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अमेरिका ने दी बैंको को वित्तीय राहत, पर कैसी होगी लोगों को दी जाने वाली राहत?

बहुत से लोग बैंकों और उद्यम पूंजीपतियों पर लुटाए जा रहे धन से नाराज़ हैं, और अमीरों के बजाय आम लोगों को राहत देने की मांग कर रहे हैं।
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10 मार्च को सिलिकन वैली बैंक के पतन ने पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था को झकझोर कर रख दिया। तब से, अमेरिकी सरकार ने बैंक के जमाकर्ताओं को 151 बिलियन अमेरिकी डॉलर की वित्तीय राहत देने के लिए तेज़ी से और निर्णायक रूप से कदम उठाए। तकनीकी उद्योग और उद्यम पूंजीपतियों द्वारा अत्यधिक उपयोग किए जाने वाले बैंक एसवीबी का पतन, अमेरिकी इतिहास में दूसरी सबसे बड़ी बैंक विफलता है। न्यू-यॉर्क में स्थित सिग्नेचर बैंक भी बाद में तेज़ी से विफल हो गया क्योंकि एसवीबी के क्रैश ने पूरे देश में बैंकिंग प्रणाली में एक अविश्वास पैदा कर दिया। अमेरिकी सरकार ने सिग्नेचर को भी राहत दी इसके अलावा यह सुनिश्चित करने के लिए 70 बिलियन अमरीकी डॉलर भी खर्च किए कि बैंक के जमाकर्ताओं के पास उनके सभी धन की पहुंच हो।

बहुत से लोग बैंकों और उद्यम पूंजीपतियों पर लुटाए जा रहे धन से नाराज़ हैं, और अमीरों के बजाय आम लोगों को राहत देने की मांग कर रहे हैं।

क्या वाकई ये राहत है?

अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन और ट्रेजरी सचिव जेनेट येलेन समेत शीर्ष अमेरिकी अधिकारियों ने जनता को आश्वस्त करने का प्रयास किया है कि सरकार वास्तव में बैंकों को राहत नहीं दे रही है। इसका कारण यह है कि इन बैंकों पर भारी मात्रा में खर्च किए गए सरकारी धन को लेकर बड़े पैमाने पर सार्वजनिक प्रतिक्रिया सामने आई है।

अमेरिकी राजनेताओं ने ज़ोर देकर कहा है कि, 2008 के बैंक बेलआउट्स-जिसने ऑक्युपाई वॉल स्ट्रीट से लेकर बर्नी सैंडर्स अभियान तक लोकप्रिय आंदोलनों की लहरें पैदा कीं-के विपरीत, एसवीबी या सिग्नेचर के लिए कोई टैक्सपेयर मनी खर्च नहीं की जाएगी। इसके बजाय, बैंकों के पास "विशेष लेवी" से पैसा आ रहा है। हालांकि, कुछ लोगों ने बताया है कि इस लेवी का भुगतान करने के लिए बैंक जो पैसा इस्तेमाल करेंगे, वह बैंक के मुनाफे से आता है, जो अंततः ग्राहकों से ली गई फीस और ग्राहकों की जमा राशि का उपयोग करके सट्टा लगाकर बनाया गया पैसा है। दूसरे शब्दों में कहें तो बैंक का पैसा वास्तव में जनता का पैसा है।

क्या बैंक वाकई आपका पैसा सुरक्षित रखते हैं?

हाल के इस बैंक संकट ने पूंजीवाद के तहत बैंकिंग प्रणाली के बारे में कुछ असहज सच्चाईयों पर प्रकाश डाला है। हालांकि एसवीबी के पतन का प्रमुख कारण फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में वृद्धि करना था, जिसने सरकारी बॉन्ड का अवमूल्यन किया था, इस ब्याज दर में वृद्धि के कारण ग्राहकों ने ऐसे बॉन्ड में एसवीबी के निवेश पर अविश्वास करना शुरू कर दिया। इसने एक "बैंक-रन" की स्थिति पैदा कर दी, जिसमें बड़ी संख्या में जमाकर्ता एक बार में बैंक से अपना सारा पैसा निकालना शुरू कर देते हैं।

