दवाइयों की कमी को लेकर एड्स के मरीज़ों का प्रदर्शन जारी
नयी दिल्ली: देश में एंटी-रेट्रोवायरल रेजीम (एआरवी) दवाइयों की कथित कमी को लेकर ह्यूमन इम्यूनोडेफिशिएंसी वायरस (एचआईवी) से संक्रमित लोगों का एक समूह यहां पिछले एक महीने से प्रदर्शन कर रहा है।
राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन (नाको) ने इस संबंध में एक बैठक की और प्रदर्शन कर रहे लोगों को दवाइयों की आपूर्ति का आश्वासन दिया।
अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को दावा किया कि दवाओं की नई खेप की आपूर्ति तेजी से की जा रही है और इन्हें तुरंत उन स्थानों पर हवाई मार्ग से पहुंचाया जाएगा जहां इनकी सबसे अधिक जरूरत है। हालांकि, प्रदर्शन कर रहे लोगों का कहना है कि वे तब तक धरना जारी रखेंगे जब तक ‘‘ भारत में सभी एचआईवी मरीजों को एक महीने की दवाएं मिलना शुरू नहीं हो जाती।’’
प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि एचआईवी से पीड़ित बच्चों के लिए कुछ निश्चित दवाइयां अनुपलब्ध हैं और अधिकतर मरीजों को मजबूरी में अन्य दवाएं लेनी पड़ रही हैं। उन्होंने कहा कि अगर अगले कुछ हफ्तों में दवाएं उपलब्ध नहीं होती हैं, तो इससे एचआईवी के मरीजों को स्वास्थ्य संबंधी गंभीर परेशानियां हो सकती हैं।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि जिस दिन से नाको के चंद्रलोक कार्यालय परिसर में धरना शुरू हुआ है, तभी से अधिकारी लगातार प्रदर्शनकारियों के संपर्क में हैं।
एक आधिकारिक सूत्र ने कहा, ‘‘ आज की बैठक में नाको के निदेशक ने दो प्रतिनिधियों को एआरवी की ताजा आपूर्ति में महत्वपूर्ण सुधार का आश्वासन दिया, जिन्हें प्राथमिकता वाले स्थानों पर तेजी से और हवाई मार्ग से पहुंचाया जा रहा है।’’
सूत्र ने बताया कि धरना हालांकि अभी तक खत्म नहीं किया गया है।
स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों ने पहले कहा था कि राज्य स्तर पर सभी एआरवी दवाओं का पर्याप्त भंडार है और कई दवाओं की अगली खेप की खरीद के लिए नए आपूर्ति आदेश दिए गए हैं।
उन्होंने कहा था कि एआरटी केंद्रों में कभी-कभी यह समस्या हो सकती है, लेकिन दवाओं को तुरंत पास के केंद्रों से भेज दिया जाता है।
सरकार ने हाल ही में लोकसभा को बताया था कि भारत में एचआईवी से पीड़ित लगभग 95 प्रतिशत लोगों के लिए राष्ट्रीय स्तर पर एआरवी दवाओं का पर्याप्त भंडार है।
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