में भी दिखा ‘मिगजॉम’ का असर, खेती-किसानी प्रभावित!

बंगाल की खाड़ी से उठे चक्रवाती तूफ़ान 'मिगजॉम' ने यूपी के पूर्वांचल के अलावा बिहार और झारखंड में भी अपना असर दिखाना शुरू कर दिया है। मौसम एकाएक बदल गया है जिसके चलते किसान चिंतित हैं।
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बंगाल की खाड़ी से उठे चक्रवाती तूफान 'मिगजॉम' ने उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल के अलावा बिहार और झारखंड में भी अपना असर दिखाना शुरू कर दिया है। इस तूफान के चलते मौसम एका-एक बदल गया है। इसका सर्वाधिक असर बनारस, विंध्याचल और आजमगढ़ मंडलों में देखने को मिल रहा है। लगातार बारिश के चलते ठंड और बढ़ गई है। खेती-किसानी पर भी चक्रवात का खासा असर पड़ा है। चंदौली में जहां धान की कटाई और मड़ाई पूरी तरह ठप है, वहीं बनारस में गेंदा व गुलाब की खेती पर बारिश ने कहर बरपा दिया है। मौसम विभाग ने आशंका जाहिर की है कि अगले दो-तीन दिनों बाद ठंड का प्रकोप बढ़ जाएगा। पूर्वांचल के कई इलाकों में बारिश की भी संभावना बनी हुई है।

एक तरफ चक्रवाती तूफान से मौसम का मिजाज बदला हुआ है, दूसरी ओर पश्चिमी विक्षोभ के साथ आने वाली बर्फीली हवाएं शीतलहर लेकर आ रही हैं। संभावना व्यक्त की जा रही है कि दो-तीन दिनों बाद पूर्वी उत्तर प्रदेश में कड़ाके की ठंड पड़ सकती है। गलन का दौर शुरू होने से ठिठुरन बढ़ सकती है। पूर्वी उत्तर प्रदेश में मिगजॉम ने बुधवार को अपना असर दिखाना शुरू किया। शाम के समय कई इलाकों में बूंदाबांदी भी हुई। बनारस में डेढ़ से दो डिग्री तापमान में अंतर देखा गया। अधिकतम तापमान सामान्य से एक डिग्री नीचे 25.7 और न्यूनतम तापमान सात डिग्री ऊपर 18 डिग्री सेल्सियस रहा।

बनारस, चंदौली, गाजीपुर, जौनपुर, सोनभद्र, मिर्जापुर आदि जिलों में मौसम का मिजाज बदला-बदला नजर आ रहा है। गुरुवार को बनारस में सुबह से ही बारिश शुरू हो गई। आसमान में बादल डेरा डाले हुए हैं। मौसम विभाग ने अगले दो दिनों तक बनारस, प्रयागराज, मिर्जापुर, चंदौली और सोनभद्र में आसमानी बिजली गिरने के साथ भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। मौसम विभाग ने फोरकास्ट करते हुए कहा है कि अगले दो-तीन दिनों में कड़ाके की ठंड पड़ने लगेगी। हालांकि शुक्रवार से बादल छंटने लगेंगे और शनिवार को सुबह कोहरे के बाद धूप का प्रभाव बढ़ जाएगा। शनिवार और रविवार को पश्चिमी विक्षोभ से ठंड बढ़ने की उम्मीद है। सुबह और शाम को ठंडी हवाएं चलेंगी। गलन बढ़ने से गरीब तबके के लोगों को दुश्वारियों का सामना करना पड़ सकता है।

बनारस में तूफन का असर ज़्यादा

बनारस में चक्रवाती तूफान 'मिगजॉम' का प्रभाव कुछ ज़्यादा देखने को मिल रहा है। दिसंबर में सालों बाद इतनी ज़्यादा बारिश हुई है। मौसम वैज्ञानिकों का अनुमान है कि बनारस में रविवार से कड़ाके की ठंड बढ़ सकती है। बनारस में गुरुवार को सुबह से टेंपरेचर 20 से 23 डिग्री सेल्सियस के बीच बना हुआ है। न्यूनतम तापमान 18 डिग्री सेल्सियस है, जो सामान्य से आठ डिग्री ज़्यादा है। हवाएं धीमी रफ्तार से चल रही है। हवा में नमी की मात्रा 95 फीसदी है। गुरुवार सुबह से बनारस, प्रयागराज और भदोही में बारिश हो रही है। इन जिलों में तापमान में गिरावट दर्ज की गई है। लखनऊ में भी सुबह से बादल छाए हैं और ठंडी हवाएं चल रहीं हैं। कानपुर में सुबह 10 बजे तक कोहरा छाया रहा।

काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के मौसम वैज्ञानी प्रो. मनोज कुमार श्रीवास्तव के मुताबिक, "बनारस में बुधवार की रात करीब 30 मिनट तक बारिश हुई। अगले दिन गुरुवार को भी बारिश का सिलसिला नहीं थमा। हालांकि मौसम वैज्ञानिकों ने संभावना व्यक्त की है कि शुक्रवार से बनारस और आसपास के जिलों में मौसम साफ हो जाएगा। कड़ाके की धूफ निकलेगी। इसी के साथ ठंड का प्रकोप बढ़ जाएगा। आगामी दो-तीन दिनों में पश्चिमी विक्षोभ का असर दिखेगा। तब ठंड का असर और भी तीखा हो जाएगा। बनारस में रात का तापमान छह-सात डिग्री तक गिर सकता है। बंगाल की खाड़ी में बने प्रचंड चक्रवाती तूफान मिगजॉम के चलते गाज़ीपुर और जौनपुर में बादल छाए रहेंगे। दिन में पछुआ हवा चलने के कारण तापमान में भारी गिरावट होने की उम्मीद है।"

गोरखपुर से नोएडा तक के मौसम में बदलाव होता दिख रहा है। नोएडा, गाजियाबाद में मौसम शुष्क रहने का अनुमान है। हालांकि पश्चिमी उत्तर प्रदेश के आगरा, फिरोजाबाद, मैनपुरी, फर्रुखाबाद, हरदोई, सीतापुर, इटावा, औरैया, कन्नौज, कानपुर देहात, जालौन, उन्नाव, लखनऊ और बाराबंकी में मौसम साफ रहने की संभावना है। ललितपुर, झांसी, महोबा, हमीरपुर, कानपुर नगर, फतेहपुर और रायबरेली में ठंड का प्रकोप बढ़ सकता है।

मौसम विभाग ने गोंडा, बहराइच, बलरामपुर, श्रावस्ती, कानपुर देहात, जालौन, कानपुर नगर, लखनऊ, इटावा औरैया, हरदोई, बाराबंकी, उन्नाव, अमेठी, रायबरेली, बस्ती, सुल्तानपुर, अयोध्या, सिद्धार्थ नगर, गोरखपुर कुशीनगर अंबेडकर नगर में बूंदाबांदी के आसार बताए हैं। वहीं गोरखपुर, बस्ती, प्रयागराज, मिर्जापुर, वाराणसी, चंदौली, सोनभद्र, नोएडा, और मुरादाबाद, समेत कई जिलों में बारिश के साथ 35 से 45 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाओं के चलने का अनुमान है।

मिगजॉम तूफान के चलते बिहार में मौसम का मिजाज बदला हुआ है। पटना, भागलपुर, नालंदा, नवादा, बांका, औरंगाबाद, गया, अरवल, जहानाबाद, रोहतास, बेगूसराय सहित दर्जन भर जिलों में छिटपुट बारिश हुई। सात दिसंबर 2023 को सुपौल, अररिया, किशनगंज, मधेपुरा, सहरसा, पूर्णिया, कटिहार, पटना, बक्सर, भोजपुर, रोहतास, भभुआ, अरवल, औरंगाबाद, गया, नालंदा, नवादा, शेखपुरा, बेगूसराय, लखीसराय, जहानाबाद, भागलपुर, बांका, जमुई, मुंगेर और खगड़िया में एक या दो जगहों पर हल्की बारिश हुई।