यदि बैंक लोगों की जमा राशि को पूरी तरह से सुरक्षित रखने के लिए मौजूद हैं तो जमाकर्ताओं को अपना पैसा वापस पाने में समस्या क्यों होनी चाहिए? ऐसा इसलिए क्योंकि असल में बैंक पैसे को सुरक्षित नहीं रखते, वे उससे जुआ खेलते हैं। मुनाफा कमाने के लिए, बैंक अपने ग्राहकों की जमा राशि का अधिकांश हिस्सा स्टॉक, बॉन्ड या अन्य सेक्योरिटीज़ में निवेश करते हैं। दुनिया भर में हर कुछ वर्षों में 'बैंक-रन' होते हैं, लेकिन बैंक आमतौर पर उनके लिए कभी भी वित्तीय रूप से तैयार नहीं होते हैं, क्योंकि उन्हें पूंजीवाद के तहत प्रोत्साहित किया जाता है ताकि वे अधिक से अधिक अपनी जमा राशि पर सट्टा लगाकर अधिक से अधिक लाभ कमा सकें। उदाहरण के लिए, यदि एक बैंक अपनी जमा राशि के 90% पर सट्टा लगाता है, तो वे उस बैंक से पिछड़ जाएंगे जो 95% पर सट्टा लगाता है।

2020 में इसे और बढ़ा दिया गया, जब फेडरल रिजर्व ने रिजर्व आवश्यकता को पूरी तरह से समाप्त कर दिया। दशकों तक, बैंकों को रिजर्व में एक निश्चित राशि जमा रखने की आवश्यकता थी। लेकिन फेड ने इस नियम को खत्म करने के बहाने के रूप में महामारी का इस्तेमाल किया और अब बैंकों को 0% जमा राशि नकद में रखने की आवश्यकता है। बैंकों के पास अब नकदी में बहुत कम पैसा है: क्रेश से पहले एसवीबी के पास 175 बिलियन अमरीकी डॉलर में से 5% था, जबकि बैंक ऑफ अमेरिका और जेपी मॉर्गन दोनों के पास महज़ 2% हैं।

कैसी होगी लोगों को दी जाने वाली राहत?

बैंक और उद्यम पूंजीपति लोगों के पैसे से जुआ खेलते हैं। फिर भी समय-समय पर, जब जोखिम भरा ये गैम्बल स्वाभाविक रूप से गलत हो जाता है तो सरकार उन्हें वित्तीय राहत देती है। लेकिन कुछ लोग इशारा कर रहे हैं कि जब कामगार वर्ग की बात आती है, तो अमेरिकी सरकार इतने कम दिनों के भीतर अरबों डॉलर का निवेश नहीं करती है।

जैक्सन की बहुसंख्यक-ब्लैक सिटी, मिसिसिपी सितंबर 2022 से विश्वसनीय पेयजल के बिना है। बिल्ड बैक बेटर लेजिस्लेशन पैकेज के साहसिक सामाजिक व्यय प्रस्तावों को धीरे-धीरे खत्म कर दिया गया और अंततः बहुत महंगा होने के कारण इसे नष्ट कर दिया गया, हालांकि प्रस्तावित सामाजिक कार्यक्रम बैंकों पर खर्च किए गए अरबों रुपयों का एक अंश होता।

अमेरिका कामकाजी लोगों में निवेश नहीं कर रहा है और साथ ही यह विनिवेश भी कर रहा है। 32-राज्य इस महीने फूड स्टैम्प में भारी कटौती करने के लिए तैयार हैं, जिसे विशेषज्ञ "हंगर क्लिफ" कहते हैं, इससे 30 मिलियन से अधिक लोग प्रभावित होते हैं। कुछ लोग मासिक खाद्य सहायता 281 अमेरिकी डॉलर से घटकर 23 अमेरिकी डॉलर देख सकते हैं। यह ऐसे समय में आया है जब जनवरी में ग्रोसरीज़ एक साल पहले की तुलना में 11.3% अधिक थी। विशेष रूप से अंडों की कीमत एक साल पहले की तुलना में 70% अधिक है।

