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देहरादून: जहरीली शराब पीने से हुई मौतों के बाद बस्ती में पसरा मातम

बस्ती के कई लोगों ने अपना नाम गोपनीय रखने की शर्त पर बताया कि पुलिस वाले अवैध शराब बेचने वालों से कथित तौर पर पैसा वसूली करते थे और इसी वजह से शहर के बीचोंबीच अवैध शराब का धंधा फल फूल रहा था।
Poisonous liquor
फोटो साभार: नवभारत।

देहरादून शहर के बीचोंबीच नैशविले रोड के पास बसी पथरिया पीर बस्ती में जहरीली शराब पीने से छह लोगों की मौत के बाद मातम पसरा हुआ है।

बस्ती के लोग एक दूसरे के घर सांत्वना देने जा रहे हैं और पिछले दो दिनों से अधिकांश परिवारों में चूल्हा नहीं जला।

बस्ती वालों के मुताबिक, तीन मौतें गुरुवार को हुईं जबकि तीन अन्य ने कल, शुक्रवार को दम तोड़ा। जहरीली शराब पीने से जान गंवाने वालों में से अधिकतर घर के अकेले कमाऊ सदस्य थे।

मरने वालों में राजेंद्र कुमार (45) भी शामिल हैं, जिनकी पुत्री रिया का घटना के बाद से रो-रोकर बुरा हाल है और पिछले दो दिन से उसके मुंह में अन्न का एक दाना भी नहीं गया है। रोती-बिलखती रिया ने कहा, 'मुझे इंसाफ चाहिए। मेरे पिता के हत्यारों को कड़ा दंड मिलना चाहिए।’’

बस्ती में जगह-जगह झुंड बनाकर खडे लोग अवैध शराब बेचने वालों को कोसते दिखे। बस्ती के अधिकांश परिवार छोटा मोटा काम करके ही परिवार का गुजारा करते हैं। इस घटना के बाद मरने वालों के परिवारों के सामने रोजी रोटी का संकट भी खड़ा हो गया है।

इस घटना में मारा गया इंदर एक होटल में बर्तन साफ कर अपने परिवार का पोषण कर रहा था जबकि सुरेंद्र दिहाड़ी मज़दूरी करता था। एक अन्य व्यक्ति आकाश लोडर गाड़ी चलाकर परिवार का पेट पाल रहा था।

बस्ती के कई लोगों ने अपना नाम गोपनीय रखने की शर्त पर बताया कि पुलिस वाले अवैध शराब बेचने वालों से कथित तौर पर पैसा वसूली करते थे और इसी वजह से शहर के बीचोंबीच अवैध शराब का धंधा फल फूल रहा था।

बस्ती से कुछ दूरी पर ही रहने वाले मसूरी क्षेत्र के भाजपा विधायक गणेश जोशी ने बताया कि संबंधित पुलिस थाना और चौकी मामले पर पर्दा डालती दिखायी दी और पूर्व में कई बार क्षेत्र में अवैध शराब की बिक्री के बारे में की गयी शिकायतों पर भी उसने कोई कार्रवाई नहीं की।

वरिष्ठ कांग्रेसी नेता सूर्यकांत धस्माना ने भी आरोप लगाया कि सरकार की लापरवाही के चलते राजधानी देहरादून के बीचोंबीच इतना बड़ा कांड़ हो गया। उन्होंने आबकारी विभाग का जिम्मा भी संभाल रहे मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से इस्तीफा देने की मांग की और कहा कि इस घटना से साफ है कि वह प्रदेश को संभाल पाने में सक्षम नहीं है।

आपको बता दें कि इससे पहले उत्तराखंड में ज़हरीली शराब से मौतें होती रही हैं। उत्तराखंड के रुड़की में फरवरी में ज़हरीली शराब ने कई जानें ले लीं थी। उसी दौरान पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश में भी ज़हरीली शराब ने भी कहर बरपाया था।

इसे पढ़ें ज़हरीली शराब का कहर, यूपी-उत्तराखंड में लगातार मौतें

ऐसी घटनाएं होने बाद कुछ दिन तक सरकार और प्रशासन सतर्क रहता है, शराब की अवैध बिक्री रोकने के लिए बड़ी-बड़ी बातें की जाती हैं, कुछ धरपकड़ भी होती है, लेकिन फिर कुछ दिन बाद सबकुछ पुराने ढर्रे पर आ जाता है।
(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ) 

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