बढ़ेगी ठंड और ठिठुरन

लखनऊ स्थित राज्य कृषि मौसम केंद्र के प्रमुख मौसम वैज्ञानिक अतुल कुमार सिंह के मुताबिक, "पूर्वांचल में बंगाल की खाड़ी से उठे चक्रवाती तूफान मिगजॉम के चलते बारिश हो रही है। यह तूफान 5 दिसंबर को दक्षिणी आंध्र प्रदेश तट को पार करने के बाद बंगाल की खाड़ी से होते हुए झारखंड, बिहार को भिगोते हुए 6 दिसंबर की शाम पूर्वी उत्तर प्रदेश में पहुंच गया। 7 दिसंबर की सुबह से ही विंध्य की पहाड़ियों पर तेज बारिश हुई। दक्षिणी-पूर्वी उत्तर प्रदेश में बादल छाए रहने और हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना है। साइक्लोन मिगजॉम के असर से बारिश की रफ्तार थोड़ी धीमी पड़ी है। अमेठी, प्रतापगढ़, कुंडा, मिर्जापुर, भदोही, जौनपुर, आजमगढ़ में बारिश की संभावना है।"

मौसम वैज्ञानिक अतुल कुमार के मुताबिक, "आने वाले दिनों में यूपी में बादल छाए रहेंगे। इससे धूप की तपिश कम होगी। इसका असर यह होगा कि तापमान में हल्की गिरावट होगी। मिगजॉम साइक्लोन का असर उत्तर भारत में जारी रहेगा। जहां बारिश की आशंका थी, वह कम हो रही है। उत्तराखंड के उच्च हिमालय क्षेत्र में हो रही बारिश और बर्फबारी के चलते मौसम का मिजाज बदल सकता है। 11 दिसंबर को एक और नए पश्चिमी विक्षोभ की आशंका है। इसका असर दक्षिण-पूर्व मध्य प्रदेश तक देखने को मिल सकता है। यूपी में तूफान के चलते उत्तर-पश्चिमी हवाएं आनी रुक गई हैं, जिससे तापमान में वृद्धि दर्ज की जा रही है। अगले तीन दिनों के बाद फिर से तापमान गिरेगा और घना कोहरा छाएगा। इसी के साथ दिन में ठंड बढ़ जाएगी। यूपी के ज़्यादातर मैदानी इलाकों में मौसम साफ रहेगा और कुछ क्षेत्रों में आंशिक बादल छाये रह सकते हैं।"

नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय के मौसम वैज्ञानिक अमरनाथ मिश्र कहते हैं, "ऐसा मौसम कुछ साल पहले तक नहीं था। अब जलवायु परिवर्तन हो रहा है। हाल के कुछ सालों में प्रदूषण भी बढ़ा है। मौसम पर अलनीनों का प्रभाव पड़ रहा है। जहां बारिश कम होनी है, वहां ज़्यादा हो रही है। पहाड़ों पर हवा का दबाव है। मौसम शिफ्ट हो रहा है। बार-बार मौसम में व्यवधान हो रहा है। सारे तथ्य एक साथ प्रभावी हो गए। मौसम में गर्मी बढ़ी तो पहाड़ से हवाएं मैदान की ओर आ गईं। ज़्यादा बारिश होने की संभावना नहीं है, लेकिन दिसंबर का मौसम पहले जैसा नहीं रहा। इसका दूर तक प्रभाव पड़ेगा।"

किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें

चंदौली के प्रगतिशील किसान रतन सिंह और राम अवध सिंह कहते हैं, "मौसम का मिजाज बदलने से किसानों के माथे पर बल पड़ने लगा है। आसमान में बादलों के मंडराने के कारण किसान चिंतित हैं। चंदौली में अभी भी धान की कुछ फसल खेत और खलिहानों में पड़ी है। किसान धान की फसल की कटाई-मड़ाई में व्यस्त थे, लेकिन बारिश ने खेती-किसानी पर ब्रेक लगा दिया है। जहां धान कट गया है, वहां किसान खेतों की जोताई और भराई का कार्य कर रहे थे। बारिश से खेतों का पलेवा नहीं हो पा रहा है।"

किसान शैलेंद्र सिंह रघुवंशी कहते हैं, "इस बार मौसम का मिजाज समझ में नहीं आ रहा है। कभी गर्मी होती है, कभी ठंड बढ़ जाती है। रबी फसलों की बुआई प्रभावित हो रही है। आलू की खेती करने वाले किसान मौसम साफ होने का इंतजार कर रहे हैं। बूंदाबांदी के कारण पलेवा वाले खेतों में बुआई के लिए मिट्टी तैयार नहीं हो पा रही है। सिर्फ आलू ही नहीं, लहसुन, प्याज और मूंग-लोबिया की खेती भी पिछड़ सकती है। गर्मी में तैयार होने वाली तरोई, भिंडी, लौकी आदि सब्जियों की खेती भी पिछड़ने लगी है।"