अमेरिका में कामकाजी लोगों की गंभीर आर्थिक तंगी सूचीबद्ध करने के लिए बहुत अधिक है, लेकिन यहां कुछ और वास्तविकताएं हैं: Uber और Lyft जैसी टेक कंपनियों ने कैलिफ़ोर्निया में कानून को सफलतापूर्वक बरकरार रखा है, जो गिग वर्कर्स के वेतन को कम करके USD 6.20 प्रति घंटा कर देता है। अमेरिका में ज़्यादातर लोग साप्ताहिक खर्चों की ज़रुरत से जूझते हैं।

कुछ लोगों का तर्क है कि अगर सरकार अमीरों के बजाय गरीबों और मेहनतकश लोगों में निवेश करना शुरू कर देती है, तो इन प्रयासों से देश की अर्थव्यवस्था में उदारतापूर्वक सुधार होगा। बाइडेन के छात्र ऋण राहत कार्यक्रम को वर्तमान में देश की अदालती व्यवस्था में दक्षिणपंथी अरबपति डोनर्स के द्वारा बाधित किया जा रहा है। विशेषज्ञ कहते हैं, छात्र ऋण माफी अमेरिकी अर्थव्यवस्था को बूस्ट कर सकती है, क्योंकि अधिक वयस्कों के पास कंज़म्प्शन में भाग लेने के लिए पैसा होगा, विशेष रूप से हाउसिंग मार्किट में।

Gallup की एक स्टडी में पाया गया कि अमेरिका में 16 से 74 वर्ष की आयु के आधे से अधिक लोग छठी कक्षा के स्तर से नीचे पढ़ते हैं, लेकिन अगर साक्षरता कौशल को सार्वजनिक शिक्षा में निवेश के माध्यम से बढ़ाया जाता है, तो यह यूएस के लिए वार्षिक आय में 2.2 ट्रिलियन अमरीकी डॉलर जेनरेट करेगा। यह देश की जीडीपी का करीब 8 फीसदी होगा।

पीपल्स डिस्पैच ने ब्रेकथ्रू न्यूज़ के पत्रकार यूजीन पुरीयर से बात की कि वास्तव में लोगों को दी जाने वाली राहत कैसी होगी। पुरीयर कहते हैं, "हम 2020 में COVID-19 महामारी के दौरान स्थापित की गई मिसाल को देख सकते हैं। फेडरल रिजर्व द्वारा 'पेचेक प्रोटेक्शन प्रोग्राम' जैसा कुछ स्थापित किया जा सकता है। यह उन कर्मचारियों की सीधी जांच के रूप में भी हो सकता है जो अपनी आय में संभावित रुकावटों का सामना कर रहे हैं।" पुरीयर ने निजी बैंकों के राष्ट्रीयकरण का प्रस्ताव रखा।

पुरीयर कहते हैं कि ये समाधान, "श्रमिकों के पक्ष में और उन तरीकों से मुद्दों को हल कर सकते हैं जो निवेशकों और सट्टेबाजों को सबसे ज़्यादा तकलीफ देते हैं।"

हालांकि, आखिरकार, "हम एसवीबी संकट को दूर करने के लिए जो कुछ भी करते हैं, हम बार-बार करेंगे, क्योंकि यह मूलभूत समस्या को हल नहीं करेगा।"

पुरीयर कहते हैं, "केवल एक चीज़ जो हम वास्तव में आर्थिक संकटों और बैंक बेलआउट्स के चक्र को समाप्त करने के लिए कर सकते हैं वो है-पूंजीवाद से छुटकारा पाना, क्योंकि यह समस्या वहीं से आती है।

(Courtesy: Peoples Dispatch)

अंग्रेज़ी में प्रकाशित मूल ख़बर को पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें :

Yes, US did Bail Out Banks. What Would a People’s Bailout Look Like?

 

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