कैसे देश का सपना देखते थे महात्मा गांधी ?
महात्मा गाँधी का राष्ट्र एक ऐसा राष्ट्र था जहाँ हिन्दू, मुस्लिम, सिख और ईसाई सब बराबर थे। उन्होने ख़िलाफ़त और असहयोग आंदोलन को एक दूसरे जोड़ा जिसके पीछे हिन्दू-मुस्लिम एकता की सोच थी।
महात्मा गाँधी का राष्ट्र एक ऐसा राष्ट्र था जहाँ हिन्दू, मुस्लिम, सिख और ईसाई सब बराबर थे। उन्होने ख़िलाफ़त और असहयोग आंदोलन को एक दूसरे जोड़ा जिसके पीछे हिन्दू-मुस्लिम एकता की सोच थी। पर इसके कारण उनपर अनेक आरोप भी लगाए गए। विविधता में एकता की सोच को आगे बढ़ाते हुए गाँधी जी ने धर्म को कभी देश की कल्पना के साथ नहीं जोड़ा। इन्ही सब मुद्दों को सामने लेकर आ रहे हैं निलांजन मुखोपाध्याय
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