"गेहूं के अलावा दलहनी और तिलहनी फसलों के लिए यह बारिश लाभकारी है, लेकिन उन्हीं इलाकों में जहां धान की फसल महीने भर पहले काटी जा चुकी थी। खेतों में नमी होने की वजह से बुआई के लिए तैयार खेतों को अभी इंतजार करना पड़ेगा। इसी प्रकार असुरक्षित तरीके से खुले में पड़ी कटी या भंडारित धान और अन्य खरीफ फसलों को भी आंशिक रूप से नुकसान होने की संभावना है।"

नहीं बिक पा रहे फूल

बनारस के चौबेपुर इलाके के कोची गांव में गेंदा और गुलाब की खेती करने वाले बागबान बबलू कुमार और लक्ष्मण राजभर कहते हैं, "बेमौसम की बारिश के चलते हजारा गेंदे के फसल चौपट हो गई है। गुलाब की पंखुड़िया भी कुम्हाला गई हैं। मलदहिया स्थित किसान फूल मंडी में किसान अपना फूल और माला नहीं बिक पाने की स्थिति में सड़क के किनारे फेंककर जा रहे हैं। फूलों के खरीददार नहीं है। यह स्थिति तब है जब इन दिनों शादी-विवाह का सीजन चल रहा है। पिछले एक हफ्ते से हमें हर रोज़ हज़ारों रुपये का घाटा उठाना पड़ रहा है। फूल-माला लेकर फूल मंडी जाते हैं तो पूरा नहीं बिक पा रहा है। रोज़ाना 10 से 16 हज़ार का नुकसान हो रहा है। बारिश ने गेंदे की फसल की रौनक छीन ली है। हमारी मेहनत और उम्मीद दोनों पर पानी फिर गया है।"

किसान फूलमंडी के मालिक विशाल दूबे ने न्यूज़क्लिक से कहा, "हमारी फूल मंडी में बनारस, मिर्जापुर, भदोही, गाजीपुर, जौनपुर, आजमगढ़ और बिहार से हर रोज़ पांच-छह सौ किसान यहां आते हैं। यहां रोज़ाना करीब एक करोड़ से डेढ़ करोड़ रुपये के फूलों का कारोबार होता है। शादी-विवाह के मौकों पर फूलों की बिक्री दो से ढाई करोड़ रुपये प्रतिदिन तक पहुंच जाती है। पिछले दिनों हुई बारिश ने किसानों का काफ़ी नुकसान किया है। बारिश के चलते गेंदा और गुलाब की फसल चौपट हो गई। फूलों की पंखुड़ियों पर काला धब्बा पड़ गया।"

बदरंग मौसम के चलते आईआईटी बीएचयू के छात्रों का प्लेसमेंट भी प्रभावित हुआ है। ख़ासतौर पर चेन्नई की कंपनियों का यहां पहुंचना मुश्किल हो गया। चेन्नई में लगातार बारिश की वजह से कई हवाई जहाज़ निरस्त हो गए। इस वजह से कई कंपनियों के प्रतिनिधि बनारस नहीं आ सके। चेन्नई में इंटरनेट सेवा बंद होने से ऑनलाइन इंटरव्यू भी संभव नहीं हो पा रहा है। कई कंपनियों ने आईआईटी बीएचयू प्लेसमेंट के लिए साक्षात्कार शेड्यूल किया था। इन कंपनियों ने साक्षात्कार को री-शेड्यूल करने की बात कही है। आईआईटी बीएचयू में 30 नवंबर 2023 से ही प्लेसमेंट के लिए इंटरव्यू चल रहा है। तमाम भारतीय और विदेशी कंपनियां आईआईटी-बीएचयू के स्टूडेंट्स का इंटरव्यू के लिए पहुंचीं। चेन्नई से कंपनियों के प्रतिनिधि आने वाले थे, लेकिन तूफान के चलते नहीं आ सके।

(लेखक बनारस स्थित वरिष्ठ पत्रकार हैं।)

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