दिल्ली: हड़ताल पर बैठे बुराड़ी अस्पताल के सफ़ाई कर्मियों ने निकाली ‘शवयात्रा’, कराया ‘मुंडन’
पिछले नौ दिनों से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठे दिल्ली सरकार द्वारा संचालित बुराड़ी अस्पताल के सफाई कर्मचारियों का आरोप है उन्हें बुधवार को जबरन अस्पताल से बाहर निकाल दिया गया। इसके बाद कर्मचारियों ने दिल्ली सरकार के ख़िलाफ़ मोर्चा खोल दिया और विरोध में 'शवयात्रा' निकाली और 'मुंडन' भी कराया। इसके बाद सरकार ने इन कर्मचारियों से बात की और आश्वासन देकर शांत करने की कोशिश की।
सफाई कामगार यूनियन जिसके नेतृत्व में ये आंदोलन चल रहा है उन्होंने कहा कि "अस्पताल में कार्यरत सफाई कर्मचारियों को उनकी नौकरी से भी निकाल दिया गया है क्योंकि वे यानी ठेका कंपनी और अस्पताल प्रशासन द्वारा किए जा रहे भ्रष्टाचार, यौन उत्पीड़न और जातिवादी भेदभाव जैसे गंभीर मुद्दे उठा रहे हैं।"
यूनियन का कहना है "सफाई कर्मचारी, जो ज्यादातर दलित वाल्मीकि समुदाय से हैं, उनका अपमान किया गया और विरोध-स्थल पर स्थापित बाबा वाल्मीकि की मूर्ति को प्रशासन की सांठ-गांठ से दिल्ली हटा लिया गया। साथ ही, एक कार्यकर्ता सहित तीन सफाई कर्मचारियों को बर्बरतापूर्वक गिरफ्तार कर बुराड़ी पुलिस स्टेशन ले जाया गया और उनके खिलाफ धारा 186/353/323/120बी/34 भारतीय दंड संहिता के तहत मामला दर्ज किया गया।"
इस घटना के ख़िलाफ़ कर्मचारियों ने दिल्ली सरकार की 'शवयात्रा' निकालकर अस्पताल के सामने ‘मुंडन’ करवाया और आरोप लगाया कि दिल्ली सरकार ने उन्हें अनाथ छोड़ दिया है।
इन सबके बाद देर शाम के घटनाक्रम में, बुराड़ी अस्पताल के सफाई कर्मचारियों के प्रतिनिधिमंडल ने दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री, सौरभ भारद्वाज से मुलाकात की। वार्ता के दौरान मंत्री ने आश्वासन दिया कि किसी भी सफाई कर्मी को नौकरी से नहीं निकाला जाएगा। इसके अलावा भारद्वाज ने यह भी आश्वासन दिया कि कॉन्ट्रेक्ट कंपनी पर भ्रष्टाचार और श्रम कानूनों के उल्लंघन और अस्पताल प्रशासन की मिलीभगत जैसे आरोपों की जांच के लिए एक जांच समिति गठित की जाएगी और इस संबंध में आदेश गुरुवार तक जारी कर दिए जाएंगे।
यूनियन ने अपने बयान में कहा, "यह विडंबनापूर्ण और दुर्भाग्यपूर्ण है कि जब इस हफ़्ते श्री राम मंदिर का उत्सव चल रहा है, उसी समय वाल्मीकि सफाई कर्मचारियों को उनके गंभीर मुद्दों को उठाने के लिए बेरहमी से प्रताड़ित किया जा रहा है। यही नहीं, चूंकि कर्मचारी इन मुद्दों को उठा रहे हैं इसलिए उनको अब नौकरी से निकाल दिया गया है। अस्पताल प्रशासन की मिलीभगत से पुलिस के दमन के बीच सफाई कर्मचारियों को छोड़कर दिल्ली सरकार ने जन-विरोधी और मज़दूर विरोधी होने का परिचय दिया है।" सफाई कर्मचारियों ने अपना आंदोलन और भी तेज़ करने का ऐलान किया है।
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